अरहर और चना दाल की कीमतों में गिरावट का अनुमान, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। अरहर की दाल की बढ़ी कीमतों से लोगों को अब राहत मिलने वाली है। कारोबारियों के मुताबिक, अफ्रीका से अरहर की दाल की सप्लाई शुरू हो गई है। इस वजह से थोक मंडी में इसकी कीमत में 4 से 5 रुपये की गिरावट आई है। साथ ही चना दाल के भी दाम कम होने के आसार हैं। बीते कुछ महीनों से अरहर दाल की कीमत तेजी से बढ़ रही थी। थोक मंडी में इसकी कीमत 170 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गई थी।

दाल कारोबारी गौरव ने बताया कि अरहर दाल की कीमत में हो रही बढ़ोतरी के पीछे का कारण सप्लाई का कम होना है। अफ्रीका से सप्लाई आ नहीं रही थी, लेकिन अब सप्लाई शुरू हो गई है। जिसके बाद थोक मंडी में अरहर की दाल की कीमतों में प्रतिकिलो 4 से 5 रुपये की गिरावट आई है। इसके अलावा चने की दाल पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को सरकार ने हटाने का फैसला लिया है। जिससे आने वाले दिनों में चने की दाल की कीमत में भी गिरावट आएगी।

इस बीच केंद्र सरकार भी दालों की महंगाई से राहत दिलाने के लिए सक्रिय हो गई है। बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने दालों के स्टॉक पर सख्त निगरानी रखने की कवायद शुरू कर दी है। अधिकारियों को मंडियों में दालों के स्टॉक की जानकारी लेने और जांच करने के लिए भेजा गया है। इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं जमाखोरी के कारण दालों के दाम तो नहीं बढ़ रहे हैं। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने दाल के स्टॉक की स्थिति और भाव का पता लगाने के लिए पिछले हफ्ते अधिकारियों की दो टीमों को महाराष्ट्र भेजने का फैसला किया था।

देश में खासकर अरहर और उड़द के भाव में काफी तेजी देखी जा रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में दालों का रिटेल प्राइस 35 रुपये किलो तक ज्यादा हैं। सालभर में अरहर की औसत खुदरा कीमत करीब 35 रुपये बढ़कर 152 रुपये, उड़द की 15 रुपये बढ़कर 124 रुपये, मूंग दाल की 9 रुपये बढ़कर 117 रुपये और चना दाल की 10 रुपये बढ़कर 84 रुपये किलो हो गई है। मसूर दाल के औसत खुदरा भाव पिछले साल के बराबर ही है।