Monday, October 7, 2024
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लिवाली निकलने से उडद 400 और सोयाबीन 100 रुपए क्विंटल तेज

कोटा। भामाशाह अनाज मंडी में शुक्रवार को लहसुन की आवक 20 हजार कट्टे की रही । माल की कुल आवक 75 हजार बोरी की रहीं । समर्थन मूल्य पर खरीद से उडद 400 रुपए प्रति क्विंटल और लिवाली निकलने से सोयाबीन 100 रुपए प्रति क्विंटल तेज रही ।

गेहूं मिल 1500से 1541 लोकवान 1600से 1700पी डी 1650 से 1700 टुकडी 1600से 1700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे । धान सुगंधा 1800 से 2050 पूसा 1 2000 से 2100 पूसा4 (1121) 2000 से 2400 धान (1509) 2000 से 2200 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे।

सोयाबीन 2200 से 2835 सरसो 3200 से 3475 तिल्ली 5000 से 6500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे। मैथी 2000 से 2400 धनिया बादामी 3400 से3800ईगल 3600 से 3900 रंगदार 4000 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे।

मूंग 3500 से 4100उडद 2400 से 4200 चना 4500से 5000 चना काबुली 7000 से 10500 चना पेपसी 4800 से 5000 चना मौसमी 4800 से 5200 मसूर 3300 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे।

ग्वार 2500से 3050 मक्का नई 800 से 1200 जौ 1100 से 1200 ज्वार 1300 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव रहे।  लहसुन 800 से 4200 रुपए प्रति क्विंटल।

सोने में मामूली गिरावट, चांदी 100 रुपये फिसली

नई दिल्ली / कोटा । दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने की कीमतों में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। सोना 30 रुपये गिरकर 30,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया है। कीमतों में यह कमजोरी मांग में कमी के चलते देखने को मिली है।

वहीं चांदी की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिली है। यह गिरावट इंडस्ट्रीयल यूनिट्स और सिक्का निर्माताओं की ओर से कमजोर उठान के चलते देखने को मिली है। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बावजूद मौजूदा कीमतों पर घरेलू ज्वैलर्स और रिटेलर्स की ओर से ज्यादा खरीदारी नहीं की गई है।

वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.18 फीसद की बढ़त के साथ 1295 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर और चांदी 0.17 फीसद की तेजी के साथ 17.26 डॉलर प्रति औंस के स्तर रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में 99.9 और 99.5 फीसद शुद्धता वाला सोना 30 रुपये की कमजोरी के साथ क्रमश: 30800 रुपये और 30650 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया है।

जानकारी के लिए बता दें कि बीते सत्र में सोने की कीमतों में 80 रुपये की बढ़त दर्ज की गई थी। गिन्नी के भाव हालांकि 24,700 रुपये प्रति आठ ग्राम हो गए हैं।

चांदी तैयार 100 रुपये की गिरावट के साथ 41200 रुपये प्रति किलोग्राम और साप्ताहिक आधारित डिलिवरी 55 रुपये बढ़कर 40385 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गये हैं। चांदी के सिक्कों के भाव 74000 लिवाल और 75000 रुपये बिकवाल प्रति सैंकड़ा के स्तर पर स्थिर है।

कोटा सर्राफा
चांदी टंच 40600 रुपए प्रति किलोग्राम।
सोना केटबरी 30650 रुपए प्रति दस ग्राम ,35750 रुपए प्रति तोला। 
सोना शुद्ध 30800 रुपए प्रति दस ग्राम, 35920 रुपए प्रति तोला। 

ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण में राजस्थान सबसे अग्रणी -सहकारिता मंत्री 

जयपुर। राज्य सरकार किसानो के हितो को सर्वोपरी रखती है और यही कारण है कि ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण में राजस्थान देश में सबसे अग्रणी राज्य है।  यह बात सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने शुक्रवार को डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर लगभग 98.99 लाख की लागत से बने सहकार भवन डूंगरपुर के उद्घाटन समारोह में उपस्थितजन को संबोधित करते हुये कही। 

उन्हाेंने शायराना अंदाज में कहा की ‘लक्ष्य और मंजिले बड़ी जिद्दी होती है लेकिन तुफान भी वहां हार जाते हैं, जहां कश्तियों की ज़िद होती है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने अनूठी पहल करते हुये बिना ब्याज फसली ऋण को दुर्घटना बीमा कर कई सौ किसानो को लाभान्वित किया है।

साथ ही सहकार किसान कल्याण योजना में ब्याज की प्रतिशत की दर को कम कर भी कृषकों को राहत प्रदान की गई है। उन्होेंने बताया की भूमि विकास बैंक में भी ब्याज दर 12 प्रतिशत से घटाकर लगभग 6.7 प्रतिशत कर दी गई है। 

