Tuesday, November 5, 2024
Home Blog Page 4573

राजस्थान की सभी जिलों को हवाई सेवा से जोड़ने की योजना

नयी दिल्ली। राजस्थान सरकार राज्य के सभी जिलों को हवाई संपर्क के जरिये जोड़ने की योजना बना रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी सूचना दी।

जहां केंद्र सरकार महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान को प्रोत्साहित कर रही है वहीं राजस्थान सरकार की राज्य की अंदरूनी विमानन सेवा मुहिम एक साल से कुछ अधिक समय से परिचालन में है।

राजस्थान के नागर विमानन के निदेशक कप्तान केसरी सिंह के अनुसार, राज्य सरकार के पास ऐतिहासिक इमारतों, किलों और महलों को वायुमार्ग से जोड़ने के लिए पैलेस ऑन विंग्स सेवा शुरू करने की योजना है।

उन्होंने हमारे चैनल LEN DEN NEWS से कहा, सरकार की योजना सभी जिलों को राज्य की योजना या उड़ान योजना या नियमित उड़ान के जरिये विमानन सेवा से जोड़ने की है।

राज्य में अभी भारतीय विमानपान प्राधिकरण के हवाई अड्डों, रक्षा हवाई क्षेत्रों तथा निजी हवाई अड्डों के अतिरिक्त राज्य सरकार के स्वामित्व वाले 18 हवाईअड्डे हैं।

सिंह ने कहाकि राज्य विमानन क्षेत्र को मजबूत करने पर काम कर रहा है। इसमें राज्य के स्वामित्व वाले हवाई अड्डों को नियमित वाणिज्यिक परिचालन के योग्य बनाने के लिए उन्हें विस्तृत करना, लाइसेंस प्रदान करना आदि शामिल है।

125 बीघा भूमि पर बसाया नंदग्राम, पूज्य नागरजी की कथा आज से

गौ-महोत्सव : बारां जिले में बड़ा के बालाजी मंदिर परिसर में बाहर से श्रद्धालुओं का आना शुरू, 30 बीघा में आवासीय परिसर व 70 बीघा में 8 पार्किंग स्थल 

अरविंद. बारां/कोटा। बारां से 10 किमी दूर बड़ा के बालाजी मंदिर परिसर में सोमवार से प्रारम्भ हो रहेे विराट श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव एवम गोरक्षा सम्मेलन-2017 को लेकर आसपास के गांव-कस्बों में अभूतपूर्व उत्सवी माहौल है।

रविवार शाम को पंडित कमल किशोर ‘नागरजी’ ने मंदिर पहुंचकर बालाजी के दर्शन किये। इस अवसर पर सैकड़ों गौभक्तों ने सादगी से उनकी अगवानी की। वे 7 दिन कथा स्थल पर टेंट में ही रात्रि विश्राम करेंगे।

आयोजक महावीर गोशाला कल्याण संस्थान के अध्यक्ष गौतम बोरडिया ने बताया कि प्रातः 9 बजे से मंदिर से कथा स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी।

उन्होंने बताया कि 2007 में इसी गौशाला परिसर में पूज्य नागरजी ने श्रीमद भागवत महायज्ञ किया था, उनके सान्निध्य में पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया एवम उर्मिला भाया ने ऐतिहासिक बड़ा के बालाजी मंदिर के नवीनीकरण का प्रोजेक्ट हाथ मे लिया था।

तीन वर्ष पूर्व यह मंदिर पूरी तरह विकसित हो गया। तब से मंदिर समिति के पदाधिकारी एवम प्रमोद भायाजी पूज्य नागरजी से इसी मंदिर पर कथा करने के लिए प्रयासरत थे।

मन्दिर परिसर तीर्थ स्थल के रूप में विकसित होने के बाद यहां गौसेवक सन्त नागरजी की कथा एवम गोरक्षा सम्मेलन के न्यौते गांव-गांव में पीले चावल के साथ बाटे गए। गौरक्षा सम्मेलन में समिति की ओर से यहां श्रद्धालुओं से नियमित गौसेवा के संकल्प पत्र भरवाए जाएंगे।

भाया ने बताया कि कुल 125 बीघा में बनाये अस्थाई नन्दग्राम में 25 बीघा भूमि पर विराट कथा पांडाल सजाया गया है। 30 बीघा में आवासीय परिसर तथा 70 बीघा क्षेत्रफल में वाहन पार्किंग होगी। राजस्थान,मप्र व गुजरात से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रोजाना प्रवचन सुनने पहुंचेंगे।

