Saturday, September 21, 2024
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गाजे-बाजे और पुष्पवर्षा के बीच रामेश्वरम् के लिए रवाना हुए वरिष्ठ यात्री 

दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना-2017 

जयपुर। दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना-2017 के तहत शनिवार को करीब एक हजार यात्री ट्रैन से रामेश्वरम् के लिए रवाना हुए।

दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर देवस्थान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा, सांसद रामचरण बोहरा, देवस्थान बोर्ड के अध्यक्ष एसडी शर्मा, जिला प्रमुख मूलचंद मीना सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने पुष्पवर्षा और गाजे-बाजे के साथ हरी झण्डी दिखाकर 347 यात्रियों को रवाना किया। शेष यात्री सवाई माधोपुर तथा कोटा रेलवे स्टेशन से शामिल हुए।

इससे पहले दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए देवस्थान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की सोच है कि प्रदेश के बुजुर्ग धन के अभाव में तीर्थ यात्राओं से वंचित नहीं रहे।

इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह अभिनव योजना शुरू की है, जिसमें ट्रैन और वायुयान के माध्यम से हर वर्ष वरिष्ठजनों को पूरी सुविधा के साथ तीर्थयात्राएं करवाई जा रही हैं।

रिणवा ने कहा कि राज्य सरकार ने गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या दोगुनी कर दी है ताकि अधिक से अधिक वरिष्ठजन को इस योजना का लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हमारे बुजुर्गों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए देवस्थान विभाग ने सभी तरह के इंतजाम किए हैं। यात्रा के दौरान खान-पान, चिकित्सा, सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं निशुल्क उपलब्ध करवाई हैं। 

देवस्थान बोर्ड के अध्यक्ष एसडी शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने श्रवण कुमार की भूमिका निभाते हुए प्रदेश के वरिष्ठजनों के लिए यह अनुपम योजना शुरू की है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है, जिसने अपने वरिष्ठजनों को हवाई मार्ग से धार्मिक यात्रा करवाने की पहल की है। सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री राजे की सोच है कि प्रदेश का हर व्यक्ति खुशहाल रहे।

कोई व्यक्ति मूलभूत जरूरतों से वंचित नहीं रहे। मुख्यमंत्री के दूरदर्शी विजन से ही आज प्रदेश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

1000 यात्री रवाना : देवस्थान विभाग के आयुक्त जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि इस ट्रैन में जयपुर जिले के 161, अलवर के 84, सीकर के 25, झुंझुनूं के 30, दौसा के 45, धौलपुर के 20, करौली के 23, सवाई माधोपुर के 67, भरतपुर के 63, कोटा के 157, बूंदी के 66, बारां के 127 तथा झालावाड़ जिले के 127 यात्री रवाना हुए। यह ट्रैन 7 नवम्बर को रामेश्वरम् पहुंचेगी तथा 11 नवम्बर को वापस जयपुर पहुंचेगी। 

राजस्व फैसले अब घर बैठे ऑनलाइन देख सकेंगे किसान

कोटा। राजस्व से संबंधित फैसलों को अब घर बैठे देखा जा सकेगा। इसका शनिवार को ऑनलाइन कर दिया गया। राजस्व मंडल अध्यक्ष वी श्रीनिवास ने इसका शुभारंभ करने के बाद जिले के राजस्व मामलों की समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी नियमित रूप से न्यायालय में बैठकर राजस्व मामलों का समय पर निपटारा करें। उन्होंने राजस्व फैसलों को पोर्टल पर ऑनलाइन करने और लक्ष्यों के अनुसार कार्यालय निरीक्षण, भ्रमण रात्रि विश्राम के साथ आमजन की समस्याओं का निस्तारण करने के भी निर्देश दिये। 

राजस्व मंडल अध्यक्ष ने उपखंड अधिकारी एवं तहसीलदार को राजस्व की मुख्य धूरी बताते हुए कहा कि वे अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों को जानने के लिए नियमित अध्ययन की प्रवृति बनाएं तथा आमजन को सस्ता एवं सुलभ न्याय प्रदान करें।

