Sunday, October 6, 2024
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स्टॉकिस्टों की लिवाली से चना और दाल की कीमतों में तेजी

नयी दिल्ली। स्टॉकिस्टों की लिवाली के कारण चना और इसकी दाल की कीमतों में तेजी को छोड़कर दिल्ली के थोक दाल दलहन बाजार में आज अन्य दलहनों की कीमतों में स्थिरता का रुख रहा।

बाजार सूत्रों ने कहा कि फुटकर विक्रेताओं की मांग में तेजी के बाद स्टॉकिस्टों की ताजा लिवाली के कारण मुख्यत: चना औैर इसके दाल की कीमतों में तेजी आई।

राष्ट्रीय राजधानी में चना की कीमत तेजी के साथ 6,200 .. 6,800 रुपये प्रति किवंटल हो गई जो कीमत पहले 6,000 .. 6,700 रुपये प्रति किवंटल थी। इसके दाल स्थानीय और बेहतरीन गुणवत्ता की कीमतें भी 200 .. 200 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 6,900 .. 7,300 रुपये और 7,300 .. 7,400 रुपये प्रति किवंटल हो गई।

बेसन शक्तिभोग और राजधानी की कीमतें भी तेजी के साथ क्रमश: 2,700 .. 2,700 रुपये प्रति 35 किग्रा का बैग हो गई जो कीमतें पूर्व में क्रमश: 2,600 .. 2,600 रुपये प्रति 35 किग्रा का बैग थीं।

दलहन के बंद भाव : रुपया प्रति किवंटल में भाव  इस प्रकार रहे…उड़द 5,000 .. 6,100 रुपये, उड़द छिलका :स्थानीय: 5,100 .. 5,200 रुपये, उड़द बेहतरीन 5,200 .. 5,700 रुपये, धोया 5,600 .. 5,800 रुपये, मूंग 5,100 .. 5,800 रुपये, दाल मूंग छिलका स्थानीय 5,800 .. 6,000 रुपये, मूंग धोया स्थानीय 6,400 .. 6,900 रुपये और बेहतरीन लिटी 6,900 .. 7,100 रुपये।

मसूर छोटी 3,900 .. 4,100 रुपये, बोल्ड 3,950 .. 4,200 रुपये, दाल मसूर स्थानीय 4,200 .. 4,700 रुपये, बेहतरीन लिटी 4,300 .. 4,800 रुपये, मलका स्थानीय 4,550 .. 4,750 रुपये, मलका बेहतरीन लिटी 4,650 .. 4,850 रुपये, मोठ 3,800 .. 4,200 रुपये, अरहर 4,400 रुपये, दाल अरहर दड़ा 6,400 .. 8,200 रुपये।

चना 6,200 .. 6,800 रुपये, चना दाल स्थानीय 6,900 .. 7,300 रुपये, बेहतरीन लिटी 7,300 .. 7,400 रुपये, बेसन :35 किग्रा: शक्तिभोग 2,700 रुपये, राजधानी 2,700 रुपये, राजमा चित्रा 7,800 .. 10,100 रुपये, काबुली चना छोटी 10,100 .. 11,300 रुपये, डाबरा 2,700 .. 2,800 रुपये, आयातित 4,700 .. 5,100 रुपये, लोबिया 4,800 .. 5,000 रुपये, मटर सफेद 2,625 .. 2,650 रुपये और हरी 2,675 .. 2,775 रुपये।

एनटीपीसी में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री हुई ओवर सब्स्क्राइब

प्रस्तावित 32.98 करोड़ शेयरों के समक्ष 46.35 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगी यानी ऑफर 1.41 गुना ओवर सब्स्क्राइब हो गया

नई दिल्ली। एनटीपीसी में सरकार की 5 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने के लिए जारी ऑफर को संस्थागत निवेशकों ने हाथोंहाथ लपक लिया। उनके लिए आरक्षित बिक्री के लिए शेयर ओवर सब्स्क्राइब हो गए।

इन संस्थागत निवशकों ने 168 रुपये प्रति शेयर के फ्लोर प्राइस पर करीब 7790 करोड़ के शेयरों के लिए बोली लगाई है। बिक्री ऑफर के पहले दिन प्रस्तावित 32.98 करोड़ शेयरों के समक्ष 46.35 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगी यानी ऑफर 1.41 गुना ओवर सब्स्क्राइब हो गया। ये खरीद के ऑफर संस्थागत निवेशकों से हासिल हुए हैं।