60 समितियों में 3 हजार सेवक जुटे
उन्होंने बताया कि पिछले एक माह से इस विराट आयोजन के लिए विभिन्न 60 समितियों में करीब 3 हजार गौसेवक दिन-रात निस्वार्थ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कोटा, बारां व झालावाड़ जिले के गावों में उत्सवी माहौल होने से कथा स्थल पर 70 बीघा भूमि में 8 पार्किंग जोन बनाये गए हैं। इसमे सभी मार्गों से आने वाले चारपहिया एवम दुपहिया वाहनों की पार्किंग अलग-अलग होगी।

30 बीघा में बनाये आवासीय ब्लॉक
समाजसेविका श्रीमती उर्मिला जैन भाया ने बताया कि कथा स्थल के नजदीक 30 बीघा भूमि पर अस्थायी आवासीय परिसर बनाया गया। इसमे महिला व पुरुष ब्लॉक अलग-अलग होंगे।

जिनमे अन्य राज्यों व बाहर से आने वाले 7 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने व शुद्ध देसी घी व तेल से निर्मित भोजन की व्यवस्था की गई है। व्रत के लिए फलिहार रहेगा।

रात्रि में यहां सामूहिक मंत्रोच्चार व भजन-कीर्तन होंगे। सर्दी को देखते हुए बुजुर्गों के स्नान के लिए गर्म पानी तथा रजाई-बिस्तर की निशुल्क व्यवस्था की गई है। 30 से अधिक शौचालय व बाथरूम बनाये गए।

श्रद्धालुओं के लिए लगाए निशुल्क वाहन
प्रमोद भाया ने बताया कि आयोजन समिति द्वारा बारां शहरवासियों के लिए ढोल मेला परिसर से कथा स्थल तक आने-जाने के लिए रोजाना निशुल्क बस व वाहन सेवा उपलब्ध रहेगी। इसी तरह अंता, मांगरोल, सीसवाली, छबड़ा व छीपाबड़ोद आदि 20 किमी दूर के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कथा स्थल तक निशुल्क वाहन आएंगे। इनमे बस,ट्रक, जीप, मिनीडोर, मैजिक आदि वाहन रहेंगे। कोटा से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रवचन सुनने पहुंचेंगे।

अब भीम एप से कराएं अपना रेल टिकट बुक

नई दिल्ली । अब रेलवे यात्री यूपीआई/भीम एप के माध्यम से भी टिकट काउंटर पर भुगतान कर सकेंगे। भारतीय रेलवे ने टिकिट काउंटरों पर इस तरह से भुगतान करने की सुविधा दे दी है।

हालांकि ई-टिकट की ऑनलाइन बुकिंग के लिए यूपीआई/भीम के माध्यम से PRS, भुगतान की सुविधा पहले ही आईआरसीटीसी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जा चुकी है।

भारत इंटरफेस फॉर मनी या भीम एप को नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की ओर से विकसित किया गया है, जो कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस(यूपीआई) पर आधारित है। भीम एप अन्य यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) एप्लीकेशन और बैंक अकाउंट्स के साथ काम करता है।

एक वर्ष से कम समय के भीतर भीम एप के जरिए होने वाले लेन-देन की संख्या 2.8 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। हम अपनी इस खबर में आपको भीप एप के जरिए ट्रेन टिकट बुकिंग से जुड़ी 10 बड़ी बातें बताने रहे हैं।  भीप एप

पर ट्रेन टिकिट बुकिंग से जुड़ी 10 बातें:

  • रेलवे काउंटर पर ट्रेन टिकट बुक करने की सुविधा भीम एप पर 1 दिसंबर, 2017 से लागू कर दी गई है।
  • रेलवे के मुताबिक यह सुविधा यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) काउंटरों से आरक्षित टिकटों की बुकिंग के लिए और
  • अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम (यूटीएस) काउंटरों से सीजनल टिकट (मासिक/त्रैमासिक) के लिए उपलब्ध होगी।
  • यात्रियों को इस नई ट्रेन टिकट बुकिंग सुविधा के लिए अगले तीन महीने की अवधि तक कोई ट्रांजेक्शन चार्ज (लेनदेन शुल्क) नहीं देना होगा
  • यात्रियों को रेलवे काउंटर पर अपना यात्रा विवरण साझा करते ही भुगतान करने के लिए किराए की जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
  • अगर कोई ग्राहक यूपीआई/भीम एप के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प चुनता है, तो काउंटर पर बैठा व्यक्ति यूपीआई के जरिए ही भुगतान स्वीकार करेगा।
  • टर्मिनल में लेन-देन की शुरुआत करने के लिए रेलवे काउंटर पर बैठा व्यक्ति वर्चुअल पेमेंट एट्रेस (वीपीए) सिस्टम में एंटर करेगा।
  • यात्रियों को भुगतान की पुष्टि करने के लिए मोबाइल पर भुगतान अनुरोध प्राप्त होगा।
  • यात्री की ओर से भुगतान अनुरोध को स्वीकार करना जरूरी होगा और यात्री के लिंक्ड खाते से किराए की राशि काट ली जाएगी।
  • लेनदेन सफल होने और सिस्टम पर सत्यापित होने के बाद, काउंटर पर बैठा व्यक्ति टिकट प्रिंट करेगा और उसे यात्री को सौंप देगा।
  • भीम एप का इस्तेमाल करना आसान है और रियल टाइम के आधार पर यह कई बैंकों के माध्यम से भुगतान करने में सक्षम है।

संदिग्ध लेनदेन के लिए 18 कंपनियों की जांच करेगी एसएफआईओ

0

नयी दिल्ली। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय एसएफआईओ नोटबंदी के दौरान ज्यादा धनराशि वाले कथित संदिग्ध लेनदेनों के कम से कम 18 मामलों की जांच करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

अधिकारी ने कहा कि सरकार अवैध धन के प्रवाह पर शिंकजा कसना जारी रखे हुए है।आधिकारिक रिकॉर्ड में लंबे समय से निष्क्रिय पड़ी करीब 2.24 लाख कंपनियों और तीन लाख से ज्यादा निदेशकों को अयोग्य घोषित करने के बाद कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय आंकड़ों की जांच-पड़ताल करके जानकारी एकत्र करने में जुटा है।

जांच के दौरान अधिकारियों को संदिग्ध लेनदेन के बारे में पता चला है। इसमें कुछ पंजीकृत कंपनियों के ज्यादा मात्रा में किए गए धन के लेनदेन भी शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि नोटबंदी के दौरान कथित संदिग्ध लेनदेन में लिप्त रहीं कम से कम 18 कंपनियों की एसएफआईओ जांच करेगा।

अवैध धन प्रवाह और भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की कोशिश के हिस्से के रुप में सरकार ने पिछले साल नवंबर में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की थी।

कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने 23 नवंबर को कहा था कि बैंकों से जुटाई गई जानकारी के मुताबिक करीब 50,000 अपंजीकृत कंपनियों ने नोटबंदी के दौरान करीब 17,000 करोड़ का लेनदेन किया है।

कॉरपोरेट मामले के मंत्रालय ने बताया कि 56 बैंकों से मिली जानकारी के आधार पर यह बात सामने आई है कि 35,000 कंपनियों के 58,000 बैंक खातों से नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया।

‘EPFO के लिए 21 हजार रुपये वेतन सीमा’ का प्रस्ताव

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने दायरे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाना चाहता है। इसके लिए ईपीएफओ ने वेतन सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा है।

इस बार वित्त मंत्रालय ने इस मसले पर पॉजिटिव रुख दिखाने का आश्वासन दिया है। हालांकि लेबर मिनिस्ट्री का कहना है कि सरकार ज्यादा पेंशन देने के मामले को पहले सुलझाना चाहती है। इसके बाद ईपीएफओ का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।

सीबीटी के सदस्य और भारतीय मजदूर संघ के नेता नागेश्वर राव का कहना है कि हम चाहते हैं कि सरकार ईपीएफओ के दायरे में ज्यादा लोगों को लाए, ताकि ये लोग सामाजिक योजनाओं का लाभ उठा सकें। यही कारण है कि हमने इस बार सरकार से कहा है कि वह 15 हजार रुपये की वेतन सीमा को बढ़ाकर 21 हजार रुपये करें।

मौजूदा समय में जिस कर्मचारी की बेसिक और डीए मिलाकर 15000 रुपये तनख्वाह मिलती है, वही ईपीएफओ का सदस्य बन सकता है। हम चाहते हैं कि वेतन सीमा को बढ़ाकर 21 हजार रुपये किया जाए। इससे लाखों कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ पाएंगे और इसके द्वारा चलाई जा रही सामाजिक योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।