कलेक्टर रोहित गुप्ता ने उपखण्डवार राजस्व उपलब्धि एवं राजस्व मामलों के निस्तारण की जानकारी देते हुए कहा कि राजस्व न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों को न्याय आपके द्वार अभियान में ग्राम पंचायत स्तर पर निस्तारित किया है।

जिसमें पुराने प्रकरणों के निस्तारण में जिले का प्रथम स्थान रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्व न्यायालयों में वर्तमान में जिले में 13640 वाद दर्ज है। जिनका निस्तारण पीठासीन अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।

राजस्व वाद किया ऑनलाइन : राजस्वमंडल अध्यक्ष ने बैठक के दौरान जिले में राजस्व न्यायालयों के फैसलों के ऑनलाइन किये जाने का शुभारंभ करते हुए अतिरिक्त कलक्टर राजस्व न्यायालय के फैसले को बटन दबाकर ऑनलाइन किया।

अब जिले के राजस्व न्यायालयों के फैसलों को काश्तकार घर बैठे राजस्व मंडल की वेबसाइट पर देख सकेंगे तथा आवश्यक होने पर ऑनलाइन प्रति भी ले सकेंगे।

अगले सप्ताह कारोबारियों को मिल सकती है बड़ी राहत- मोदी

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नई दिल्ली। जीएसटी की व्यवस्था में जटिलताओं को लेकर परेशान व्यापारियों को अगले सप्ताह बड़ी राहत मिल सकती है। कारोबारियों का कहना है कि जीएसटी की व्यवस्था आने के बाद से उन पर टैक्स और प्रशासन का बोझ बढ़ गया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि यदि 9 और 10 नवंबर को होने वाली जीएसटी काउन्सिल की मीटिंग में सहमति बनती है तो सरकार कारोबारियों को मदद करने और इकॉनमी को मजबूती देने के लिए कुछ कदम उठा सकती है। पिछले महीने मंत्रियों के पैनल छोटे कारोबारियों के लिए टैक्स की दरों को कम करने की सिफारिश की थी।

जुलाई में केंद्र की मोदी सरकार ने एक साथ देश के 29 राज्यों में एक समान अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरुआत की थी। इसके बाद से ही देश में छोटे एवं मझोले स्तर के कारोबारी वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते मुश्किल में हैं।

नोटबंदी के फैसले से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने और जीएसटी को लागू करने के तरीके को लेकर एक वर्ग मोदी सरकार की कड़ी आलोचना कर रहा है।

विश्लेषकों के मुताबिक इन दोनों फैसलों के चलते ही बीते 4 सालों में भारत की आर्थिक विकास दर सबसे कमजोर रही है। पीएम मोदी की ओर से जीएसटी में बदलाव का संकेत वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनस की रिपोर्ट में भारत के 30 पायदान ऊपर चढ़ने के बाद यह बयान आया है।

विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में पावर सप्लाइ, विदेशी निवेशकों की सुरक्षा और अन्य कई सुधारों के चलते भारत की रैंकिंग में सुधार किया है। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जीएसटी और अन्य सुधारों को देखते हुए अगले साल भारत की रैंकिंग में और सुधरा है।

राजस्थान में बनेगा विश्वस्तरीय लॉजिस्टिक पार्क, होगा 10 हजार करोड़ से अधिक का निवेश 

देश विदेश की विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियाें ने राजस्थान में कनकपुरा जयपुर से फुलेरा, अजमेर के मध्य एक विश्व स्तरीय लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना के लिए 10 से 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने पर सहमति जताई

जयपुर। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देश-विदेश के उद्यमियों को राजस्थान में विनियोजन करने विशेषकर फूड प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने  कहा कि राजस्थान उत्तर भारत की निवेशक राजधानी बन कर उभर रहा है। देश और प्रदेश के समग्र विकास में फूड इकोनोमी का महत्वपूर्ण स्थान है। 

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय वर्ल्ड फूड इंडिया-2017 समिट में शनिवार को राजस्थान पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। सत्र को सम्बोधित करते हुए  शेखावत ने कहा कि राजस्थान में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। चूंकि प्रदेश कई प्रकार के कृषि व खाद्य जिंसो के उत्पादन में देश और दुनिया में अग्रणी है।

