नई दिल्ली। देश के विनिर्माण क्षेत्र की कारोबारी गतिविधियों में नवंबर माह में गत 13 महीने का सर्वाधिक सुधार दर्ज किया गया है। इस दौरान मजबूत मांग की परिस्थितियों और जीएसटी दरों में सुधार की बदौलत नए ठेकों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह बात शुक्रवार को एक मासिक सर्वेक्षण में कही गई है।
निक्केई इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की रीडिंग नवंबर में 52.6 दर्ज की गई है, जो अक्तूबर में 50.3 पर थी। इससे देश के विनिर्माण क्षेत्र में संचालन परिस्थितियों में अत्यधिक सुधार होने का पता चलता है।
लगातार चौथे माह इस सूचकांक की रीडिंग 50 से ऊपर दर्ज की गई है। रीडिंग के 50 से ऊपर रहने का मतलब क्षेत्र में विस्तार और इसके 50 से नीचे रहने का मतलब क्षेत्र में संकुचन होना है।
आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और सर्वेक्षण रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा कि रिपोर्टों के मुताबिक जीएसटी दर में कटौती और मजबूत मांग परिस्थितियों के कारण उत्पादन और नए ठेकों में अक्तूबर 2016 के बाद सर्वाधिक तेज वृद्धि दर्ज की गई।
पीएमआई की ताजा रीडिंग हालांकि मार्च 2005 में सर्वेक्षण की शुरुआत से लेकर अब तक की औसत रीडिंग के मुकाबले कम है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक उत्पादन में तेज वृद्धि के चलते रोजगार सृजन की रफ्तार सितंबर 2012 के बाद सर्वाधिक रही।
साथ ही भारतीय वस्तुओं के लिए विदेशों में मांग बढ़ने के चलते निर्यात वृद्धि दर भी गत तीन महीने पहली बार बढ़ी है। कीमत के मोर्चे पर इनपुट लागत की महंगाई दर अप्रैल के बाद सर्वाधिक तेजी से बढ़ी, लेकिन कंपनियां लागत वृद्धि का बोझ अपने ग्राहकों पर डालने में असफल रहीं।