बाजार बंद होने के समय करीब 168 रुपये प्रति शेयर के दाम पर 7790 करोड़ रुपये के ऑफर मिले। रिटेल निवेशकों के लिए प्रस्तावित शेयरों की बिक्री के लिए ऑफर आज (बुधवार को) खुल रहा है।

इस श्रेणी के निवेशकों को फ्लोर प्राइस से 5 फीसदी का डिस्काउंट दिया जाएगा।  गौरतलब है कि सरकार एनटीपीसी में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी यानी 41.22 करोड़ शेयरों को दो दिवसीय ऑफर में बेच रही है।

मंगलवार को एनटीपीसी के शेयर का बंद भाव बीएसई पर 168.50 रुपये था जो पिछले दिन के बंद भाव से 2.80 फीसदी कम था।

 बुधवार को कंपनी के शेयर का बंद भाव 167.80 रुपये था। दिन का ऊंचा भाव 171.35 तक गया और निचला भाव 165.75 दर्ज हुआ था।

सरकार इस वित्तीय वर्ष में छह कंपनियों में विनिवेश के जरिये करीब 8800 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। वैसे सरकार का वर्ष 2017-18 का विनिवेश लक्ष्य 72,500 करोड़ था।

बाजार ने फिर बनाई बढ़त, सेंसेक्स 258 पॉइंट चढ़कर बंद

नई दिल्ली। शेयर बाजार ने बुधवार को एक बार फिर रफ्तार दिखाई। मंगलवार को लगे ग्लोबल झटकों से उबरते हुए सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में ही बढ़त देखने को मिली।

सेंसेक्स ने 258.07 और निफ्टी ने 88.35 अंकों की बढ़त हासिल की। कल की तुलना में सेंसेक्स और निफ्टी ने क्रमशः 0.82 और 0.90 फीसदी की बढ़त दिखाई।

बुधवार को शेयर बाजार में एनर्जी और बैंकिंग स्टॉक्स ने अच्छा प्रदर्शन किया। निफ्टी में इंडियन ऑइल के स्टॉक्स ने 4 फीसदी से अधिक की बढ़त हासिल की।

इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारत पेट्रोलियम और हिंडाल्को के भी शेयरों में बढ़त देखने को मिली। बैंकिंग स्टॉक्स में एचडीएफसी और यस बैंक ने बढ़त बनाने में कामयाबी हासिल की।

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बढ़त देखने को मिली। देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को आई गिरावट के बाद बुधवार को शुरआत भी तेजी में हुई।

लिवाली समर्थन मिलने से बैंकिंग, पेट्रोलियम और रोजमर्रा के उपभोग के सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी का रुख रहा। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 193 अंक चढ़ गया तो नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 9,800 अंक से ऊपर निकल गया।

मंगलवार को सेंसेक्स में भारी गिरावट आई थी। उत्तरी कोरिया के जापान के ऊपर से मिसाइल दागने से बढ़े भू-राजनीतिक तनाव के चलते वैश्विक बाजारों में गिरावट का रुख था।एशियाई बाजारों में भी कल की गिरावट के बाद आज सुधार का रख रहा।

जापान का निक्केई सूचकांक 0.55 प्रतिशत ऊंचा रहा। हॉन्ग कॉन्ग का हेंग सेंग सूचकांक 0.79 प्रतिशत बढ़ गया जबकि शंघाई का कंपोजिट सूचकांक भी 0.05 प्रतिशत बढ़ गया।

SUV कारों पर लगेगा 25 फीसद सेस, कैबि‍नेट ने दी अध्या्देश को मंजूरी

9 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को सामने रखा जाएगा।

नई दिल्ली । केंद्रीय कैबि‍नेट ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर सर्वि‍स टैक्स (जीएसटी) के तहत लग्जरी कारों पर लगने वाले सेस को 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करने वाले अध्या्देश को मंजूरी दे दी है।

9 सितंबर को होने वाली आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को सामने रखा जाएगा। इसके बाद वित्त मंत्रालय की ओर से इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।

क्या कहना है मारुती सुजुकी का:
देश की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी मारुती सुजुकी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार की ओर से सेस में इजाफा किए जाने के बाद गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही यह फैसला ऑटोमोबाइल कंपनियों की मांग पर भी असर डाल सकता है।

