राजस्थान का सबसे बड़ा बायोलॉजिकल पार्क कोटा में, खुले में देख सकेंगे वन्यजीव

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कोटा। नए साल में कोटावासियों को बायोलॉजिकल पार्क की सौगात मिल जाएगी। 126 हैक्टेयर में बनने वाला ये प्रदेश का सबसे बड़ा बायोलॉजिकल पार्क होगा। इसमें 115 साल पुराने चिड़ियाघर के विकल्प के रूप शहरवासियाें काे अभेड़ा में वन्यजीवाें काे खुले में देखने का माैका मिलेगा। यहां पहले फेज में 17.66 कराेड़ रुपए के काम हाे चुके हैं। पहले चरण में बने 13 पिंजराें में करीब 3 कराेड़ का काम बाकी है।

इसके लिए यूआईटी और वन्यजीव विभाग बजट की प्राेसेस में जुटे हैं। बजट मिलते ही यहां जल्द काम शुरू हाे जाएगा। अधिकारियाें का कहना है कि पहले फेज का काम अंतिम चरण में चल रहा है। इसमें एंट्री गेट का काम पूरा हाेना है। इसके अलावा टाॅयलेट फैसिलिटी के अलावा एप्राेच राेड, पेयजल सुविधा, एनक्लाेजर में टीन शेड, कैफेटेरिया और विजिटर्स के लिए अन्य फैसिलिटी का काम बचा है। एसीएफ अनुराग भटनागर ने बताया कि मार्च तक काम पूरा हो जाएगा और शहरवासियाें काे बायाेलाॅजिकल पार्क की साैगात मिल जाएगी।

नए साल में दिसंबर तक चंबल में क्रूज का संचालन होने की उम्मीद
नए साल में हाड़ाैती में आने वाले पर्यटकों काे नया व्यू देखने काे मिलेगा। चंबल में अगले साल दिसंबर तक क्रूज चलने की उम्मीद है। चंबल में क्रूज चलाने काे लेकर स्थानीय विभागाें की अाेर से पिछले दिनाें कलेक्टर उज्ज्वल राठाैड़ की अध्यक्षता में पर्यटन, जल संसाधन, वन विभाग, नगर निगम के अधिकारियों की संयुक्त मीटिंग में निर्देश दिए हैं। लाेकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर चंबल में क्रूज संचालन का काम तेजी से जारी है। नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ की एनओसी से लेकर राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग विभागाें की परमिशन मिलने के बाद ये काम पूरा होगा।

30 किमी का हाेगा रूट, दिखेंगे अनाेखे नजारे
क्रूज का रूट करीब 30 किमी का हाेगा। यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकाें काे काेटा बैराज से लेकर गढ़ पैलेस, हैंगिंग ब्रिज, काेट्या भील का महल, गैपरनाथ, गराड़िया महादेव जैसे दर्शनीय नजारे चंबल नदी में देखने काे मिलेंगे।चंबल की अपस्ट्रीम में क्रूज संचालन के लिए फरवरी में जहाजरानी मंत्रालय की टीम ने यहां विजिट कर सर्वे भी किया था। प्रारंभिक सर्वे की पाॅजिटिव रिपाेर्ट आने के बाद अब इस कार्य में तेजी आई है। जयपुर भी प्रस्ताव भिजवा दिए हैं।