कोटा मेला दशहरा 2022: इस बार रिमोट से स्टेप बाय स्टेप होगा रावण दहन

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कोटा। राष्ट्रीय मेला दशहरा 2022 के तहत मेला परिसर विजयश्री रंगमंच पर इस बार रावण दहन रिमोट से स्टेप बाय स्टेप होगा। रावण का पुतला पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर कार्य करेगा। जिससे रिमोट से पुतले की आतिशबाजी को नियंत्रित किया जा सकेगा।

रिमोट सिस्टम से एक एक करके स्टेप बाय स्टेप मनोरंजक आतिशबाजी के साथ पुतला दहन होगा। इसमें रावण का पुतला मुँह से चिंगारी निकालेगा। इसके बाद नाक और कान से धुँआ उगलेगा। सिर पर स्काई शॉट के द्वारा आसमान में रोशनी होगी। सिर पर स्थित ताज में चकरी घूमेगी। एक हाथ में तलवार चमकेगी तो दूसरे हाथ में ढाल फूटेगी।

कान की बालियों, कमर पेटी और पेट में भी बारूद भरा जा रहा है। गले की माला भी आतिशी नजारे के जलती हुई नजर आएगी। पुतले में चक्कर, फायर, स्मोक समेत 500 से अधिक बम लगाए जा रहे हैं।

रावण का पुतला बनकर तैयार हैं। इन पुतलों को 4 अक्टूबर को खड़ा कर दिया जाएगा। इसके लिए तीन क्रेन लगाई जाएगी। जिसमें एक हाइड्राॅ क्रेन होगी। यह कार्य सुबह 8 बजे शुरू होगा। जिसमें करीबन 12-13 घंटे लगेंगे। पेड़े पर खड़ा करने के लिए 150 मजदूरों की जरूरत होगी।

महापौर और मेला समिति अध्यक्ष मंजू मेहरा ने बताया कि इस बार पुतले में अतिरिक्त आतिशबाजी लगाने को कहा गया है। जिससे मेला स्थल पर पहुंचने वाले लोगों को भरपूर और अधिक समय तक मनोरंजन हो सके।

लक्ष्मीनारायण जी की सवारी निकलेगी: मेहरा ने बताया कि परंपरानुसार भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी गढ़ पैलेस से 6.30 बजे रवाना होगी। दशहरा मैदान पर रियासतकालीन परंपरा से ज्वारा पूजन और सीताजी के पाने का पूजन किया जाएगा। इसके बाद 7.40 से 8.40 के मध्य रावण दहन किया जाएगा।

परम्परागत दरीखाना सजेगा: गढ़ पैलेस में परम्परागत दरीखाना सजेगा। जिसमें हाड़ौती के पूर्व ठिकानों के प्रतिनिधि परम्परागत वेशभूषा में सज-धज कर मौजूद रहेंगे। गढ़ में भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा-अर्चना के बाद गढ़ के दरीखाने से राजसी वैभव और ठाट-बाट के साथ भगवान लक्ष्मीनारायण की सवारी निकाली जाएगी। सवारी गढ़ पैलेस से रवाना होकर किशोरपुरा दरवाजे से होते हुए दशहरा मैदान स्थित विजयश्री रंगमंच पहुंचेगी।

झांकियां निकलेगी: भगवान लक्ष्मी नारायण की सवारी में सबसे आगे 31 घुडसवार होंगे। काली माता, भगवान हनुमान व रावण समेत विभिन्न तरह की 10 झांकियां निकलेगी। उसके बाद अलग अलग प्रदेशों के लोक कलाकारों के दल भांगड़ा करते व 10 कच्ची घोड़ी नृत्य करते नजर आएंगे। शोभायात्रा में 70 वानर सैनिक और 70 रावण के सैनिक युद्ध करते हुए चलेंगे। इस दौरान एक हाथी और 5 घोड़ा बग्घी रहेगी।

युद्ध के नगाड़े बजेंगे: भगवान की सवारी के साथ ऊँट गाड़ी में युद्ध के नगाड़े बजते हुए युद्ध दृश्य बनाएंगे। वहीं तुरही भी बजेगी। मधुर स्वर लहरियां बिखेरते 5 बैंड होंगे। साथ ही मशक बैंड, आर्मी बैंड और पुलिस बैंड भी होगा।