Sunday, October 6, 2024
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दक्षिण कोरिया से बिना शुल्क सोना आयात की सुविधा खत्म

  • मुक्त व्यापार समझौते के तहत इस सुविधा का किया जा रहा था दुरुपयोग

  • दक्षिण कोरिया से जुलाई से 27 टन सोने का शुल्क मुक्त आयात हुआ

  • शुल्क चुकाकर किया गया आयात लगभग रुक गया है और संगठित कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ

मुंबई। विदेश व्यापार महानिदेशक ने सोने, चांदी और इन कीमती धातुओं के सिक्कों एवं वस्तुओं के शुल्क मुक्त आयात की सुविधा खत्म करने की अधिसूचना जारी की है। इस सुविधा का जुलाई से दक्षिण कोरिया से शुल्क मुक्त आयात के लिए दुरुपयोग किया जा रहा था। अब सरकार ने तत्काल प्रभाव से ऐसे आयात पर रोक लगा दी है।

 डीजीएफटी ने एक अधिसूचना जारी कर दक्षिण कोरिया के साथ 2009 में किए गए मुक्त व्यापार समझौते के तहत सोने, चांदी और उनसे बनी वस्तुओं के बिना किसी शुल्क के आयात की सुविधा खत्म कर दी है।

जीएफएमएस थॉमसन रॉयटर्स के प्रमुख विश्लेषक (कीमती धातु मांग) सुधीश नांबियथ ने कहा, ‘दक्षिण कोरिया से जुलाई से करीब 27 टन सोने का बिना किसी शुल्क के आयात हुआ है।

शुरुआत में कुछ आयातक आयात कर रहे थे और जुलाई में इस रास्ते से 10 टन सोने का आयात हुआ, लेकिन अगस्त के पहले तीन सप्ताह में 17 टन का आयात हुआ।

आयातित वस्तुओं में सोने के आभूषण और सिक्कों एवं मेडल जैसी वस्तुएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि छोटे-बड़े 25 आयातकों ने इस सुविधा के तहत सोने का आयात किया है। 

यह अधिसूचना इस समय इसलिए जारी की गई है क्योंकि यह इस सुविधा के दुरुपयोग का मामला था और मुक्त व्यापार समझौते की भावना का उल्लंघन था। कथित रूप से 90 फीसदी आयात शीर्ष 5 आयातकों ने किया है।

आयातक आयातित वस्तुओं या विभिन्न कस्टम कोड्स के तहत घोषणाओं को लगातार बदलते रहते हैं। शुल्क मुक्त आयात की वजह से भारतीय सराफा बाजार में सोना आयातित कीमत से 20 डॉलर प्रति औंस (425 रुपये प्रति 10 ग्राम) कम पर बिक रहा था। इसके नतीजतन शुल्क चुकाकर किया गया आयात लगभग रुक गया है और संगठित कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 

ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में मत फंसो: सेबी

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नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने युवाओं को सलाह दी है कि वो असामान्य रिटर्न देने का वादा करने वाली योजनाओं के लालच में न फंसें, विशेषकर पोंजी स्कीम।

मथुरा के अमर नाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए सेबी के डीजीएम सूर्यकांत शर्मा ने बताया, “लालच में फंसने के बजाए, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे निवेश करने से पहले सावधानीपूर्वक योजना के नियम और शर्तों को पढ़ें।”

बीएसई और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित ‘इन्वेस्टर एजुकेशन’ नामक क्षेत्रीय संगोष्ठी में उचित निवेश पर ध्यान देने और फ्रॉड से बचने जैसे मुद्दों पर जोर दिया।

उन्होंने विद्यार्थियों को भविष्य की संदर्भ के लिए योजनाओं एवं एजेंटों का विवरण रखने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने किसी भी वित्तीय हानि को टालने के लिए पोंजी स्कीम से दूर रहने की चेतावनी दी।

वहीं इस समारोह के आखिर में आईडीसी प्रबंधक (सेबी) रेखा वर्मा ने निवेशकों को सलाह दी इस्तेमाल न होने वाले धन को अपने पास न रखें बल्कि इसे सेविंक और रेकरिंग डिपॉजिट में निवेश करने की आदत विकसित करें।