उन्होंने  बताया कि राजस्थान में झालावाड़ के संतरे, गंगानगर के किन्नू सहित जैतून, खजूर, जोजोबा, सोयाबीन, आंवला, जीरा, औषधीय प्लांटस, मसालों आदि के साथ ही दुग्ध उत्पादन, मेहंदी, ईसबगोल, ग्वार-बाजरा, मक्का, लहसुन, खट्टे फल, अनार तथा अन्य कई कृषि व खाद्य जिंसाें के उत्पादन में आगे है। यहां इन पर आधारित प्रसंस्करण यूनिट्स तथा मेगा फूड पार्क लगने की व्यापक संभावनाएं हैं।

शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में एकीकृत फूड सेक्टर डवलपमेंट विकसित करना चाहती है और इसके लिए एग्रो मार्केटिंग सहित अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों में निवेशकों के लिए कई प्रकार की सुविधाएं दे रही हैं।

उन्होंने  बताया कि कृषि बागवानी के क्षेत्र में भी देश में राज्य अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है और राज्य में 28 हॉर्टीकल्चर नर्सरीज स्थापित की गई हैं। उन्होंने  बताया कि राजस्थान में 10 एग्रोक्लाइमेटीक जोन हैं और 8 प्रकार की मिट्टी हैं जिसमें रेगिस्तान भी है ओर तेल भी है।

उद्योग मंत्री ने बताया कि दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक-रेल फ्रेट कोरीडोर का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में से होकर गुजरेगा। उन्होंने  बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.) का 25 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में है जो कि देश की जी.डी.पी. में 29 प्रतिशत हिस्सेदारी के रूप में योगदान देने वाला क्षेत्र है।

 540 करोड़ रुपये के 13 एमओयू पर हस्ताक्षर
इस मौके पर राज्य में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करने के लिए 540 करोड़ रुपये के 13 एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये गए। राज्य सरकार की ओर से उद्योग आयुक्त  कुंजी लाल मीना ने एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये। इन एम.ओ.यू. के लागू होने पर राज्य के 7500 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

एम.ओ.यू. में मैसर्स ग्रीनटेक मेगा फूड पार्क लिमिटेड द्वारा 113.56 करोड़ रुपये, चौखी ढाणी फूडस् और ईमामी एग्रोटेक द्वारा 100-100 करोड़ रुपये, मेजस्टिक डेस्टिनेशन प्राईवेट लिमिटेड और रूकमणी देवी गर्ग एग्रो इम्पेक्टस प्राईवेट लिमिटेड द्वारा 70-70 करोड़ रुपये की लागत के प्रोजेक्टस मुख्य हैं।

लॉजिस्टिक पार्क के निवेश पर चर्चा
इस अवसर पर उद्योग मंत्री  शेखावत ने देश विदेश की विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियाें के प्रतिनिधियों से प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना के लिए निवेश पर चर्चा की। मुख्य रूप से दुबई के शराफूद्दीन श्रोफ की हिन्द टर्मिनल ग्रुप के साथ सार्थक चर्चा हुई।

इस ग्रुप ने राजस्थान में कनकपुरा जयपुर से फुलेरा, अजमेर के मध्य एक विश्व स्तरीय लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना के लिए 10 से 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने पर सहमति जताई और बताया कि यह कम्पनी राज्य सरकार से 1 हजार एकड़ जमीन मिलने पर आधारभूत सुविधाओं पर ही 5 से 7 हजार करोड़ रुपये तक का निवेश करेगी।

लॉजिस्टिक पार्क में प्लगिंग फूड प्रोससिंग, पैकेजिंग आदि यूनिट्स लगाने पर पृथक से इतनी ही राशि का निवेश किया जाएगा। यह देश में अपने ढंग का पहला लॉजिस्टिक पार्क होगा।

थाईलैंड, जापान की कम्पनियों से भी वार्ता
उद्योग मंत्री इस मौके पर थाईलैंड, जापान व कारगिल आदि प्रतिष्ठित कम्पनियाें के नुमाईदों से भी मिले। थाईलैंड की दो प्रमुख कम्पनियाें ने प्रदेश में 5-7 हैक्टेयर भूमि पर मक्का की प्रसंस्करण यूनिट्स व उत्कृष्ट श्रेणी के मक्का का उत्पादन की इकाइयां लगाने में रूचि दर्शाई।

