राजस्थान में धारा 144 लागू , सड़क पर 5 व्यक्ति से ज्यादा एकत्रित न हों : गहलोत

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जयपुर। जयपुर में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सभी जिला कलेक्टर और एसपी की मीटिंग बुलाई। जिसमें अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी के कारण पूरी मानव जाति पर जीवन और मृत्यु का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम पूरी गंभीरता, योग्यता और क्षमता के साथ इस चुनौती का डटकर सामना करें।

गहलोत ने पूर्व में प्रदेशभर में लागू की गई धारा 144 को अब 20 लोगों के बजाय 5 लोगों तक ही सीमित करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में धन, संसाधनों में कमी नहीं आने देगी। जिला कलक्टर सुनिश्चित करें, लॉकडाउन के दौरान किसी जरूरतमंद को परेशानी का सामना न करना पड़े, कोई भूखा न सोए। खाद्य सामग्री सहित अन्य वस्तुओं की सप्लाई चेन न टूटे। सरकार की एडवाजरी की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित हो।

हमारे अकाल प्रबंधन को सबने सराहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2000 से 2003 तक राजस्थान में लगातार अकाल पड़े, लेकिन हमारी सरकार ने अकाल का जो प्रबंधन किया उसकी पूरे देश में सराहना की गर्ई। घर-घर में हमने अनाज, पशुओं के लिए चारा पहुंचाया लेकिन आज का संकट उससे भी बड़ा है, ऎसे में हमें दिन-रात एक कर पूरी ताकत के साथ जुटना होगा। यह विपत्ति काल खुद को साबित करने का अवसर है।

जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री के लिए नहीं हो परेशानी
मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि सरकार के फैसलों को प्रभावी रूप से लागू करना पूरी तरह आप पर निर्भर करता है। आप अपनी प्रबंधन क्षमता का परिचय देते हुए निचले स्तर तक अधिकारियों एवं कार्मिकों में कार्यों का इस तरह विभाजन करें कि लॉकडाउन से आमजन को न्यूनतम तकलीफ हो। गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री एवं आवश्यक वस्तुओं के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। आईसोलेशन में रह रहे लोगों तक खाने एवं दवाओं की आपूर्ति में कोई कमी नहीं रहे।