एफडी पर ब्याज का टैक्स नहीं चुकाया तो पकड़ेगा आयकर विभाग

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नई दिल्ली। इनकम टैक्स अथॉरिटीज की नजर अब उन हजारों लोगों पर जा पड़ी है, जिन्होंने एफडी पर इंट्रेस्ट से मोटी कमाई की है, लेकिन टैक्स नहीं दिया है। पूरा ध्यान उन लोगों पर है जिन्हें 5 लाख रुपये या इससे अधिक की आमदनी सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट या एफडी) पर मिले ब्याज से हुई है।

इनमें कुछ बुजुर्ग (सीनियर सिटिजन) हैं जो अपनी कर योग्य आय में ब्याज से मिली रकम को शामिल नहीं करते या रिटर्न ही फाइल नहीं करते। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह बात कही।

यह कदम टैक्स बेस बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का ही एक हिस्सा है। इसके तहत, अधिकारियों का ध्यान उन प्रफेशनल्स पर भी है जो अपनी फी कैश में लेते हैं और अपनी सही आमदनी कभी नहीं बताते जबकि जीते काफी शानो शौकत से हैं।

ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ में लाना बहुत मुश्किल है और सर्वे या सर्च में ये लोग तभी पकड़ में आते हैं जब उनकी कमाई के दौरान छापे पड़ जाएं।  एक बड़े अधिकारी ने कहा, ‘हमारी नजर बड़े टैक्स चोरों पर है। छोटे लोगों का पीछा करने का कोई मतलब नहीं बनता है जिन्हें बहुत ज्यादा ब्याज नहीं मिलता है।

डेरा कांड : उत्तर भारत में कमर्शियल, इंडस्ट्रियल सप्लाई प्रभावित

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नई दिल्ली। डेरा हिंसा के बाद से पैदा हुए हालात ने दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे नॉर्थ इंडिया में कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सप्लाई पर असर डाला है। हरियाणा और पंजाब से होकर जाने वाले कई राजमार्गों पर ट्रांसपॉर्टर्स ने बुकिंग रोक दी थी, जो अब भी पूरी तरह नहीं खुली है।

हालांकि कानून-व्यवस्था में सुधार नजर आ रहा है, लेकिन सोमवार को डेरा प्रमुख राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद हालात फिर बिगड़ने की आशंका में ट्रांसपॉर्ट जोखिम नहीं लेना चाहते।

 हरियाणा और पंजाब के ज्यादातर इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स से दिल्ली-एनसीआर में माल की आवाजाही 70 पर्सेंट तक घट चुकी है। पंजाब, हिमाचल और कश्मीर से फल-सब्जियों की सप्लाइ पर भी असर पड़ा है।

शुक्रवार को हिंसा, कई जिलों में कर्फ्यू और लगभग सभी राजमार्गों पर यातायात बंद होने के बाद ट्रांसपॉर्टर्स ने आगे की बुकिंग कैंसल कर दी थी। वे अब भी हालात पर नजर रखे हुए हैं।

दिल्ली गुड्स ट्रांसपॉर्ट ऑर्गनाइजेशन के प्रेजिडेंट राजिंदर कपूर ने बताया, ‘हमने शुक्रवार को ही अपने सभी मेंबर्स को आगाह कर दिया था कि हरियाणा-पंजाब से होकर गुजरने वाले मार्गों से गाड़ियां हटा लें और हालात सुधरने का इंतजार करें। अब भी कोई ऑपरेटर रिस्क नहीं लेना चाहता।’

औद्योगिक जानकारों का कहना है कि दिल्ली से सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला होकर जाने वाले राजमार्ग-1 स्थित औद्योगिक क्लस्टर्स से न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे नॉर्थ इंडिया में टेक्सटाइल, फर्निशिंग, ऑटो पार्ट्स, मशीनरी की सप्लाइ होती है।

यहां से देशभर में माल की आवाजाही दो दिन तक ठप रही। इसी तरह राजमार्ग-10 पर रोहतक, हिसार, फतेहाबाद से सिरसा तक इंडस्ट्रियल यूनिटों में कामकाज लगभग बंद रहा।