बढ़ जाएंगे मिड साइज और एसयूवी के दाम:
केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब मि‍ड साइज, लार्ज और स्पोर्ट्स यूटि‍लि‍टी व्हीैकल्‍स की कीमतों का बढ़ना तय माना जा रहा है। अनुमानित रुप से इनमें 1 से लेकर 3 लाख रुपए तक का इजाफा हो सकता है। आपको बता दें की बीते 5 अगस्त हो हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में मुआवजा कानून में बदलाव करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी।

फैसले के बाद टूटे महिंद्रा एंड महिंद्रा के स्टॉक्स:
दिन के कारोबार में करीब 12.30 बजे महिंदा एंड महिंदा लिमिटेड (एमएंडएम) के स्टॉक्स 0.03 फीसद की कमजोरी के साथ 1377.35 के स्तर पर कारोबार करते देखे गए। शेयर्स का दिन का उच्चतम 1386.95 का स्तर और निम्नतम 1373 का स्तर रहा है। वहीं इसका 52 हफ्तों का उच्चतम 1501 का स्तर और निम्नतम 1141 का स्तर रहा है।

अस्पतालों में रूम किराये पर नहीं लगेगा GST

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अस्पतालों में मरीजों द्वारा लिए गए कमरे के किराये पर जीएसटी नहीं देना होगा 

नई दिल्ली। अस्पतालों में मरीजों के कमरे के किराये पर जीएसटी नहीं लगेगा। वहीं भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अखिल भारतीय आधार पर जीएसटी एप्लिकेशन सर्विस की शुरुआत की है।

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने मंगलवार को विभिन्न आश्रय स्थलों पर लगने वाले जीएसटी पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि होटलों, गेस्ट हाउसों या विश्राम स्थलों के कमरों पर कर वास्तविक राशि पर देय होगा और न तो इसकी घोषणा की जाएगी और न ही प्रकाशित किया जाएगा। अस्पतालों में मरीजों द्वारा लिए गए कमरे के किराये पर जीएसटी नहीं देना होगा। 

बीएसएनल ने शुरू की जीएसटी एप्लिकेशन सर्विस
जीएसटी के दायरे में आने वाले छोटे शहरों, कस्बों या गांवों के कारोबारी अब किसी अकाउंटेंट या चार्टर्ड अकाउंटेंट की सहायता के बिना भी नि:शुल्क जीएसटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

इसके लिए सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अखिल भारतीय आधार पर जीएसटी एप्लिकेशन सर्विस की शुरुआत की है।  
 
बीएसएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने मंगलवार को यहां इस सेवा की शुरुआत करते हुए बताया कि इसे मझोले तथा छोटे शहरों के वैसे कारोबारियों को लक्ष्य कर तैयार किया गया है, जो किसी सीए या अकाउंटेंट की सेवा नहीं ले सकते।

इस सेवा की शुरुआत के लिए बीएसएनएल ने मेसर्स मास्टर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी की है। इसमें कारोबारी रिटर्न तैयार कर सकते हैं, जीएसटी चालान निकाल सकते हैं, जीएसटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं और बेमेल इनवॉयस वापस लौटा सकते हैं।    
  
कारोबारियों के लिए शुरुआत में कंपनी ने तीन योजनाओं की घोषणा की है। पहली योजना बेसिक है, जिसमें कारोबारी नि:शुल्क जीएसटी रिटर्न दायर कर सकेंगे। इसमें महीने में अधिकतम दो हजार इनवॉयस अपलोड करने की सुविधा होगी।

दूसरी योजना प्लस है, जिसमें हर महीने 2,000 से 6,000 इनवॉयस अपलोड करने की सुविधा होगी। इसके लिए कारोबारी को हर साल 2,000 रुपये देने होंगे।

तीसरी योजना प्रो है, जिसमें कारोबारी असीमित संख्या में इनवॉयस अपलोड कर रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। इसके लिए प्रति इनवॉयस एक रुपया का शुल्क लिया जाएगा।   

सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक बढ़ाई आधार की डेडलाइन

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आधार को सोशल स्कीम से लिंक करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाकर्ताओं के अनुरोध को मानते हुए कोर्ट ने कहा कि वो इस पर नवंबर के पहले हफ्ते में सुनवाई करेगा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आधार मामले की सुनवाई से पहले सोशल सिक्युरिटी स्कीम के लिए आधार कार्ड बनाने की डेडलाइन को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। पहले यह सीमा 30 सितंबर तक की थी।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि वो नवंबर के पहले हफ्ते में आधार कार्ड से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगा। केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच में पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार डेडलाइन बढ़ाने पर पूरी तरह से सहमत है। 