इस अवसर पर उन्होंने जिला को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष को जिले मेें लेम्पस को मजबूत बनाने के प्रयास करने, किसानो के खाते खूलवाने, योजनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार कर करने के लिये अभियान चलाने के भी निर्देश दिये। 

इस अवसर पर जिला प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि राज्य पिछले तीन वर्षों में को-ऑपरेटिव बैंक सेक्टर में कई नवाचार करते हुये अनूठी पहल की गई है। उन्होंने रूपे कार्ड, ऑनलाईन व्यवस्था जैसी योजनाओं के लिये राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। 

इस मौके पर संसदीय सचिव भीमा भाई ने नवाचारों को अपनाते हुए सहकारिता के माध्यम से किसानों के हितों के लिये शुरू की गई लाभकारी योजनाओं के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। 

कार्यक्रम में राजस्थान जन अभाव अभियोग अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार ने कहा की जनजाति क्षेत्र को सहकारिता की महत्ती आवश्यकता है। उन्होंने सहकार भवन को किसानो के लिए सौगात बताते हुये कहा की सहाकरिता के माध्यम से किसानो की सेवा करना हमारा सौभाग्य है। 

कॉपरेटीव बैंक अध्यक्ष बद्रीनारायण शर्मा ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत कि साथ ही कृषि उपज मंडी खरीद केन्द्र, डेयरी संयत्र स्थापित करने का भी अनुरोध किया। इस अवसर पर सहकारीता मंत्री को समिति के लाभ में से लाभांश एक लाख पांच हजार चार सौ पचास रुपये का चैक भी भेंट किया गया। 

समारोह के प्रारंभ में अतिथियों का परम्परागत तरीके से स्वागत किया गया। उपरजिस्ट्रार विष्णु मीणा ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लेम्पस अध्यक्ष, व्यवस्थापक उपस्थित थे। 

देश की प्रथम आनलाइन प्रस्ताव लेने वाली बनी राजस्थान विधानसभा

जयपुर। विधानसभा अध्यक्ष  कैलाश मेघवाल ने शुक्रवार को यहां विधानसभा स्थित अपने वैश्म में राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमों के अन्तर्गत विधायकों द्वारा प्राप्त ध्यान आकर्षण प्रस्तावों को राज्य सरकार को आनलाइन से भिजवाये जाने की लेपटाप का बटन दबाकर शुरुआत की । 

नवें सत्र से विधायकों से राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 131 के अन्तर्गत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, नियम 50 के अन्तर्गत स्थगन प्रस्ताव, नियम 295 के अन्तर्गत विशेष उल्लेख की सूचनाऎं एवं नियम 119 एवं 127 के अन्तर्गत अविलम्बनीय लोक महत्व के विषयों संबंधी प्रस्तावों को आनलाइन विधानसभा में भेजे जाने तथा संबंधित विभाग को भेजने एवं उनकी तथ्यात्मक सूचना राज्य सरकार से प्राप्त करने की प्रक्रिया को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन आई सी ) के सहयोग से आनलाइन करने की प्रक्रिया में राजस्थान विधानसभा देश की पहली विधानसभा बन गई है ।

विधानसभा सचिव  पृथ्वी राज ने बताया कि 14वीं विधानसभा के एन.आई.सी की राज्य सूचना अधिकारी इंदु गुप्ता ने बताया कि पोर्टल के संबंध में राज्य सरकार के विभागीय अधिकारियों और कार्मिकों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने हेतु राजस्थान विधानसभा द्वारा शासन सचिवालय में एक हैल्प डेस्क भी स्थापित की गयी है जिसका SecLAN IP 24557 है।

ऑनलाईन प्रस्ताव सूचना प्रणाली के लागू होने से विभागों द्वारा प्रस्तावों के जवाब प्रेषित करना अधिक सुविधाजनक हो जायेगा। अधिक सुविधाजनक हो जायेगा। इससे समय, कागज व श्रम सभी की बचत होगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान विधान सभा देश की अग्रणी विधान सभाओं मे से है, जहां लगभग सभी विधायी कार्य ऑन लाईन किये जा रहे है।

 इस अवसर पर एन आई सी के सीनियर टेकनिकल डायरेक्टर तरूण तोषनीवाल, तकनीकी निदेशक एस. एल. कुमावत, विधानसभा के उप सचिव राम दयाल एवं सहायक सचिव प्रकाश सैनी भी उपस्थित थे ।