वहीं थाईलैंड की ही एक कम्पनी ने जयपुर में ‘‘केश एण्ड केरी‘‘ आउटलेट खोलने में अपनी रूचि प्रदर्शित की। इसी प्रकार करगिल कम्पनी द्वारा प्रदेश में कैटलफीड हेतु उपयोग में लिये जाने वाले विभिन्न प्रकार के मिनरल्स को प्रसंस्करण कर उत्कृष्ट प्रकार का कैटल फीड का उत्पादन करने के लिए निवेश की बात कही।

सत्र के प्रारंभ में उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने प्रदेश में कृषि और फल व बागवानी के विहंगम परिदृश्य की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने  बताया कि राज्य में निवेश के लिए आने वाले उद्यमियों को हर संम्भव मदद उपलब्ध करवायी जाएगी। 

“खिचड़ी” के तड़के की महक गिनीज बुक में दर्ज

खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा आयोजित विश्व खाद्य सम्मेलन 2017 एवं प्रदर्शनी में ग्रेट इंडिया फूड स्ट्रीट के ब्रांड एंबेस्डर और जाने माने खानसामा संजीव कपूर और उनकी टीम ने इस खिचड़ी को तैयार किया।

नयी दिल्ली । भारत के संपूर्ण आहार और खाद्य ब्रांड के तौर पर आज यहां 918 किलोग्राम खिचड़ी तैयार की गई। इसे गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्डस में स्थान दिया गया है।

खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा यहां आयोजित विश्व खाद्य सम्मेलन 2017 एवं प्रदर्शनी में ग्रेट इंडिया फूड स्ट्रीट के ब्रांड एंबेस्डर और जाने माने खानसामा संजीव कपूर और उनकी टीम ने इस खिचड़ी को तैयार किया।

चावल, दाल, ज्वार, रागी सहित कई तरह के अनाज वाली, तमाम विटामिन युक्त, पोषक खिचड़ी को भारत के खाद्य ब्रांड के तौर पर पेश किया गया।

इस अवसर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड  के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। मास्टरशेफ कपूर और अक्षयपात्र एनजीओ ने बनाने की तैयारियों की रात भर निगरानी की। योगगुरू रामदेव ने इसमें तड़का लगाया।

गिनीज विश्व रिकॉर्ड की प्रोजेक्ट मैनेजर पाउलिना सपिंस्का ने कार्यक्रम में कहा, हम अभी भी खिचड़ी का इंतजार ही कर रहे हैं। मुझो यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 918 किलोग्राम खिचड़ी को गिनीज बुक में जगह दी जा रही है।

विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए न्यूनतम वजन 500 किलोग्राम आवश्यक था। हालांकि शेफ कपूर ने 800 किलोग्राम से अधिक का लक्ष्य तय किया था। टीम में इम्तियाज कुरैशी, रणवीर बरार, सुधीर सिब्बल, राकेश सेठी, अक्षय नैयर, सतीश गौड़ा जैसे शेफ भी शामिल रहे।

योग गुरू रामदेव ने खिचड़ी को संपूर्ण आहार बताया। उन्होंने कहा यह भारत का आहार है, उपहार है। खिचड़ी को वि पटल पर पेश करने के लिये उन्होंने सरकार का आभार जताया।

उन्होंने कहा, खिचड़ी का विश्व रिकार्ड बनेगा, भारत के खाद्य बाजार को नया आधार मिलेगा। यह स्वदेशी का प्रतीक है, यह विदेश में धूम मचायेगी। खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने खिचड़ी को भिन्नता में एकता का प्रतीक बताया।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में किसी न किसी रूप में खिचड़ी पकाई जाती है। अमीर-गरीब, यह हर-एक का खाना है। हम इसे भारत के आहार के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करेंगे।

खिचड़ी की अपनी संदुरता है। आज गुरु पर्व के दिन तैयार की गई इस खिचड़ी को विदेशी मेहमानों के साथ साथ आम जनता और गरीब बच्चों को वितरित किया जायेगा।

जाने माने खानसामा संजीव कपूर ने कहा, आज खिचड़ी का दिन है। यह पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाली खिचड़ी है। यह चावल, मूंग दाल, ज्वार, रागी, गाजर आदि से बनी है।

