जयपुर। जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार टकराव की स्थिति में पहुंच गए हैं। केंद्र सरकार ने जयपुर एयरपोर्ट को अगले 99 वर्ष के लिए अडानी ग्रुप को सौंपने का निर्णय किया है। वहीं राज्य सरकार ने इस पर गहरी आपत्ति जताई है। राज्य का कहना है कि इस एयरपोर्ट के लिए जमीन हमने दी है।
केंद्र अपने स्तर पर निजीकरण का फैसला कैसे ले सकता है? गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार की तरफ से जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण का फैसला किया गया था। अब मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने राजस्थान सरकार की तरफ से एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया को सरकार के निर्देशानुसार चिट्ठी लिखी है।
चिट्ठी में राज्य सरकार ने साफ-साफ आपत्ति जताई है कि राज्य की परमिशन के बिना यह फैसला किया गया है। इस पर राज्य सरकार को भारी आपत्ति है। राज्य की सहमति के बिना किसी राज्य में स्थित एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने आदि का फैसला नहीं लिया जा सकता। यह गलत है। एयरपोर्ट के लिए सारी जमीन राज्य सरकार ने आवंटित की है। इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और राज्य की सहमति ली जाए।