इधर सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को इस प्रस्ताव के वित्तीय पक्ष का आकलन करने के लिए कहा था। हाल ही में इन्हें इनपुट प्राप्त हुआ है और इसे आगे बढ़ा दिया गया है। मौजूदा नियमों के तहत श्रमिकों को ईपीएफ लाभ प्रदान करने के लिए 20 या अधिक लोगों का होना जरूरी है। 

कर्मचारियों के आगे झुकी सरकार, सातवें वेतनमान का एरियर देने को राज़ी

राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का नकद लाभ 1 जनवरी,2017 से देय – उद्योग मंत्री

जयपुर। राज्य सरकार ने कर्मचारियों की आक्रोश रैली से ठीक एक दिन पहले सरकार झुक गई और सातवें वेतनमान के एरियर को लेकर घोषणा कर दी। वेतनमान का नकद लाभ 1 अक्टूबर की बजाय 1 जनवरी 2017 से दिया जाएगा। जिसके एरियर का भुगतान नकद तीन किश्तों में होगा।

सातवें वेतनमान की विसंगति, वेतन कटौती और एरियर समेत सात मांगों को लेकर कर्मचारी संगठनों की ओर से रविवार को जयपुर में आक्रोश रैली होनी है। इसके साथ ही अगले कुछ दिनों में तीन उपचुनाव होने हैं। इससे घबराई सरकार ने एकाएक सातवें वेतनमान को लेकर कई निर्णय किए।

उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, राजस्थान वित्त आयोग की अध्यक्ष ज्योति किरण और अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डीबी गुप्ता ने पत्रकार वार्ता की। इसमें शेखावत ने बताया कि वेतनमान का लाभ 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2016 तक काल्पनिक आधार पर दिया जाएगा। जो कि नकद लाभ 1 अक्टूबर 2017 से दिया जा रहा है।

अब यह नकद लाभ 1 जनवरी 2017 से देय होगा और इसका एरियर का भुगतान तीन किश्तों में होगा। हालांकि इसके लिए कर्मचारियों को अभी भी पांच माह का इंतजार करना होगा।

ऐसा होगा एरियर का भुगतान
पहली किश्त-1 अप्रेल 2018
दूसरी किश्त-1 जुलाई 2018
तीसरी किश्त-1 अक्टूबर 2018

न्यूनतम वेतन 17700
मंत्री ने दावा किया कि पहले न्यूनतम वेतन 6,900 रुपए प्रति माह था, जो अब 17700 रुपए हो गया है। इसके अलावा मकान किराए भत्ते में सौ फीसदी से अधिक वृद्धि की गई है।

भत्तों में संशोधन रिपोर्ट के बाद डीबी गुप्ता ने बताया कि विभिन्न भत्तों को लेकर सामंत कमेटी की रिपोर्ट आनी बाकी है। इसके अलावा करीब 150 से 200 वर्ग की विसंगति भी मिली है। एक-एक पर सुनवाई हो रही है।

गैर वाजिब मांगें नहीं मानेंगे
शेखावत मंत्री राजपाल सिंह ने साफ कहा कि कर्मचारियों के आंदोलन से सरकार सहानभूति रखती है। उनकी वाजिब मांगों को माना जाएगा, लेकिन गैर वाजिब मांगों का निराकरण नहीं होगा।

आरटीआई के लिए मांगे 60 हजार रुपए, आवेदक ने कहा-बैंक से लोन दिलाओ

कोटा। एकआरटीआई आवेदन ने इन दिनों जेकेलोन अस्पताल प्रशासन को हिला रखा है। असल में सुभाष नगर निवासी जगदीश प्रसाद नायक ने इसी साल अप्रैल में एक आरटीआई के तहत अस्पताल भामाशाह योजना के तहत किए गए इलाज मरीजों की जांच का पूरा रिकॉर्ड मांगा था।

अस्पताल प्रशासन ने कई माह की मेहनत के बाद स्पष्ट किया कि इस रिकॉर्ड की 25 से 30 हजार प्रतियां हैं।
जगदीश बीपीएल श्रेणी से हैं, उन्होंने अपने आवेदन के साथ बीपीएल कार्ड भी लगा रखा था। आरटीआई एक्ट के तहत बीपीएल कार्ड धारक को कोई भी सूचना निशुल्क देने का प्रावधान है।