आधार को सोशल स्कीम से लिंक करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाकर्ताओं के अनुरोध को मानते हुए कोर्ट ने कहा कि वो इस पर नवंबर के पहले हफ्ते में सुनवाई करेगा।   

सरकार ने की पांच जजों की बेंच में सुनवाई की मांग
वेणुगोपाल ने कोर्ट से मांग की कि इस मामले की सुनवाई 3 की जगह पांच जजों की बेंच करे। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार की आधार को सोशल स्कीम से जोड़ने की योजना पर स्टे लगाने से भी इंकार कर दिया। 

निजता के अधिकार पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मौलिक अधिकार है। आधार कार्ड योजना को दी गई चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। 9 जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से कहा कि आधार की सूचना लीक नहीं कर सकते, साथ ही निजता की सीमा तय करना संभव नहींं है।

सुप्रीम कोर्ट ने ये जरूर कहा है कि आधार और पैन की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। इससे पहले दो अगस्त को सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि निजता को मौलिक अधिकार कहा जा सकता है लेकिन यह पूरी तरह से अनियंत्रित नहीं है यानी शर्त विहीन नहीं है। ऐसे में निजता के अधिकार को पूरी तरह से मौलिक अधिकार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

कोटा शहर को मिली हैंगिंग ब्रिज की सौगात

हैंगिंग ब्रिज का उद्घाटन प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने उदयपुर में आयोजित समारोह में किया

कोटा । मंगलवार का दिन कोटावासियों के लिए मंगलकारी साबित हुआ और खुशियों की सौगात लेकर आया। कोटा में चम्बल नदी पर बने राज्य के पहले हैंगिंग ब्रिज का उद्घाटन प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने उदयपुर में आयोजित समारोह में बटन दबाकर  किया।

आमजन के लिए उद्घाटन समारोह का सीधा प्रसारण हैंगिंग ब्रिज के समीप ही तीन एलईडी स्क्रीन लगाकर किया गया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में हैंगिंग ब्रिज का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पूर्व-पश्चिम कोरिडोर जुडने के साथ-साथ पर्यटन को भी विशेष बढावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इस पुल के बनने में हालांकि समय लगा लेकिन अब विकास की गति तेजी से बढेगी।केन्द्रीय सडक एवं परिवहन मंत्री ने कहा कि हैंगिंग ब्रिज में आधुनिक तकनीकी का उपयोग किया गया है।

इसके शुरू होने से पूर्व से पश्चिम तक जोडने वाले मार्ग पर बिना अवरोधक के आवागमन सुगम होगा। उन्होंने हैंगिंग ब्रिज शुरू करने में प्रदेश की मुख्यमंत्री एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रयासों का भी जिक्र किया। 

हैंगिंग ब्रिज उद्घाटन के साक्षी हाडौती के हजारों लोग बनेंं उदयपुर के सीधे प्रसारण के समय प्रधानमंत्री द्वारा हैंगिंग ब्रिज के उद्घाटन का बटन दबाते देखकर लोगों में खुशी की लहर दौड गई। हैंगिंग ब्रिज का बरसों पुराना सपना साकार होते देखकर लोग बरसात में भी समारोह में जमे रहे।

सांसद ओम बिरला ने कहा कि संकल्प से सिद्धी की ओर हम आगे बढते हुए हाडौती के लोगों के सपनों को साकार होते हुए देख रहे हैं। ये सपने कोटा के विकास में ऎतिहासिक साबित होंगे। उन्होंने कहा कि इससे कोटा शहर में होकर गुजरने वाले भारी वाहन सीधे बाईपास होकर जा सकेंगे।

हैगिंग ब्रिज से यातायात शुरू होते ही कोटा प्रदूषण मुक्त एवं दुर्घटना मुक्त शहर बन सकेगा।एक दिवस पूर्व हैंगिंग ब्रिज के समीप शुरू किये गये धार्मिक आयोजन में भी लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। चम्बल की महाआरती, यज्ञ हवन एवं भजन संध्या उद्घाटन समारोह तक अनवरत जारी रही। 

