कोटा में कोरोना वॉरियर की माैत, 232 नए पॉजिटिव मिले

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कोटा। शहर में कोरोना का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को देर रात जारी रिपोर्ट के अनुसार 232 नए रोगी मिले, जबकि एक हेल्थ वर्कर की मौत हो गई। शहर के दो नामी शिशु रोग विशेषज्ञ भी कोरोना पॉजिटिव आए हैं। प्रशासन ने मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तीन प्राइवेट अस्पतालाें में बेड सुरक्षित रखे हैं। इनमें मरीजों को रैफर करने का काम शुरू कर दिया गया है।

अब काेटा में कुल मरीज 5366 हाे गए हैं, जबकि इस बीमारी के कारण कुल 73 माैत हाे चुकी हैं। दाे दिन पहले कोटा में कोरोना के 711 नए मरीज मिलने के बाद सरकार ने सेंसरशिप लागू कर दी थी। इसके बाद कोटा में स्थानीय स्तर पर मेडिकल कॉलेज के अधिकारी डेली रिपोर्ट जारी नहीं कर रहे हैं। अब जयपुर से ही रात को एक रिपोर्ट जारी होती है, जिसमें जिले के मरीजाें की संख्या बताई जाती है।

तीन अस्पतालों में बेड सुरक्षित, मरीज किए जा रहे हैं रेफर
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ विजय सरदाना ने बताया कि कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारत विकास परिषद, सुधा अस्पताल व कोटा हार्ट में मरीजों को भर्ती करने का काम शुरू कर दिया गया है। भारत विकास परिषद में 30 आईसीयू बेड व 10 सामान्य बेड सुरक्षित रखे गए हैं। इस अस्पताल में शाम को 3 मरीज रैफर भी कर दिए गए। सुधा अस्पताल में 50 आईसीयू बेड सुरक्षित रखे गए हैं, जबकि कोटा हार्ट में 22 आईसीयू बेड व 18 सामान्य बेड सुरक्षित रखे गए हैं।

हेल्थ वर्कर की मौत
कोराना से कोटा में एक हेल्थ वर्कर की मौत हो गई। वे एमबीएस में नर्स ग्रेड सेकंड के पद पर कार्यरत थे और काेराेना काल में अस्पताल के कॉटेज वार्ड में सेवा दी थी। कोरोना से कोटा में हेल्थ वर्कर की यह पहली मौत है। वे 12 अगस्त को पॉजिटिव आए थे तथा दाे दिन बाद उन्हें नए अस्पताल में भर्ती किया गया। 17 अगस्त को दोबारा पॉजिटिव आने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। इलाज के दौरान 22 अगस्त को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ। उन्हें प्लाजमा थेरेपी भी दी गई, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन कोटा के जिलाध्यक्ष अजय मेहरा ने हैल्थ वर्कर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से 50 लाख रुपए के मुआवजे तथा परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नौकरी देने की मांग की है। एमबीएस के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने बताया कि वे अस्पताल के कॉटेज वार्ड में कार्यरत थे। उन्होंने वर्ष 2016 में मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कर्मी के रूप में जाॅइन किया था।

इससे पहले वह एनआरएचएम के तहत कार्यरत थे। हमने उनके उपचार में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। हम उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। उनके निधन पर कोटा संभाग के नर्सेज ने शोक व्यक्त किया है। एमबीएस की ओर से उप अधीक्षक नर्सिंग अधीक्षक समस्त नर्सेज रेडियोग्राफर्स पैरामेडिकल स्टाफ ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रिंसिपल ने कहा-परिवार को मदद दिलाएंगे
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर्स को उसके निधन से गहरा धक्का लगा है। राज्य व केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत मृतक हैल्थ वर्कर के परिजनों को सभी परिलाभ दिलाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे।