विधायक आक्या ने सबसे पहले भाजपा में किया बगावत का ऐलान

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विधायक चंद्रभान सिंह आक्या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का स्वागत करते हुए। फाइल फोटो
चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने अपना टिकट काटे जाने से नाराज होकर दो नवम्बर को बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यहां से उनकी जगह पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। राजवी का भी भाजपा ने जयपुर की विद्याधर नगर सीट से टिकट काटकर उनकी जगह सांसद दिया कुमारी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। नाराजगी दोनों पक्षों में है।

-कृष्ण बलदेव हाडा –
Rajasthan assembly elections: टिकट कटने से नाराज भारतीय जनता पार्टी के विधायकों में सबसे पहले राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले की विधानसभा सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने पार्टी से बगावत करके निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का खुला ऐलान कर दिया है।

चितौड़गढ़ विधानसभा सीट से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक आक्या की जगह पार्टी नेतृत्व ने अपनी दूसरी सूची में वर्तमान में जयपुर की विधाधर नगर से विधायक नरपत सिंह राजवी को आक्या की जगह प्रत्याशी बनाया है जिसे लेकर पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में जमकर असंतोष है और इस असंतोष को को देखते हुए रविवार को अपने हजारों समर्थक कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में आक्या ने यह खुला ऐलान कर दिया कि वे 2 नवम्बर को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

आक्या का आरोप है कि-” प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी ने व्यक्तिगत खुन्नस पालते हुए उनका टिकट काटा है क्योंकि छात्र राजनीति के दौर में मैं विध्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता था जबकि थे जबकि मौजूदा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी के कांग्रेस के अग्रिम छात्र संगठन नेशनल स्टूड़ेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से जुड़े हुए थे और तब से ही दोनों के बीच छात्र राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी लेकिन अब जबकि जोशी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं तो उन्होंने पुरानी खुन्नस निकालते हुए उनका टिकट कटवा दिया है और उनकी जगह बाहरी प्रत्याशी नेता नरपत सिंह सिंह राजवी को टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।

आक्या का यह भी कहना है कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी मौजूद विधानसभा सीट की जगह बेदी से विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन उन्होंने वहां से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और अब वे दो नवम्बर को अपने समर्थकों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करेंगे। उल्लेखनीय है कि राजवी को टिकट देने के विरोध में रविवार को भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ भी की।

भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची में चंद्रभान सिंह आक्या का चित्तौड़गढ़ से टिकट काटकर उनकी जगह नरपत सिंह राजवी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उपजा क्रोध रविवार को जन सैलाब के रूप में रविवार को चित्तौड़गढ़ की सड़कों पर उमड़ पड़ा और हजारों की संख्या में लोगों ने एक विशाल जुलूस निकाला जो बाद में बाईपास होकर एक जनसभा में बदल गया। इस जुलूस में आक्या का टिकट कटने के बाद इस्तीफा दे चुके बूथ से लेकर मंडल स्तर तक के पदाधिकारी, भारतीय जनता पार्टी से जुड़े वार्ड पंच-सरपंच, जिला परिषद, पंचायत समितियों के सदस्य शामिल हुए।

सभा में विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने कहा कि वे पिछले 10 सालों से अपने क्षेत्र की जनता की सेवा कर रहे हैं। सेवा में कोई कमी नहीं है, इसके बावजूद टिकट काट गया लेकिन अपने व्यापक जन समर्थन के बूते वे पीछे हटने वाले नहीं हैं और नरपत सिंह राजवी के खिलाफ दो नवम्बर को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन भरेंगे। चंद्रभान सिंह आक्या ने 26 अक्टूबर को चित्तौड़गढ़ में अपने मुख्य कार्यालय खोलने की घोषणा की और यह भी कहा कि बूथ स्तर पर भी कार्यालय खोले जायेंगे।

इस जनसभा में उपस्थित हजारों लोगों को किसी के प्रलोभन में नहीं आने का संकल्प दिलाया गया। सभा में कहा गया कि हम जीतने के लिए लड़ रहे हैं और 50 हजार से भी अधिक वोटों से चुनाव जीतेंगे। सभा में मंच पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी के प्रबल समर्थक पूर्व पालिका और नगर विकास न्यास अध्यक्ष सुरेश भी मंच पर मौजूद थे जिन्होंने आक्या को समर्थन देने की घोषणा की।

उन्होंने इस अवसर पर भाजपा के घोषित प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी से भी सैलफ़ोन पर बात की और उनसे आग्रह किया है कि वे चित्तौड़गढ़ से चुनाव नहीं लड़े। पार्टी ने राजवी का जयपुर की विद्याधर नगर सीट से टिकट काटकर उनके स्थान पर सांसद दिया कुमारी को अपना प्रत्याशी बनाया है।