सरकार ने लॉन्च किए तीन नए कारोबारी ऐप, जानिए कौन सा किसके लिए

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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निर्यात कारोबारियों की हरसंभव मदद करने का आश्वासन देते हुए सोमवार को कहा कि सरकार प्रक्रियागत अड़चनों को दूर करने के लिए व्यवस्था का तेजी से डिजिटलीकरण कर रही है और इसे पारदर्शिता बनाया जा रहा है।

गोयल ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदी का प्रभाव दिखाई दे रहा है और इसके प्रभाव से निपटने के लिए सरकार निर्यात कारोबारियों और उद्योगों को हरसंभव सहयोग के लिए तैयार हैं। उन्होंने शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए उनका मंत्रालय सभी कदम उठाएगा।

गोयल ने इस अवसर पर बौद्धिक अधिकार पंजीकरण ऐप, इस्पात बाजार निगरानी ऐप और निर्यात ऋण बीमा ऐप का लोकार्पण करते हुए कहा कि इनसे कारोबार में सरलता आएगी और कारोबारियों के समय एवं धन की बचत होगी। गोयल ने कहा कि निर्यात ऋण बीमा योजना (ईसीआईएस) से निर्यातकों का समय पर और सस्ती दर पर पूंजी उपलब्ध हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी और गैर निष्पादित परिसंपत्तियों में लगातार बढ़ोतरी होने से बैंकों पर दबाव बढ़ रहा है। इसलिए सरकार ने बैंकों का विलय करने तथा उन्हें अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि निर्यातकों को सस्ती और पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने निर्यात ऋण पर बीमा का दायरा 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया है।

इससे छोटे उद्योगों को अधिक लाभ होगा। इसके अलावा छोटे उद्योगों के लिए दुर्घटना बीमा का प्रीमियम घटा दिया गया है। निर्यात ऋण पूंजी पर बीमा का दायरा तय किया गया है। प्रक्रियाओं को सरल बनाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बीमा के लिए केवल दो कागजात निर्यात से पहले और बाद में जारी किए जाएंगे। संबंधित दावों में 50 प्रतिशत राशि का भुगतान पहले 30 दिन में कर दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बौद्धिक अधिकार संरक्षण के लिए सरकार ने व्यवस्था को पारदर्शी और कारोबारियों के अनुकूल बनाया है। सरकार नवाचार को बढ़ावा दे रही है और परंपरागत शिल्प और धरोहर का संरक्षण कर रही है। इससे छोटे उद्योगों को मदद मिलेगी और वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकेंगे।

उन्होंने बताया कि बौद्धिक संपदा के पंजीकरण के लिए शुल्क में 60 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की कटौती की गई है। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, सचिव अनूप वाधवन और मंत्रालय के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

इस्पात बाजार पर ऐप से निगरानी
इस्पात बाजार का निगरानी ऐप जारी करते हुए गोयल ने कहा कि इससे इस्पात के आयात और अन्य संबंधित जानकारियां तेजी से कारोबारियों को मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि यह ऐप इस्पात मंत्रालय के परामर्श से तैयार किया गया है। इससे बाजार में इस्पात के आयात की स्थिति तेजी से पता चल सकेगी और परिस्थितियां प्रतिकूल होने पर शीघ्रता से हस्तक्षेप किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि आयातित होने वाले इस्पात की जानकारी ऐप पर मौजूद होगी। ऐप में पंजीकरण ऑनलाइन होगा। इस्पात आयात करने वाली कंपनी को जानकारी अधिक से अधिक 60 दिन पहले और कम से कम से 15 दिन पहले देनी होगी। ऐप का संचालन इस्पात मंत्रालय करेगा। यह ऐप एक नवंबर 2019 से काम करना शुरू कर देगा।

गोयल ने बताया कि भौगोलिक संकेतक प्रमाणपत्र के लिए एक डिजीटल प्लेटफार्म बनाया गया है। इसका इस्तेमाल सभी निर्यातक कर सकेंगे और संबंधित वस्तुओं को भौगोलिक संकेत प्रमाणपत्र हासिल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि यदि संबंधित देश की सहमति हो तो इसे डिजीटल रूप में जारी किया जा सकेगा। इसे जल्दी ही चीन के व्यापार के लिए शुरू किया जाएगा।