कुंडली इंडस्ट्रियल एरिया असोसिएशन के सुभाष गुप्ता ने बताया कि औद्योगिक गतिविधियां जारी हैं, लेकिन सप्लाइ पर असर पड़ा है। फरीदाबाद स्मॉल इंडस्ट्रीज असोसिएशन के एक मेंबर ने बताया, ‘यहां औद्योगिक कामकाज तो बंद नहीं हुआ, लेकिन जिस तरह सप्लाइ रुकी है।

अगर एक-दो दिन और ऐसे हालात रहे तो जाट आंदोलन के समय हुआ नुकसान फिर झेलना पड़ सकता है।’ गुजरात, राजस्थान, पंजाब से दिल्ली के कई बड़े होलसेल बाजारों में आने वाले माल पर असर देखा जा रहा है।

हालांकि, रविवार को कई राजमार्गों पर परिचालन शुरू होने की खबरें आईं, लेकिन ट्रेडर्स इस बात को लेकर आशंकित दिखे कि सोमवार को डेरा प्रमुख को सजा के ऐलान के बाद भी हिंसक गतिविधियां हो सकती हैं।

ज्यादातर लोग कनसाइनमेंट टालने के मूड में हैं। आजादपुर मंडी में चैंबर ऑफ फ्रूट्स ऐंड वेजिटेबल्ज के प्रेजिडेंट मेठाराम कृपलानी ने कहा कि शुक्रवार के बाद से हिमाचल और जम्मू-कश्मीर से सप्लाइ 30-40 पर्सेंट तक घटी है।

रविवार को छुट्टी होने के चलते ट्रेंड साफ नहीं है, लेकिन सोमवार को राजमार्ग बंद हुए तो फल-सब्जियों की आवक और कीमतों पर बुरा असर पड़ सकता है। मंडी में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब से भी ज्यादातर सप्लाइ हरियाणा होकर ही आती है।

जीडीपी के आंकड़ों पर रहेगी शेयर बाजार की नजर

इन्फोसिस में नंदन नीलेकणि की वापसी से भी बाजार को सहारा मिल सकता है

नई दिल्ली । दलाल स्ट्रीट के लिए अगला हफ्ता उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है। निवेशकों की नजर 31 अगस्त को जारी होने जा रहे सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के आंकड़ों पर रहेगी। इस दिन अगस्त के वायदा सौदों का भी निपटान होना है।

पिछले हफ्ते गणोश चतुर्थी के कारण चार दिन ही बाजार खुले थे। इस दौरान बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 71.38 अंक चढ़ा था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी में 19.65 अंक की बढ़ोतरी हुई थी।

इस हफ्ते के रुझान को लेकर कोटक सिक्योरिटीज से जुड़ी टीना विरमानी ने कहा, ‘बाजार की नजर जीडीपी के आंकड़ों पर रहेगी। निवेशक नए सीईओ की नियुक्ति को लेकर इन्फोसिस प्रबंधन की ओर से मिलने वाले संकेतों पर भी निगाह बनाए रखेंगे।’

शुक्रवार को पीएमआइ मैन्यूफैक्चरिंग आंकड़े भी आने हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘किसी नए कारक के नहीं होने से बाजार एक सीमा में रहकर कारोबार करता दिख सकता है। निवेशकों का ध्यान बीती तिमाही में अच्छे नतीजे दिखाने वाली कंपनियों की ओर रहेगा।’

पिछले दो हफ्ते से बाजार में उथल-पुथल की वजह बनी इन्फोसिस में नंदन नीलेकणि की वापसी से भी बाजार को सहारा मिल सकता है। बीते हफ्ते देश की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (एमकैप) में 13,799.08 करोड़ रुपये की गिरावट हुई।

कंपनी के कुल शेयरों का बाजार मूल्य ही उसका एमकैप कहलाता है। इस दौरान एफएमसीजी क्षेत्र की बड़ी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के बाजार पूंजीकरण में सबसे ज्यादा गिरावट आई।

एचयूएल का एमकैप 4,491.26 करोड़ रुपये गिरकर 2,55,179.55 करोड़ रुपये रहा। टाटा समूह की आइटी कंपनी टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 3,359.58 करोड़ रुपये घटकर 4,77,672.18 करोड़ रुपये हो गया।