आईटीसी होटल्स के मास्टर शेफ कुरैशी ने खिचड़ी जैसे भारतीय खाद्य को प्रोत्साहित करने की सरकारी कोशिश की सराहना करते हुए कहा कि इसे अब विश्व भर में काफी दिलचस्पी से पसंद किया जा रहा है।

बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने वाली प्रमुख संस्था अक्षयपात्र के उत्तर भारत के अध्यक्ष नरसिंह दास ने संवाददाताओं को बताया कि इस खिचड़ी को बनाने में करीब 125 किलो चावल, 45 किलो मूंग छिल्का की दाल, ढाई-तीन किलो घी और सुविधानुसार नमक का इस्तेमाल किया गया है।

खिचड़ी को खाद्य मेले में आये 60 से अधिक देशों के कंपनी प्रमुखों को परोसने के साथ साथ दिल्ली में अंतरराज्जीय बस अड्डे के समीप हनुमान मंदिर और आजादपुर कालोनी में आम लोगों को वितरित किया जायेगा।

खानपान में 68000 करोड़ के निवेश का ऐलान

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  • वर्ल्ड फूड इंडिया कार्यक्रम के पहले दिन निवेश के वायदों की बौछार
  • पतंजलि भी नए फूड पार्कों में 10,000 करोड़ रुपये लगाएगी

नई दिल्ली। देश के खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण और रिटेल क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के इरादे से सरकार द्वारा आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया कार्यक्रम के पहले दिन आज निवेश के वायदों की बौछार हो गई। देसी-विदेशी कंपनियों ने 68,000 करोड़ रुपये के निवेश के वायदे किए।

पेप्सिको, कोका-कोला, आईटीसी, पतंजलि, कारगिल और ब्रिटानिया जैसी एफएमसीजी दिग्गजों तथा एमेजॉन और मेट्रो जैसी रिटेलरों समेत कई कंपनियों ने 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके जरिये उन्होंने पहले घोषित अपनी निवेश योजनाओं को औपचारिक जामा पहना दिया।
 
डिब्बाबंद खाद्य एवं पेय क्षेत्र की नामी कंपनी पेप्सिको ने सबसे अधिक 13,340 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया। उसकी चिर प्रतिद्वंद्वी कोका-कोला ने 11,000 करोड़ रुपये लगाने की घोषणा की। पेप्सिको का यह निवेश भारत में 35,000 करोड़ रुपये लगाने की उसकी पूर्वघोषित योजना का ही हिस्सा है।

कोका-कोला ने जुलाई में कहा था कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर निवेश करेगी ताकि भारत में कृषि की व्यवस्था मजबूत की जा सके। आईटीसी के मुख्य कार्याधिकारी संजीव पुरी ने आज 10,000 करोड़ रुपये के जिस निवेश का वायदा किया, उसकी मदद से 12 राज्यों में उपभोक्ता सामग्री के विनिर्माण एवं आवाजाही आदि के लिए 20 एकीकृत संयंत्र बनाए जाएंगे।

पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बाल कृष्ण ने बताया कि उनकी कंपनी भी नए फूड पार्कों में 10,000 करोड़ रुपये लगाएगी। संयुक्त अरब अमीरात के शराफ ग्रुप ने कृषि उत्पाद, संग्रह, प्रसंस्करण तथा निर्यात को मजबूत करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के निवेश का समझौता किया।
 
खाद्य क्षेत्र की कंपनियां ही नहीं रिटेल दिग्गज भी निवेश की कतार में खड़ी नजर आईं। एमेजॉन और मेट्रो इनमें सबसे आगे रहीं। एमेजॉन ने रिटेल कारेाबार में 3,450 करोड़ रुपये लगाने का वायदा किया और और मेट्रो ने थोक कारोबार में 1,690 करोड़ रुपये लगाने की बात कही।

जननी फूड्स, कारगिल, ब्रिटानिया, हेंस सिलेशियल, सीपी होलसेल और आरपी संजीव गोयनका ग्रुप ने 1,000-1,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि लगाने के समझौते किए। 
 