हमारे पास इतनी स्टेशनरी ही नहीं 
हमारे पास इतनी स्टेशनरी ही नहीं है कि सूचना फ्री उपलब्ध करा दें। अस्पताल की सभी जेरोक्स मशीनें पूरे समय इसी काम में लगा दें तो भी फोटोकॉपी होने में कई माह लग जाएंगे। मुझे नहीं पता कि हमारे यहां से आवेदक को क्या लेटर दिया गया है, क्योंकि मैं कुछ दिन से बाहर था। एक बार मैं पता करूंगा, फिर कुछ बता पाऊंगा।
-डॉ. आरके गुलाटी, अधीक्षक, जेकेलोन अस्पताल

लेकिन, इसके उलट अस्पताल प्रशासन ने जगदीश को हाल ही में एक पत्र भेज दिया और कहा कि उक्त प्रतियों के 2 रुपए प्रति कॉपी के हिसाब से 60 हजार रुपए जमा कराकर सूचना प्राप्त कर लें।

अब इस लेटर के साथ जगदीश ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है और अनुरोध किया है कि उसे किसी भी सरकारी बैंक से लोन दिलाया जाए, ताकि वह यह सूचना प्राप्त कर सकें। साथ ही यह भी कहा है कि बीपीएल कार्ड धारक होने के बावजूद उससे वांछित सूचना के लिए पैसा मांगा जा रहा है, जो कानून का खुला उल्लंघन है।

सलिल एस. पारेख इंफोसिस के नए सीईओ, 5 साल तक संभालेंगे कमान

0

नई दिल्ली । आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों में शुमार इंफोसिस को नया सीईओ मिल गया है। सलिल एस पारेख को इंफोसिस का नया चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) नियुक्त कर दिया गया है। सलिल सिर्फ सीईओ ही नहीं होंगे बल्कि वो कंपनी में मैनेजिंग डॉयरेक्टर का पद भी संभालेंगे। उनके पास ये दोनों पद अगले पांच सालों तक रहेंगे।

हालांकि पारेख की यह नियुक्ति 2 जनवरी 2018 से ही प्रभावी होगी। आपको बता दें कि सिक्का के इस्तीफा दे देने के बाद यूबी प्रवीण राव को बतौर अंतरिम सीईओ और एमडी नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल 2 जनवरी 2018 को खत्म हो रहा है। इनका कार्यकाल खत्म होते ही पारेख यह जिम्मेदारी संभाल लेंगे।

इंफोसिस ने अपनी नियामकीय फाइलिंग (स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग) में यह जानकारी दी है कि यह नियुक्ति उस समिति के नामांकन और सिफारिश के आधार पर की गई है जिसका गठन नए सीईओ की तलाश करने के लिए किया गया था। आपको बता दें कि इस समिति का गठन नंदन नीलेकणि के इंफोसिस प्रमुख बनने के बाद किया गया था।

पारेख की नियुक्ति पर क्या बोले नीलेकणि: पारेख की नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए इन्फोसिस बोर्ड के चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने कहा कि सलिल को सीईओ एवं एमडी के रूप में चुनते हुए कंपनी को खुशी हो रही है। कंपनी बोर्ड का मानना है कि पारेख उद्योग में इस परिवर्तनशील समय में इंफोसिस का नेतृत्व करने के लिहाज से एक उचित व्यक्ति हैं।

आपको बता दें कि नीलेकणि आन से पहले इंफोसिस कई तरह की मुश्किलों का सामना कर रही थी। पारेख के पास कितना अनुभव: पारेख में आईटी उद्योग में तीन दशकों से अधिक काम करने का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव हैं। इसके अलावा व्यापार के बेहतर संचालन और अधिग्रहण के सफल प्रबंधन का भी उनके पास एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है।

पारेख फ्रांसीसी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी कैपजेमिनी में समूह कार्यकारी बोर्ड के सदस्य थे। वो साल 2000 में कैपजेमिनी से जुड़े थे। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है। साथ ही उनके पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री भी है।

सोना 250 रुपए महंगा, अब कितने का हो गया 10 ग्राम गोल्ड

नई दिल्ली/कोटा । लगातार दो दिन की गिरावट के बाद सोने की कीमतों में तेज उछाल देखने के लिए मिला है। शनिवार के कारोबार में दिल्ली में सोने के बाजार में सोने का मूल्य 250 रुपये का उछाल 30,500 रुपये प्रति 10 ग्राम स्तर पर आ गया है।

