गौ-महोत्सव : बारां जिले में बड़ा के बालाजी मंदिर परिसर में बाहर से श्रद्धालुओं का आना शुरू, 30 बीघा में आवासीय परिसर व 70 बीघा में 8 पार्किंग स्थल
अरविंद. बारां/कोटा। बारां से 10 किमी दूर बड़ा के बालाजी मंदिर परिसर में सोमवार से प्रारम्भ हो रहेे विराट श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव एवम गोरक्षा सम्मेलन-2017 को लेकर आसपास के गांव-कस्बों में अभूतपूर्व उत्सवी माहौल है।
रविवार शाम को पंडित कमल किशोर ‘नागरजी’ ने मंदिर पहुंचकर बालाजी के दर्शन किये। इस अवसर पर सैकड़ों गौभक्तों ने सादगी से उनकी अगवानी की। वे 7 दिन कथा स्थल पर टेंट में ही रात्रि विश्राम करेंगे।
आयोजक महावीर गोशाला कल्याण संस्थान के अध्यक्ष गौतम बोरडिया ने बताया कि प्रातः 9 बजे से मंदिर से कथा स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी।
उन्होंने बताया कि 2007 में इसी गौशाला परिसर में पूज्य नागरजी ने श्रीमद भागवत महायज्ञ किया था, उनके सान्निध्य में पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया एवम उर्मिला भाया ने ऐतिहासिक बड़ा के बालाजी मंदिर के नवीनीकरण का प्रोजेक्ट हाथ मे लिया था।
तीन वर्ष पूर्व यह मंदिर पूरी तरह विकसित हो गया। तब से मंदिर समिति के पदाधिकारी एवम प्रमोद भायाजी पूज्य नागरजी से इसी मंदिर पर कथा करने के लिए प्रयासरत थे।
मन्दिर परिसर तीर्थ स्थल के रूप में विकसित होने के बाद यहां गौसेवक सन्त नागरजी की कथा एवम गोरक्षा सम्मेलन के न्यौते गांव-गांव में पीले चावल के साथ बाटे गए। गौरक्षा सम्मेलन में समिति की ओर से यहां श्रद्धालुओं से नियमित गौसेवा के संकल्प पत्र भरवाए जाएंगे।
भाया ने बताया कि कुल 125 बीघा में बनाये अस्थाई नन्दग्राम में 25 बीघा भूमि पर विराट कथा पांडाल सजाया गया है। 30 बीघा में आवासीय परिसर तथा 70 बीघा क्षेत्रफल में वाहन पार्किंग होगी। राजस्थान,मप्र व गुजरात से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रोजाना प्रवचन सुनने पहुंचेंगे।
60 समितियों में 3 हजार सेवक जुटे
उन्होंने बताया कि पिछले एक माह से इस विराट आयोजन के लिए विभिन्न 60 समितियों में करीब 3 हजार गौसेवक दिन-रात निस्वार्थ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कोटा, बारां व झालावाड़ जिले के गावों में उत्सवी माहौल होने से कथा स्थल पर 70 बीघा भूमि में 8 पार्किंग जोन बनाये गए हैं। इसमे सभी मार्गों से आने वाले चारपहिया एवम दुपहिया वाहनों की पार्किंग अलग-अलग होगी।
30 बीघा में बनाये आवासीय ब्लॉक
समाजसेविका श्रीमती उर्मिला जैन भाया ने बताया कि कथा स्थल के नजदीक 30 बीघा भूमि पर अस्थायी आवासीय परिसर बनाया गया। इसमे महिला व पुरुष ब्लॉक अलग-अलग होंगे।
जिनमे अन्य राज्यों व बाहर से आने वाले 7 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने व शुद्ध देसी घी व तेल से निर्मित भोजन की व्यवस्था की गई है। व्रत के लिए फलिहार रहेगा।
रात्रि में यहां सामूहिक मंत्रोच्चार व भजन-कीर्तन होंगे। सर्दी को देखते हुए बुजुर्गों के स्नान के लिए गर्म पानी तथा रजाई-बिस्तर की निशुल्क व्यवस्था की गई है। 30 से अधिक शौचालय व बाथरूम बनाये गए।
श्रद्धालुओं के लिए लगाए निशुल्क वाहन
प्रमोद भाया ने बताया कि आयोजन समिति द्वारा बारां शहरवासियों के लिए ढोल मेला परिसर से कथा स्थल तक आने-जाने के लिए रोजाना निशुल्क बस व वाहन सेवा उपलब्ध रहेगी। इसी तरह अंता, मांगरोल, सीसवाली, छबड़ा व छीपाबड़ोद आदि 20 किमी दूर के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कथा स्थल तक निशुल्क वाहन आएंगे। इनमे बस,ट्रक, जीप, मिनीडोर, मैजिक आदि वाहन रहेंगे। कोटा से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रवचन सुनने पहुंचेंगे।