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘किसानों की आय दोगुनी करने तथा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारी रोजगार सृजन करने के हमारे लक्ष्य पूरे करने में यह निवेश मदद करेगा।’ इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण केंद्र बनाने के लिए इस क्षेत्र में निजी निवेश की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने सैकड़ों देसी-विदेशी कारोबारी हस्तियों से कहा, ‘आइए, भारत में निवेश करिए, जहां खेत से खाने की मेज तक भोजन पहुंचाने के असीम अवसर हैं।’
 
प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन पोर्टल निवेश बंधु का उद्घाटन करने के बाद प्रतिनिधियों से कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकारें विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन दे रही हैं और विदेशी तथा देसी निवेशकों के लिए एकल खिड़की मंजूरी की सुविधा भी शुरू कर दी गई है, जिससे कारोबार करना और भी आसान हो जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘कोल्ड चेन और कृषि प्रसंस्करण को अब प्राथमिकता वाला क्षेत्र बना दिया गया है। हालांकि निजी निवेश में इजाफा हो रहा है, लेकिन अनुबंध पर होने वाली खेती, कच्चे माल की प्राप्ति और कृषि आपूर्ति की सुविधा तैयार करने में और भी निवेश की जरूरत है। रेफ्रिजरेटेड परिवहन व्यवस्था और कोल्ड चेन के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।’
 
बादल के अनुसार सरकार ने पूरे भारत में 42 मेगा फूड पार्क बनाने का प्रस्ताव रखा है, जिनमें से नौ पहले ही काम करने लगे हैं। पहले दो महीनों में क्षेत्र को 1,300 करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्ताव मिले हैं, जो पहले से अधिक हैं।

इस बीच नेस्ले के वैश्विक चेयरमैन पॉल बुल्के ने खाद्य सुरक्षा के मामले में चिंता जताते हुए सरकार के सामने मदद का हाथ बढ़ाया। उन्होंने कहा, ‘कुछ समय पहले हमारे सामने बहुत चुनौतीपूर्ण दौर था, जब खाद्य सुरक्षा की हमारी विरासत पर सवाल उठाया गया।

किसी भी संस्था के पाास खाद्य से जुड़ी सभी समस्याओं का जवाब नहीं होता, लेकिन हमें उन सबसे निपटना पड़ा। खाद्य सुरक्षा पर हम समझौता नहीं करते और इस मामले में अपनी महारत से हम आपकी मदद कर सकते हैं।’
 
यूनिलीवर की खाद्य अध्यक्ष अमेंडा सूरी ने कहा, ‘1.3 अरब की आबादी, बढ़ते हुए मध्य वर्ग, अमेरिका की पूरी आबादी से भी बड़े युवा वर्ग और लगातार बढ़ते शहरीकरण वाले भारत में 1 अरब से भी अधिक लोगों को पोषक, सुरक्षित और स्वादिष्टï भोजन मुहैया कराने के अवसर को लपका जाना चाहिए।’

फिल्म पद्मावती पर उमा बोली, “खिलजी की थी बुरी नजर”

नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की आने वाली फिल्म ‘पद्मावती’ रिलीज से पहले विवादों में घिरी हुई है। अब केंद्रीय जल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने भी इस पर सवाल उठाते हुए खुला खत लिखा है। उन्होंने कहा है कि फिल्मों में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।

अलाउद्दीन खिलजी की रानी पद्मावती पर बुरी नजर थी और इसके लिए उसने चित्तौड़ को नष्ट कर दिया था। हालांकि मोदी सरकार की सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी साफ कर चुकी हैं कि फिल्म रिलीज को लेकर कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए सरकार ध्यान रखेगी।

उमा भारती ने शुक्रवार को भी एक के बाद एक ट्वीट के जरिए कहा था कि वह इस विषय पर तटस्थ नहीं रह सकतीं हैं। उन्होंने इस विवाद को सुलझाने के लिए सलाह दी थी कि रिलीज से पहले इतिहासकार, फिल्मकार, आपत्ति करने वाले समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमिटी बनाए और इसपर फैसला करें।

उमा भारती ने शनिवार को ट्विटर पर खत शेयर किया। इसमें उन्होंने लिखा है, ‘तथ्य को बदला नहीं जा सकता, उसे अच्छा या बुरा कहा जा सकता है। सोचने की आजादी किसी भी तथ्य की निंदा या स्तुति का अधिकार हमें देती है। जब आप किसी ऐतिहासिक तथ्य पर फिल्म बनाते हैं तो उसके फैक्ट को वॉयलेट नहीं कर सकते।

यह भी पढ़ें ….’पद्मावती’ को लेकर राजस्थान में संग्राम, चित्तौड़गढ़ में बंद का ऐलान

रानी पद्मावती की गाथा एक ऐतिहासिक तथ्य है। अलाउद्दीन खिलजी की बुरी नजर रानी पद्मावती पर थी और इसके लिए उसने चित्तौड़ को नष्ट कर दिया था। रानी पद्मावती के प्रति राणा रतन सिंह अपने साथियों के साथ वीरगति को प्राप्त हुए थे।

स्वंय रानी पद्मावती ने हजारों उन स्त्रियों के साथ जिनके पति वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जीवित ही स्वंय को आग के हवाले कर जौहर कर लिया था।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘हमने इतिहास में यही पढ़ा है और आज भी खिलजी से नफरत और पद्मावती के लिए सम्मान और उनके दुखद अंत के लिए बहुत वेदना होती है।

स्मृति ने कहा था नहीं होगी कोई दिक्कत
पिछले दिनों एक कार्यक्रम में फिल्ममेकर करन जौहर ने स्मृति ईरानी से पद्मावती की रिलीज से संबंधित सवाल पूछा था। स्मृति ने इसके जवाब में कहा था कि फिल्म रिलीज को लेकर राजस्थान में कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए सरकार ध्यान रखेगी।

राजपूत करणी सेना जैसे संगठन लगातार फिल्म के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे हैं और उनका कहना है कि वे फिल्म का बहिष्कार करेंगे। दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह स्टारर ‘पद्मावती’ इस साल 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है।

सड़कों पर जल्द दौड़ेगी एक पहिए वाली बाइक, जानिए खासियत

नई दिल्ली। टू-थ्री और फोर व्हीलर के बाद अब बहुत जल्द सिंगल व्हील ट्रांसपोर्ट भी सड़कों पर दौड़ता दिखाई देगा। दरअसल एक मोटरबाइक निर्माता कंपनी ने RYNO नाम की सिंगल व्हील बाइक को डिजाइन किया है।

इस बाइक का न सिर्फ डिजाइन शानदार है बल्कि हवाओं से बात करने में भी यह माहिर है। इससे बेहतर सिंगल सीटर और सेल्फ बैलेंसिंग बाइक आपने पहले कभी नहीं देखी होगी।

10 एमपीएच से ज्यादा की रफ्तार
एक टायर पर दौड़ने वाली यह बाइक 10 एमपीएच (मील प्रति घंटा) की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। यह एक बैटरी पावर्ड ट्रांसपोर्ट है, जिसे चार्ज करने के बाद आप आसानी से मीलों की दूरी तय कर सकते हैं। राइनों के 25 इंच चौड़े टायर में ही बैटरी की जगह बनाई गई है। इस बाइक को अत्याधुनिक होवरबोर्ड को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

आसानी से करें पार्क
इस बाइक को पार्क करने का तरीक बेहद अलग है। इस सिंगल व्हील बाइक के फ्रंट बंपर पर बाइक को पार्क करने के लिए स्टैंड दिया गया है। एक साधारण बाइक की तरह इसमें हैडलाइट्स, हॉर्न, पावर प्लग, एडजस्टेबल सीट और ब्रेक दिए गए हैं। इस शानदार सेल्फ बैलेंसिंग बाइक को आसानी से आगे और पीछे की तरफ टर्न किया जा सकता है।

अपने वजन से ज्यादा बोझ उठाने में सक्षम
RYNO का वजन 160 एलबीएस यानी करीब 72 किलोग्राम है, लेकिन यह 260 एलबीएस यानी करीब 115 किलो वजन बड़ी आसानी से लादकर ले जा सकती है। डिजाइनर्स ने अभी इस बाइक का केवल प्रोटोटाइप तैयार किया है। लेकिन बहुत जल्द डिजाइनर इसका फाइनल मॉडल बाजार में उतार देंगे।

दूसरी तिमाही में टाटा पावर के मुनाफे में गिरावट

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नई दिल्ली । पिछली 30 सितंबर को समाप्त हुई तिमाही में टाटा पावर का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा 45 फीसद गिरकर 234.16 करोड़ रुपये रहा।

