देश में जीएसटी पंजीकरण के लिए बायोमैट्रिक सुविधा जल्द शुरू होगी

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नई दिल्ली। जीएसटी पंजीकरण के लिए जल्द ही पूरे देश में आधार से बायोमैट्रिक सुविधा शुरू होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीआईसी के प्रमुख संजय कुमार अग्रवाल ने कहा, इस सुविधा से संदिग्ध लोग पंजीकरण से बाहर हो जाएंगे। अभी दो राज्यों गुजरात, आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित पुडुचेरी में यह सुविधा है।

अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा, आधार से बायोमैट्रिक पंजीकरण की सुविधा का सकारात्मक परिणाम दिख रहा है। गुजरात में पंजीकरण में गिरावट आई है। जो लोग दूसरों के पहचान पत्र पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करते थे, उनकी पहचान अब हो रही है।

उनके मुताबिक, उत्साहजनक परिणामों से अब अधिक से अधिक राज्य इसे चुनेंगे या इसे सभी राज्यों पर समान रूप से लागू किया जा सकता है। जीएसटी अधिकारी अभी पंजीकरण करने वाले आवेदकों की पहचान स्थापित करने के लिए ओटीपी-आधारित आधार प्रमाणीकरण का उपयोग कर रहे हैं।

आईटीआर फॉर्म जारी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए एक से छह तक सभी तरह का फॉर्म जारी कर दिया है। फॉर्म 2, 3 और 5 शुक्रवार को अधिसूचित किए गए। बाकी फॉर्म पहले ही जारी किए जा चुके हैं। करदाता इन फॉर्म के जरिये आयकर रिटर्न (आईटीआर) भर सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को बताया कि फॉर्म एक ऐसे लोग भर सकते हैं, जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक है।

अगले आकलन वर्ष के लिए इस बार समय से काफी पहले फॉर्म अधिसूचित हुआ है। इससे करदाताओं को रिटर्न भरने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। वे व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार, जिनकी कारोबार या पेशे से कोई आय नहीं है या सहज फॉर्म भरने के पात्र नहीं हैं, वे आईटीआर-2 भर सकते हैं। जिनकी आय कारोबार या पेशे से है, वे आईटीआर फॉर्म-3 भर सकते हैं।

आईटीआर-4 (सुगम फॉर्म) को व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार और कंपनियों के लिए है। इसके तहत जिनकी आय 50 लाख रुपये से कम है वे फॉर्म भर सकते हैं। भागीदार और एलएलपी फर्म फॉर्म पांच भर सकते हैं जबकि बाकी फॉर्म छह भर सकते हैं।

गेमिंग कंपनियों से जीएसटी संग्रह 400% बढ़ा
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर एक अक्तूबर से 28 फीसदी कर लागू होने के बाद से इन कंपनियों से मिलने वाला मासिक जीएसटी संग्रह 400 फीसदी बढ़ गया है। जीएसटी परिषद ने अगस्त में स्पष्ट कर दिया था कि इन कंपनियों पर 28 फीसदी ही कर लगेगा। जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक, एक अक्तूबर से पहले इन कंपनियों से मासिक कर संग्रह 225 करोड़ रुपये मिलता था। अब यह 1,200 करोड़ रुपये हो गया है। 2022-23 और 2023-24 में 1.12 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी के मामले में पिछले साल करीब 71 कारण बताओ नोटिस ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को भेजे गए थे। उधर, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने जीएसटी विभाग की ओर से भेजे गए वसूली नोटिस के दावे को अभी भी स्वीकार नहीं किया है। ये कंपनियां इन सभी नोटिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की योजना बना रही हैं।

विदेशी कंपनियों से मिल रही हैं चुनौतियां
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां कारण बताओ नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा रही हैं। इन कंपनियों का दावा है कि वे 18 फीसदी की दर से कर का भुगतान कर रही थीं, क्योंकि उनके प्लेटफॉर्म पर खेले जाने वाले खेल कौशल के खेल थे। अधिकारी ने बताया कि हालांकि, कर की दरें ऊंची होने से अक्तूबर, 2023 के बाद कोई भी विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनी भारत में स्थापित नहीं हुई है। विदेशी कंपनियां अपने वीपीएन बदलती रहती हैं और ब्लॉक होने पर वेबसाइटें बदल देती हैं। कर अधिकारी इस चुनौती का सामना कर रहे हैं।