राजस्थानी फिल्मों को अनुदान देने का प्रस्ताव, परन्तु गुणवत्ता पर जोर

जयपुर । पर्यटन राज्य मंत्री कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने कहा कि राजस्थानी फिल्मों से राजस्थान की संस्कृति तथा हैरिटेज को बढ़ावा मिलता हैं तथा राज्य सरकार भी इन फिल्मों के उत्थान, प्रचार प्रसार तथा लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास कर रहीं है। 

पर्यटन राज्य मंत्री  कृष्णेन्द्र  कौर दीपा आज शासन सचिवालय में राज्य सरकार द्वारा राजस्थानी फिल्मों को अनुदान देने के संबधं में हुई बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्हाेंने बैठक में आए राजस्थान फिल्मों के निर्माता-निर्देशकों को फिल्मों की क्वालिटी सुधारने के लिए कहा जिससे अधिक से अधिक दर्शक वर्ग राजस्थानी सिनेमा के प्रति आकर्षित हो सकें।

बैठक में राजस्थानी फिल्मों को अनुदान देने वाली समिति के समक्ष राजस्थानी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक तथा राजस्थान फिल्म फेस्टिवल के प्रतिनिधियों ने अपनी फिल्मों तथा फिल्म फेस्टिवल को अनुदान देने का प्रस्ताव रखा। 

बैठक में राजस्थानी फिल्में कंगना, पगड़ी, पक्की हीरोगीरी, तावड़ो, आपाणे तो बेटी बचानी है, गुटरू गुटर गूं सहित विभिन्न राजस्थानी फिल्मों के निर्माता निर्देशक तथा रिफ फिल्म क्लब, जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, रिजनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि मौजूद थे। इन सभी ने कमेटी के समक्ष अपनी फिल्मों तथा फिल्म फेस्टिवल को अनुदान देने का प्रस्ताव रखा।

बैठक में समिति के सदस्यों में अतिरिक्त मुख्य सचिव, कला एवं संस्कृति, एन.सी. गोयल, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की निदेशक अनुप्रेरणा कुन्तल, अतिरिक्त निदेशक, पर्यटन रश्मि शर्मा, संयुक्त सचिव, कला एवं संस्कृति रंजीता गौतम सहित विभिन्न अधिकारी शामिल थे तथा प्रीव्यू कमिटी के सदस्यों में विपिन तिवारी तथा अन्य सदस्य मौजूद थे।

शेयर बाजार में दिवाली, निफ्टी का नया रेकॉर्ड

मुंबई। शेयर बाजारों में शुक्रवार को भी तेजी का माहौल रहा। सेंसेक्स 250.47 अंकों की बढ़त के साथ 32,432 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में यह 0.78% की उछाल थी। 50 शेयरों का एनएसई निफ्टी भी 71.05 अंकों की उछाल के साथ 10,167 पर बंद हुआ।

इससे पहले नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी शुक्रवार दोपहर के कारोबार के दौरान रेकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया। इस दौरान निफ्टी ने 10,179.15 के उच्च स्तर को छू लिया। इससे पहले 19 सितंबर को दिनभर के कारोबार के दौरान निफ्टी ने 10,178.95 का रेकॉर्ड बनाया था। जानकारों ने उम्मीद जताई है कि घरेलू शेयर बाजार आगे भी बेहतर प्रदर्शन करता रहेगा।

दोपहर 1.50 बजे निफ्टी 70.70 अंकों यानी 0.70 फीसदी की बढ़त के साथ 10,167.10 अंकों पर चढ़ा। इस दौरान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 253.08 अंकों यानी 0.79 फीसदी की बढ़त के साथ 32,435.30 पर पहुंच गया।

बाजार विश्लेषकों के मुताबिक, मजबूत घरेलू उत्पादन आकंड़ों, रुपये में मजबूती की वजह से घरेलू शेयर बाजार में मजबूती का रुख है। शुक्रवार को कारोबार के दौरान एनएसई पर 72 शेयरों ने नए सिरे से 52 सप्ताह का उच्च स्तर प्राप्त कर लिया। इन शेयरों में बाटा इंडिया, डाबर, बॉम्बे बर्मा, ब्रिटैनिया इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, हिंडाल्को, हैवल्स इंडिया और जिलेट इंडिया शामिल हैं।

रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों पर कम हो सकता है GST

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली कई वस्तुओं पर जल्द जीएसटी की दरों को घटाएगी। जीएसटी परिषद उस प्रस्ताव पर विचार कर रही है जो आम जनता से जुड़ी हुई हैं और उन पर एकीकृत टैक्स की उच्चतम दर लागू है। जीएसटी परिषद की अगली बैठक नौ नवंबर को है। 