सोने की कीमत में इस उछाल का कारण मजबूत वैश्विक संकेत और घरेलू हाजरी बाजार में स्थानीय आभूषण निर्माता से भी तेज खरीदारी हो रही है। सोने की कीमतें निश्चित रूप से उछाल आया लेकिन चांदी के मूल्य में गिरावट जारी है शनिवार के कारोबार में चांदी में 50 रुपये की गिरावट देखने के लिए मिला।

इस गिरावट के साथ चांदी 39,150 रुपये प्रति किलोग्राम स्तर पर आ गई है। इस गिरावट के कारण औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की ओर से कमजोर उठन हो रही है। बुलियन व्यापारियों ने विदेशी बाजारों में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी को जिम्मेदार ठहराया है।

क्योंकि डॉलर में कमजोरी ने सोने की मांग को सुरक्षित रखने पर निवेशकों को मजबूर किया है। वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोना 0.39 फीसद की उछाल के साथ 1,279.60 औंस प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ है। व्यापारियों ने कहा कि इसके अलावा मौजूदा शादी के मौसम की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय जौहरी की खरीदारी में वृद्धि के कारण कीमतों में वृद्धि हुई है।

वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 99.9 फीसद और 99.5 फीसद शुद्धता सोना 250 रुपए की गिरावट के साथ 30,500 और 30,350 रुपए प्रति 10 ग्राम स्तर पर पहुंचे। बीते दो दिनों के दौरान सोना की कीमतें 270 रुपये की गिरावट देखी गई थी। गिनी के भाव, हालांकि, 24700 रुपये प्रति आठ ग्राम स्तर पर बकातर हो रहे हैं।

कोटा सराफा
चांदी 39000 प्रति किलोग्राम।
सोना केटबरी 30300 रुपए प्रति 10 ग्राम,  सोना 35340 रुपए प्रति तोला।
सोना शुद्ध 30450 रुपए प्रति 10 ग्राम, सोना  35520  रुपए प्रति तोला।

जीएसटी दरों में सुधार से उद्योग ने दिखाई साल की सर्वाधिक तेजी

नई दिल्ली। देश के विनिर्माण क्षेत्र की कारोबारी गतिविधियों में नवंबर माह में गत 13 महीने का सर्वाधिक सुधार दर्ज किया गया है। इस दौरान मजबूत मांग की परिस्थितियों और जीएसटी दरों में सुधार की बदौलत नए ठेकों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह बात शुक्रवार को एक मासिक सर्वेक्षण में कही गई है।

निक्केई इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की रीडिंग नवंबर में 52.6 दर्ज की गई है, जो अक्तूबर में 50.3 पर थी। इससे देश के विनिर्माण क्षेत्र में संचालन परिस्थितियों में अत्यधिक सुधार होने का पता चलता है।

लगातार चौथे माह इस सूचकांक की रीडिंग 50 से ऊपर दर्ज की गई है। रीडिंग के 50 से ऊपर रहने का मतलब क्षेत्र में विस्तार और इसके 50 से नीचे रहने का मतलब क्षेत्र में संकुचन होना है।

आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और सर्वेक्षण रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा कि रिपोर्टों के मुताबिक जीएसटी दर में कटौती और मजबूत मांग परिस्थितियों के कारण उत्पादन और नए ठेकों में अक्तूबर 2016 के बाद सर्वाधिक तेज वृद्धि दर्ज की गई।

पीएमआई की ताजा रीडिंग हालांकि मार्च 2005 में सर्वेक्षण की शुरुआत से लेकर अब तक की औसत रीडिंग के मुकाबले कम है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक उत्पादन में तेज वृद्धि के चलते रोजगार सृजन की रफ्तार सितंबर 2012 के बाद सर्वाधिक रही।

साथ ही भारतीय वस्तुओं के लिए विदेशों में मांग बढ़ने के चलते निर्यात वृद्धि दर भी गत तीन महीने पहली बार बढ़ी है। कीमत के मोर्चे पर इनपुट लागत की महंगाई दर अप्रैल के बाद सर्वाधिक तेजी से बढ़ी, लेकिन कंपनियां लागत वृद्धि का बोझ अपने ग्राहकों पर डालने में असफल रहीं।