धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा बूढ़ादीत का सूर्य मंदिर

0
61

स्पीकर बिरला के प्रयासों से केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय करवाएगा काम

कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा को पर्यटन के क्षेत्र में एक और सौगात मिलेगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने बूढ़ादीत के सूर्य मंदिर को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से चिन्हित किया है। मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग को पत्र लिख कर इसके लिए डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला का मानना है कि कोटा समेत सम्पूर्ण हाड़ौती क्षेत्र गौरवशाली विरासत से समृद्ध हैं। यह विरासत बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर सकती हैं। परन्तु इनके आसपास मूलभूत सुविधाओं के विकास तथा इनको वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के लिए अब तक गंभीर प्रयास नहीं हो सके।

इसको देखते हुए उन्होंने केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय को कोटा-बूंदी के अनेक ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी देकर वहां विभिन्न योजनाओं के तहत विकास करवाने को कहा है। इसी के तहत बूढ़ादीत के सूर्य मंदिर को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।

9वीं शताब्दी का है सूर्य मंदिर
कोटा से करीब 55 किमी दूर बूढ़ादीत में स्थित सूर्य मंदिर नागर शैली में बना हुआ है। यह एक हजार से अधिक वर्ष पुराना है। मंदिर का निर्माण किसने करवाया इसकी कोई जानकारी नहीं है लेकिन ढलते हुए सूर्य के प्रतीक बूढ़-आदित्य के कारण ही इस जगह का नाम बूढ़ादीत पड़ा। नागर शैली में बना यह मंदिर झालरापाटन के सूर्य मंदिर से भी पुराना है। अभी इसका संरक्षण राजस्थान पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। मंदिर के पास एक कुण्ड भी है, जो भी उसी समय का है।

केशवरायपाटन मंदिर का भी हो रहा विकास
स्पीकर बिरला के प्रयासों से ही केशवरायपाटन स्थित भगवान केशवराय जी के मंदिर को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहां चंबल नदी के किनारे का भी रिवर फ्रंट के रूप में विकास किया जाएगा। इसकी डीपीआर तैयार हो गई है, जल्द ही वहां कार्य प्रारंभ हो जाएगा।