ये चीजें हो सकती है सस्ती 

  • सफेद चॉकलेट
  • मस्टर्ड सॉस
  • कस्टर्ड पाउडर
  • शैम्पू
  • बालों में लगाने वाली क्रीम पर दरों को 12 से 18 प्रतिशत के बीच तय कर सकती है। इन सभी वस्तुओं पर मौजूदा समय 28 फीसदी जीएसटी लागू है।

इसी तरह से स्टेशनरी से जुड़ी ज्यादातर सामग्री की दरों में कमी लाई जाएगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक परिषद सौ से भी ज्यादा उन चीजों पर दरों को घटाएगी, जिनका उपयोग रोजमर्रा के कामकाज में होता है। जीएसटी लागू होने पर इनमें से अधिकतर वस्तुओं पर कर की दर 28 फीसदी रखा गया था।

हालांकि स्टेशनरी उत्पादों में फाइलें, किताबों की बाइंडिंग से जुड़ी सामग्री, लेटर क्लिप्स, लेटर कॉर्नर्स, पेपर क्लिप्स, इंडैक्सिंग टैग और कार्यालयों में प्रयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं पर 18 फीसद की दर लागू की गई थी।

सरकार इसकी समीक्षा कर रही है कि रोजमर्रा की कौन सी वस्तु पर सही दर लागू है और कौन सी ऐसी वस्तुएं हैं जिनका उपयोग ज्यादातर लोग करते हैं। उनकी दरों में कमी लाए जाने की जरूरत है। दरअसल, रोजाना इस्तेमाल में लाई जाने वाली कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में समानता नहीं है।

यही वजह है कि ऐसी वस्तुओं की एक सूची तैयार की गई थी, जिस पर पिछली बैठक में भी चर्चा हुई थी। सरकार तीन माह से लगातार इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षकारों से सुझाव ले रही है। 

उद्योग संगठनों ने भी दर घटाने की मांग रखी
दिल्ली मूल की कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भी सरकार से सिर्फ विलासितापूर्ण और अहितकर वस्तुओं पर ही जीएसटी दर 28 फीसद रखने और अन्य जरूरी वस्तुओं की दरों पर पुनर्विचार करने की मांग की।

सीएआईटी महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक सरकार रोजमर्रा के प्रयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं पर दरों को कम करने की हमारी मांग है। उम्मीद है कि परिषद की अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। 

27 वस्तुओं की दर पिछली बैठक में घटी
परिषद की 22वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए थे। कुछ चीजों के टैक्स में भी बदलाव किए गए हैं, जिसमें 22 वस्तुओं तथा 5 सेवाओं के टैक्सों में कटौती की गई है। इस कटौती से सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को फायदा होगा।

इनमें रिटर्न दाखिल करने के समय में बदलाव कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाना और निर्यातकों को रिफंड दिए जाने के तरीकों में सुधार किए गए हैं।  

राजस्थान समेत सात राज्य मिलकर करेंगे तय पेट्रोल-डीजल के दाम

नई दिल्ली/ जयपुर । पेट्रोल और डीजल को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग के बीच उत्तर भारत के आधा दर्जन राज्यों ने सिर जोड़ लिए हैं। हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल और राजस्थान ने सहमति बना ली कि उनके यहां पेट्रोलियम पदार्थो के दाम घटाने अथवा बढ़ाने का निर्णय एकमत से लिया जाएगा।

इन सभी राज्यों की सीमा आपस में मिलती है। तर्क दिया गया कि यदि कोई पड़ोसी राज्य पेट्रोलियम पदार्थों के रेट कम करेगा तो उसके यहां बिक्री बढ़ने लगेगी और साथ लगते राज्य में बिक्री घटने के साथ ही राजस्व कम होने लगेगा। बता दें कि पेट्रोल व डीजल पर जीएसटी और एक्साइज ड्यूटी मिलाकर करीब 57 फीसद टैक्स देना पड़ता है।

देश भर में मांग उठ रही कि पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, ताकि अधिकतम 28 फीसद टैक्स ही वसूला जा सके। वहीं राज्यों की सबसे अधिक आय पेट्रोल व डीजल की बिक्री से होती है, ऐसे में यदि इनकों जीएसटी के दायरे में लाया गया तो उनका राजस्व घट जाएगा।

इसलिए कोई भी राज्य जीएसटी काउंसिल में पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की पैरवी नहीं कर रहा है।केंद्र सरकार ने हालांकि राज्यों को पेट्रोलियम पदार्थो पर वैट कम करने का अधिकार दिया है। कुछ राज्य इसे कम करना भी चाहते हैं, लेकिन उत्तर भारत के उक्त राज्यों ने तय किया कि इतना वैट किसी सूरत में कम नहीं होगा, जिससे आपस में पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में अधिक अंतर आ जाए।’