उद्घाटन के दिन मंगलवार को कोटा में हेंगिंग ब्रिग देखने उमड़ा जनसैलाब।

ब्रिज की विशेषता
हैंगिंग ब्रिज 1.40 किमी लम्बा है। जिसकी चौडाई 30 मीटर है, 6 लेन, 1.6 मीटर फुटपाथ भी है। हैंगिंग ब्रिज चम्बल नदी से 60 मीटर की उंचाई पर है, यह 80 केबिलों पर टिका हुआ है।

41 मीटर सबसे छोटा केबल तथा 192 मीटर सबसे बडा केबल है। इस ब्रिज के निर्माण में आठ देशों भारत, फ्रांस, अमेरिका, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, इटली, जापान एवं यूके्रन की तकनीकी एवं अनुभव को काम लिया गया है।

 पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर को जोडेगा
कोटा में चम्बल नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज गुजरात के पोरबन्दर से लेकर आसाम के सिल्चर तक सात राज्यों को जोडने वाले ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का भाग है। ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर पर वाहन फर्राटे से विना रूके दौड सकेंंगे।

ब्रिज बनने से रावतभाटा से झालावाड़, जयपुर से बारां, चित्तौड-उदयपुर से बारां-झालावाड़ तथा जयपुर से जबलपुर जाने वाले वाहनों को कोटा शहर के अन्दर से नहीं जाना पडे़गा। 

ये रहे मौजूद
उदयपुर में आयोजित समारोह मेंं राज्यपाल  कल्याण सिंह, केन्द्रीय सडक एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, पी.पी.चौधरी,  राज्यवर्धन सिंह राठौड, गृह मंत्री गुलाबंचद कटारिया, सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खान सहित प्रदेश के सांसद एवं विधायकगण भी मौजूद रहे।

हैंगिंग ब्रिज के उद्घाटन समारोह के समय कोटा में सांसद ओम बिरला, विधायक चन्द्रकांता मेघवाल, हीरा लाल नागर, संदीप शर्मा, बूंदी विधायक अशोक डोगरा, महापौर महेश विजय, नगर विकास न्यास अध्यक्ष रामकुमार मेहता, जिला कलक्टररोहित गुप्ता, पुलिस अधीक्षक नगर अंशुमान भौमिया, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों सहित बडी संख्या में आमजन ने उपस्थित रहकर उद्घाटन समारोह के सीधे प्रसारण को एलईडी स्क्रीन के माध्यम से देखा।    

अनाधिकृत केबल ऑपरेटरों पर होगी कार्यवाही

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जयपुर। राज्य में बिना लाइसेंस एवं अनाधिकृत रूप से चैनल चला रहे केबल ऑपरेटरों के विरूद्ध केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (रेगुलेशन) एक्ट के तहत कार्यवाही की जायेगी। 

इस संबंध में राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां शासन सचिवलाय में स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक आयोजित हुई।

अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि इस संबंध में जागरूकता लाने हेतु
मल्टीपल सिस्टम ऑपरेटर्स, लोकल केबल ऑपरेटर  (MSOs/LCOs)  द्वारा विज्ञापन का प्रसारण पर्याप्त रूप से किया जा रहा है या नहीं इस संबंध में रिपोर्ट भिजवाये जाने के निर्देश दिये गये है।

अतिरिक्त नोडल अधिकारी को प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की एडवाईजरी 25 अप्रेल 2017 के अनुसार अपने क्षेत्रों में MSOs/LCOs  के कन्ट्रोल रूम का नियमित निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट भिजवाने के भी निर्देश दिये गये है। 

बैठक में जिन MSOs  के स्तर पर MIS सॉफ्टवेयर में सेट टॉप बाक्स सीडिंग डाटा सही रूप से अपडेट नहीं किया जा रहा है, उनसे सही डाटा अपडेट करवाया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। जिससे कि करापवन्चन की प्रभावी रोकथाम की जा सके। 

बैठक में एक अप्रेल 2017 के बाद जो MSOs/LCOs (Multiple System Operators)/(Local Cable Operators) एनालॉग सिग्नल एवं चैनल बिना लाइसेंस एवं अनाधिकृत चला रहे है, उनके विरूद्ध केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (रेगुलेशन) एक्ट 1995 एवं नियम 1994 के अंतर्गत कार्यवाही प्रभावी की रिपोर्ट प्रत्येक माह भिजवाने के लिए सक्षम अधिकारी को पाबन्द करने के निर्देश दिये गये। 