सेसेंक्स 150 पॉइंट से ऊपर चढ़ कर खुला

नई दिल्ली। देश के शेयर बाजारों ने सप्ताह की शुरुआत बढ़त के साथ की। सोमवार को सेंसेक्स 150 से ज्यादा अंक चढ़कर खुला तो निफ्टी भी 9900 के पार हो गया।

ओपनिंग बेल बजा तो सेंसेक्स 31,750 जबकि निफ्टी 9,905 पर थे। उधर, नंदन निलेकणी की इन्फोसिस में वापसी से कंपनी के शेयरों ने तेजी दिखाई।

निलेकणी के कामकाज संभालने के बाद सीएलएसए ने इन्फोसिस शेयरों की अंडरपरफॉर्म रेटिंग हटाकर बाय कर दी। साथ ही, इसका टारगेट प्राइस भी 940 रुपये से बढ़ाकर 1,070 रुपये कर दिया।

सोमवार के शुरुआती कारोबार में कोटक महिंद्रा, आयशर मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, सन फार्मा और ओएनजीसी के शेयर अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे।

वहीं, डॉ. रेड्डीज लैब, हीरो मोटोकॉर्प, एशियन पेंट्स और आईटीसी के शेयर दबाव में दिखे। वहीं, निफ्टी मिडकैप के शेयरों में 0.4 प्रतिशत की बढ़त देखी गई और प्रत्येक 5 में से चार शेयरों ने बढ़त हासिल की।

डीएलएफ, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पावर, फ्यूचर एंटप्राइजेज, सुजलॉन एनर्जी, अंसल हाउजिंग, नेस्ले इंडिया, बजाज फिनसर्व और बजाज फाइनैंस के शेयर 6 प्रतिशत तक चढ़े जबकि पीसी जूलर, टाइटन कंपनी, स्ट्राइड्स, वोकहार्ट औ कडिला हेल्थकेयर आदि पर दबाव देखा गया।

ई-कॉमर्स फर्मों के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार को पिछले साल मिलीं उपभोक्ता मामलों से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ थीं। क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) को इसका पता केंद्र को मिली शिकायतों की प्रकृति का अध्ययन करने पर चला है।

इसको देखते हुए क्यूसीआई ने सरकार को ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों के नाम लंबित शिकायतों के साथ सार्वजनिक करने का सुझाव दिया है। क्यूसीआई की रिपोर्ट मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर पीएमओ जितेंद्र सिंह ने जारी की है।

रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को मिलीं सबसे ज्यादा शिकायतें अवैध गोवध से संबंधित थीं। मिनिस्ट्री ऑफ इन्फर्मेशन ऐंड ब्रॉडकास्टिंग (एमआईबी) को सबसे ज्यादा शिकायतें सेट टॉप बॉक्स कंपनियों के खिलाफ मिलीं।

एमआईबी को मिली शिकायतों के सिग्नल नहीं मिलने और नेटवर्क बाधित होने से जुड़े थे। सिविल एविएशन मिनिस्टर को सबसे ज्यादा शिकायतें एयर इंडिया की सर्विस को लेकर मिली थीं।

2016 में केंद्र सरकार के 88 मंत्रालयों और विभागों को लगभग 12 लाख शिकायतें मिलीं जो साल भर पहले के 8.7 लाख शिकायतों से बहुत ज्यादा थीं।

क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने शिकायतों का विश्लेषण करने, उसकी मूल वजह जानने और सरकार को उसमें कमी लाने के लिए व्यवस्थित बदलाव के बारे में सुझाव देने के लिए स्टडी की थी।

क्यूसीआई रिपोर्ट के मुताबिक, ई-कॉमर्स कंपनियों के मामले में शिकायतें प्रॉडक्ट्स की क्वॉलिटी चेक को लेकर अस्पष्ट गाइडलाइंस, रिफंड का मानक तरीका नहीं होने, डिलिवरी और एक्सचेंज पॉलिसी से जुड़ी थीं।

