राज. में राजनीतिक संकट समाप्त, गहलोत सरकार ने जीता ध्वनि मत से विश्वास मत

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जयपुर। गहलोत सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में ध्वनि मत से विश्वास मत जीत लिया। राजस्थान सरकार पर अब अगले 6 महीने कोई संकट नहीं। विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान अशोक गहलोत ने कहा, ‘भाजपा और उनके हाईकमान ने सरकार गिराने की कोशिश की थी, लेकिन राजस्थान में सियासी घटनाक्रम का जिस तरह अंत हुआ, उससे अमित शाह को धक्का लगा।’

गहलोत ने कहा, ‘भाजपा नेताओं की स्थिति ऐसी है जैसे सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। मैं 69 साल का हूं, 50 साल से राजनीति में हूं। आज लोकतंत्र को लेकर मन में चिंता है। विपक्ष जितनी चाहे कोशिश कर ले, लेकिन सरकार गिरने नहीं दूंगा।’

सदन की कार्यवाही 21 अगस्त तक स्थगित
विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने विश्वास मत प्रस्ताव का नोटिस रखा। मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देने के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास मत प्रस्ताव रखा और बहस शुरू हो गई। करीब 3 घंटे चली बहस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जवाब के बाद पूरी हुई और विश्वास मत प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही अगले शुक्रवार यानी 21 अगस्त तक स्थगित कर दी गई।

न तो शाह की चली, न तानाशाह की चली
बहस के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, ‘राजस्थान में न तो किसी शाह की चली, न तानाशाह की। भाजपा कहती है कि कांग्रेस ने विधायकों की बाड़ेबंदी की, अगर ये बाड़ेबंदी है तो आपने जो विधायक गुजरात भेजे थे, वे क्या रासलीला रचाने के लिए गए थे? महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने आधी रात को राष्ट्रपति को जगा दिया। जिस दिन फडणवीस की सरकार गिरी, उस दिन मोटा भाई और छोटा भाई को इस्तीफा देना चाहिए था।’

भाजपा ने कहा-आप तो पूरे हाथी गटक गए
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया बोले, ’35 दिन में 5 फिल्में रिलीज हुईं। बाड़ेबंदी 1,2,3,4, 5…आखिरी बाड़ेबंदी में फेयरमोंट की इटेलियन डिश और क्रिकेट चल रहा था। इस बीच कुछ पीड़ितों की चीखें भी थीं। राजस्थान का जुगाड़ मशहूर है। उस जुगाड़ के लिए जादूगर भी मशहूर हैं। हॉर्स ट्रेडिंग की बात करते हो, आप तो बसपा के पूरे के पूरे हाथी गटक गए।’

पायलट के लिए दूसरी लाइन में सीट अलॉट
सदन में बैठक व्यवस्था बदली गई है। डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट अब अशोक गहलोत के बगल वाली सीट पर नहीं बल्कि दूसरी लाइन में बैठे। उनके लिए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बगल वाली 127 नंबर की सीट अलॉट की गई है। गहलोत के पास वाली सीट पर मंत्री शांति धारीवाल बैठे।

सत्ताधारी खेमे में 122 तो विपक्ष में 75 विधायक
इनमें 107 विधायक कांग्रेस के हैं। जिनमें बीएसपी के भी 6 विधायक शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस में विलय किया था। इनके अलावा 5 सहयोगी पार्टियों से हैं और निर्दलीय विधायक भी सरकार के पक्ष में हैं। दूसरी ओर अगर बीजेपी की बात करें तो उनके पक्ष में कुल 75 विधायक हैं। इनमें 72 विधायक बीजेपी के हैं, इसके अलावा 3 विधायक सहयोगी आरएलपी के हैं।