बैठक में पुलिस महानिरीक्षक अपराध  गोविन्द गुप्ता, राजस्व विभाग के संयुक्त शासन सचिव पी.एस. बिश्नोई, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) ललित कुमार, सहायक परियोजना निदेशक बेसिल  अशोक सुन्दरानी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।   

पहले महीने में 92 हजार करोड़ जीएसटी मिला

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जीएसटी के तहत पंजीकृत कुल करदाताओं में से केवल 64.4 फीसदी से कर प्राप्त हुआ है।

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद केंद्र और राज्यों को पहले महीने जुलाई में कुल 92,283 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त हुआ जबकि कुल पंजीकृत करदाताओं में से केवल 64 फीसदी ने ही रिटर्न दाखिल किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इसमें से 7,198 करोड़ रुपये उपकर के रूप में प्राप्त हुए हैं जो मुआवजे के तौर पर राज्यों को मिलेंगे। बाकी रकम में से 14,894 करोड़ रुपये केंद्रीय जीएसटी, 22,722 करोड़ रुपये राज्य जीएसटी और 47,469 करोड़ रुपये एकीकृत जीएसटी के रूप में जुटाए गए हैं। एकीकृत जीएसटी में से 20,964 करोड़ रुपये आयात पर जुटाए गए हैं।
 
इस तरह कुल जीएसटी में से राज्यों को देने से पहले केंद्र का हिस्सा मोटे तौर पर 49,110.5 करोड़ रुपये होगा। जीएसटी में समाहित किए गए करों से केंद्र को जुलाई में कुल 48,000 करोड़ रुपये मिलते। अलबत्ता यह बात भी काबिलेगौर है कि आईजीएसटी का बंटवारा एक जटिल प्रक्रिया है।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह बंटवारा जीएसटीएन से मिलने वाली क्रॉस यूटिलाइजेशन रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा। केंद्र और राज्यों को मिलने वाले असल राजस्व का पता इस महीने के आखिर में बंंटवारे की प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही पता चल पाएगा।

 राज्यों को कुल 44,814 करोड़ रुपये मिलेंगे
राज्यों को 37,814 करोड़ रुपये मिले हैं जबकि 2016-17 के कर संग्रह और 14 फीसदी वृद्घि दर के आधार पर 43,000 करोड़ रुपये होना चाहिए था। अलबत्ता करीब 7,000 करोड़ रुपये का मुआवजा उपकर भी जुटाया गया है जो नुकसान में रहने वाले राज्यों को जाएगा। इस तरह राज्यों को कुल 44,814 करोड़ रुपये मिलेंगे।

जेटली ने कहा कि जीएसटी के तहत पंजीकृत कुल करदाताओं में से केवल 64.4 फीसदी से कर प्राप्त हुआ है। सभी कर को जोडऩे के बाद यह आंकड़ा ऊपर जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक कर लक्ष्य का संबंध है तो हम इसे पार कर चुके हैं।’

जुलाई में जीएसटी के तहत कुल 59.57 लाख पंजीकरण हुए थे जिनमें से मंगलवार सुबह 10 बजे तक 38.3 लाख ने जीएसटी रिटर्न दाखिल किया है। रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 25 अगस्त को खत्म हो गई थी लेकिन जो व्यापारी जीएसटी से पहले के स्टॉक पर क्रेडिट का दावा करना चाहते थे वे 28 अगस्त तक रिटर्न दाखिल कर सकते थे।

अलबत्ता जेटली ने जो आंकड़े दिए हैं वे मंगलवार सुबह तक के हैं। इसका मतलब यह हुआ कि लोग विलंब शुल्क के साथ भी रिटर्न फाइल कर रहे हैं। सीजीएसटी और आईजीएसटी दोनों पर रोजाना 100 रुपये विलंब शुल्क  का प्रावधान है। वे सालाना 18 फीसदी ब्याज दर के साथ कर का भुगतान कर सकते हैं।

जो व्यापारी 30 जून से पहले के स्टॉक पर इनपुट टैक्स पर क्रेडिट का दावा करना चाहते हैं वे टीआरएएन-1 या टीआरएएन-2 फॉर्म भर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ये फॉर्म जटिल हैं और यही वजह है कि रिटर्न फाइल करने में देरी हो रही है।