कंपनी ने बताया कि निदेशक बोर्ड ने कंपनी को प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर एक अथवा अधिक किस्तों में 3,500 करोड़ रुपये के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

कंपनी ने कहा है कि समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का अक्षय ऊर्जा कारोबार का मुनाफा दोगुना से अधिक बढ़कर 173 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 86 करोड़ रुपए था।

टाइटन का लाभ 67 फीसद उछला: चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में टाइटन कंपनी लिमिटेड का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा 67.44 फीसद उछलकर 277.93 करोड़ रुपये रहा।

पिछले साल इसी अवधि में कंपनी का मुनाफा 165.98 करोड़ रुपये रहा था। समीक्षाधीन अवधि में कंपनी की कुल आय 3,517.7 करोड़ रुपये रही थी।

एक साल पहले के 2,714.98 करोड़ रुपये की तुलना में इसमें 29.56 फीसद की वृद्धि हुई। बीती तिमाही में घड़ियों से कंपनी का राजस्व 8.96 फीसद बढ़कर 571.75 करोड़ रुपये रहा। वहीं आभूषण कारोबार 36.90 फीसद बढ़कर 2,748.2 करोड़ रुपये रहा।

यूको बैंक को 623 करोड़ का घाटा: सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक को बीती तिमाही में 622.56 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में बैंक को 384.83 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

समीक्षाधीन अवधि में बैंक की आय भी पिछले साल के 4,941.41 करोड़ रुपये के मुकाबले में घटकर 3,757.51 करोड़ रुपये रही। बीती तिमाही में फंसे कर्जो (एनपीए) के लिए बैंक का प्रावधान पिछले साल के 980.03 करोड़ से बढ़कर 1,323.36 करोड़ रुपये हो गया। एनपीए का स्तर भी पिछले साल के 8.83 फीसद से बढ़कर 9.98 फीसद हो गया।

पीएफसी लाभ हुआ 1887 करोड़: दूसरी तिमाही में पावर फाइनेंस कंपनी (पीएफसी) का शुद्ध मुनाफा 1,886.59 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल के 1,873.42 करोड़ रुपये की तुलना में इसमें 0.7 फीसद की मामूली वृद्धि हुई। इस दौरान कंपनी की कुल आय 7,108.57 करोड़ रुपये रही।

तिमाही नतीजों के साथ ही कंपनी के बोर्ड ने 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले शेयर पर छह रुपये प्रति शेयर की दर से अंतरिम लाभांश को भी मंजूरी दी है। लाभांश का भुगतान दो दिसंबर, 2017 या उससे पहले किया जाएगा। लाभांश की राशि 1,584.05 करोड़ रुपये रहेगी।

2022 तक भारत गरीबी व भ्रष्टाचार मुक्त होगा : नीति आयोग

नई दिल्ली। सरकार के थिंक टैंक माने जाने वाले नीति आयोग का कहना है कि 2022 तक गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और साम्प्रदायिकतावाद से मुक्त न्यू इंडिया होगा।

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस में न्यू इंडिया ऐट 2022 डॉक्युमेंट पेश किया। डॉक्युमेंट में अनुमान लगाया गया है कि यदि भारत 8 प्रतिशत की दर से साल 2047 तक वृद्धि करता है तो आने वाले समय में यह दुनिया की टॉप 3 इकॉनमी में शामिल होगा।

न्यू इंडिया ऐट 2022 डॉक्युमेंट में अनुमान किया गया है कि 2022 तक भारत पूरी तरह से कुपोषण से मुक्त हो जाएगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2019 तक भारत में सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत देश के हर गांव से कनेक्ट होने में सक्षम होगी।

इसके अलावा दावा किया गया है 2022 में भारत में 20 से ज्यादा वर्ल्ड क्लास हायर ऐजुकेशन इंस्टिट्यूशन होंगे। इस डॉक्युमेंट में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत आने वाले सभी गांव को ‘मॉडल विलेज’ का दर्जा भी मिल जाएगा। यहां तक कि इस डॉक्युमेंट में 2022 तक गरीबी मुक्त भारत की परिकल्पना भी की गई है।