KEDL FRAUD/ 35 हजार की जगह एक करोड़ का बिजली बिल भेजा

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कोटा। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने निजी बिजली कंपनी केईडीएल (पर बिलों और वीसीआर में भारी गड़बड़ी करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सरकार द्वारा करवाई जांच के दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि किशोर सागर पर विद्युत कनेक्शन का वास्तविक उपभोग व मीटर के आधार पर बिल 35 हजार 400 रुपए बनता है, लेकिन केईडीएल ने 1 करोड़ 9 हजार का बिल भेज दिया।

इसी तरह 257 स्थानों पर स्वयं के स्तर पर विद्युत कनेक्शन स्थापित करके इनके बिल नगर निगम को भिजवा दिए। इन कनेक्शनों के लिए नगर निगम ने कभी आवेदन ही नहीं किया। कंसुआ आवासीय योजना में विद्युत कनेक्शन उपलब्ध होने के बाद भी दो जगह अतिरिक्त कनेक्शन स्थापित करके एक करोड़ 10 लाख का बिल जारी कर दिया, जबकि पूरी कॉलोनी का बिल 8 लाख 61 हजार रुपए ही आया।

केईडीएल ने जनवरी से दिसम्बर 2018 तक 29 करोड़ के बिल प्रस्तुत किए गए। इनमें से 129 बिलों में अप्रत्याशित रूप से मनमानी तरीके रीडिंग दिखाकर बिल जारी किए गए। इन बिलों में 36 लाख अधिक यूनिट देकर 2.88 करोड़ के अधिक राशि के बिल अवैध रूप से भेजे गए। इसके अतिरिक्त 32 कनेक्शन ऐसे पाए गए जिनमें बिल वास्तविक रीडिंग के आधार पर देने के बजाय प्रोविजनल आधार पर जारी कर दिए। इन बिलों में वास्तविक रीडिंग के आधार पर बिल बनाने पर 80 लाख यूनिट का अंतर आता है।

60 करोड़ के बिजली बिल में मिली गड़बडिय़ां
केईडीएल 2016-17 से कार्यरत है। तब से अब तक रोड लाइट के पेटे में 60 करोड़ के बिल दिए गए हैं। इनकी जांच की जा रही है। तब तक के लिए नगर विकास न्यास और नगर निगम के स्ट्रीट लाइटों के बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी है। सरकार ने नगर निगम, नगर विकास न्यास और आवासन मंडल को एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। पुलिस इस परिवाद की जांच कर रही है। एफआईआर के लिए नगर निगम के 200 पृष्ठों के दस्तावेज पुलिस को सौंपे हैं।

तीन साल से आ रही शिकायतें
धारीवाल ने कहा, तीन साल से शिकायतें मिल रही थी कि बिजली के बिलों में तीन चार गुना राशि जोड़कर गलत रीडिंग बताकर बिल बन रहे हैं। इस पर स्वायत्त विभागन ने अतिरिक्त मुख्य अभियंता को कोटा भेजा। उन्होंने नगर विकास न्यास और नगर निगम के विद्युत इंजीनियर को साथ लेकर जो जांच की गई उसमें केईडीएल की गड़बड़ी सामने आई। इस जांच का पुन: परीक्षण भी कराया गया। परीक्षण में भी यह पाया गया कि बढ़ा चढ़ाकर बिल दिया जा रहा है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि कपंनी ने कितनी बिजली खरीदी और कितनी के बिल भेजे।