शिकायतों में यह भी कहा गया था कि इन कंपनियों के संबंध में दाम और डिस्काउंट का कोई रेग्युलेशन नहीं होता और उनकी कस्टमर सर्विस भी खराब है।

इसमें कहा गया है कि ऐसी शिकायतों की वजह यह है कि ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शंस को लेकर कोई पॉलिसी नहीं है। ना ही इन कंपनियों की तरफ से बेचे जाने वाले सामान की क्वॉलिटी की पड़ताल होती है। कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों के पास रिटर्न, एक्सचेंज और डिलिवरी को लेकर स्पष्ट नीति नहीं है।

 

डिजिटल पेमेंट करने पर जीएसटी में 2% छूट मिलेगी

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नई दिल्ली। अगर आप डिजिटल पेमेंट करते हैं तो आपके लिए चीजें थोड़ी सस्ती हो सकती हैं। सरकार डिजिटल पेमेंट करने की सूरत में सामानों पर लागू जीएसटी दर में 2 प्रतिशत की छूट देने पर विचार कर रही है। नकद भुगतान की प्रथा को कमजोर करने के लिए सरकार की योजना 2,000 रुपये तक के डिजिटल पेमेंट पर लागू हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, डिस्काउंट या कैश बैक के रूप में डिजिटल पेमेंट का फायदा देने के प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक, कैबिनेट सचिवालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीक मंत्रालय के बीच विचार-विमर्श चल रहा है।

इसका लक्ष्य भारत को कम नकदी लेनदेन आधारित अर्थव्यवस्था बनाने की सरकार की योजना के मुताबिक सभी तरह के डिजिटल पेमेंट्स और खासकर छोटे लेनदेन करनेवालों को फायदा देने का है।’

सूचना तकनीक मंत्रालय डिजिटल पेमेंट्स को लेकर सरकार के प्रयासों की अगुवाई कर रहा है और इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स को और लोकप्रिय बनाने के लिए तरह-तरह के कदम उठाने पर विचार कर रहा है।

हाल ही में हुई एक मीटिंग में 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद डिजिटल पेमेंट सिस्टम्स से लेनदेन की स्थिति का विश्लेषण किया गया। इस मीटिंग में आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद और वित्त मंत्रालय समेत सरकार के विभिन्न विभागों तथा कैबिनेट सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

दरअसल, डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावे देने की जरूरत का जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते रहे हैं। इससे विभिन्न सरकारी विभागों पर डिजिटल पेमेंट को ज्यादा स्वीकृति दिलाने का दबाव है। 71वें स्वतंत्रता दिवस पर मोदी ने लोगों से नकद लेनदेन कम करने की अपील की थी।

सूत्र ने बताया कि डिस्काउंट या कैश बैक का फायदा देने का विचार छोटे लेनदेन करनेवालों के लिए हो रहा है क्योंकि इनकी तादाद बहुत बड़ी है और लोग इतनी रकम तक का लेनदेन नकदी में ही करते हैं।

सूत्र के मुताबिक, ‘2,000 रुपये तक का नकद लेनदेन करनेवालों की तादाद काफी बड़ी है और अगर इन्हें फायदा दिया जाए तो डिजिटल पेमेंट्स को तो बढ़ावा मिलेगा ही, लोग औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से कदम बढ़ाएंगे।

इससे व्यवस्था में मौजूद छेद बंद होंगे और काले धन के खिलाफ लड़ाई को ताकत मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि सरकार 20 प्रतिशत टैक्स छूट का फायदा कैसे पहुंचाएगी। सूत्र ने कहा, ‘मामला वित्त मंत्रालय के पास है।’

रिजर्व बैंक के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में 67 करोड़ डिजिटल पेमेंट्स हुए जो इस साल मार्च में बढ़कर रेकॉर्ड 89 करोड़ पर पहुंच गए। हालांकि, जून महीने में सिर्फ 84 करोड़ ट्रांजैक्शन ही डिजिटल मीडियम से हुए।

हैंगिंग ब्रिज पर सेल्फी का मजा ही कुछ ओर है

कोटा। हमारे पाठकों की भेजी गई तस्वीर देख कर तो यही लगता है, कि हेंगिग ब्रिज पर सेल्फी का मजा ही कुछ ओर है। कोटा में पूर्वी और पश्चिमी भारत को राजमार्ग से जोडऩे वाले चंबल नदी पर बने हैंगिंग ब्रिज का लोगों के लिए एक नये पिकनिक स्पोट के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। रविवार को यहां लोगों का जमावडा रहा।

युवक-युवतियों ने यहां सेल्फियों के तो मानों अम्बार लगा दिए। सुबह से ही यहां लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ आना शुरू हो गए। बच्चों ने भी यहां जमकर मस्ती की और कोटा के इस स्पोट का जमकर आनंद लिया। 

फोटो या वीडियो भेजकर आप भी पा सकते हैं पुरस्कार
हमारे पाठक कोई भी अपनी स्वीट मेमोरी शेयर करना चाहें तो फोटो एवं वीडियो हमारे whatsapp number 9672930035 पर भेज सकते हैं। अच्छी क्वालिटी के फोटो एवं वीडियो हम हमारे ऑनलाइन पाठकों तक पहुचायेंगे।

जिस फोटो या वीडियो को सबसे ज्यादा लाइक मिलेंगे उसे www,lendennews-ee4f51.ingress-erytho.ewp.live की ओर से पुरस्कृत किया जायेगा। पारिवारिक फोटो या वीडियो नहीं होने चाहिए। डिफरेंट एंगल जैसे पिकनिक स्पॉट्स, वाइल्ड लाइफ, नेचुरल सीन को ही प्राथमिकता दी जाएगी। जिसे देखकर हर कोई कहे वाह। 

‘कौन बनेगा करोड़पति’ सोनी चैनल पर आज से

बच्चन का कहना है कि कौन बनेगा करोड़पति आम आदमी के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देता है।

यह कार्यक्रम मेरे दिल के बहुत करीब है और मैं सोनी एंटरटेनमेंट पर इसके नौंवे संस्करण की मेजबानी करके खुश हूं।

मुंबई। ‘देवियों और सज्जनों’, एक बार फिर से यह आवाज सुनाई देने वाली है। करोड़पति बनने के सपने को पूरा करने की कोशिश कर रहे कई लोगों के लिए ‘हॉट सीट’ को एक बार फिर से खोला जा रहा है।

सुपर स्टार अमिताभ बच्चन भारतीय टेलीविजन के सबसे बड़े कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति'(केबीसी) के 9वें संस्करण की मेजबानी करने वाले हैं। यह शो 28 अगस्त यानी आज से शुरू हो रहा है, जो हर सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन (सेट) पर आएगा।

केबीसी 9 नई लाइफलाइन्स आैर कई प्रकार की तकनीकी उन्नति के साथ शुरू होगा, जो विस्तृत रूप से सीमित एपिसोड के इस सीजन समाहित रहेगा। ‘फोन फ्रेंड’ लाइफलाइन को इस सीजन में ‘वीडियो फ्रेंड’ में बदल दिया गया है।

इसके अलावा, एक नई कुशल शीर्षक वाली लाइफ लाइन ‘जोड़ीदार’ भी शुरू की गई है, जिसमें प्रतिभागी इस प्रसिद्ध हॉट सीट पर अपने साथ एक पार्टनर को शामिल कर सकते हैं।

7 करोड़ रुपए का जैकपॉट सवाल लाकर खेल को और भी ज्यादा मजेदार बना दिया गया है। यह सब कुछ या कुछ भी नहीं वाला सौदा होगा, जहां प्रतिभागियों की बाकी बची लाइफलाइंस को खत्म कर दिया जाएगा।

इस बार लाइफ साइज चेक डिजिटल मुद्रा में बदलकर एक्सिस बैंक के माध्यम से विजेता के खाते में जाएगी।
बच्चन खास एपिसोड में असल जिंदगी के नायकों को आमंत्रित करेंगे।

इन लोगों को केवल गेम खेलने का मौका दिया जाएगा बल्कि अपने ध्येय के समर्थन में देश तक पहुंचने के लिए एक प्लेटफार्म भी दिया जाएगा। जिओ सब्सक्राइबर अब घर बैठे जैकपॉट जीतो प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं।