नई दिल्ली। नए IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने अपना मंत्रालय गुरुवार को संभाल लिया। उन्होंने सबसे पहले ट्विटर को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि देश का कानून सबसे ऊपर है और ट्विटर को इसे लागू करना ही होगा। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर मंत्रालय संभालने की एक फोटो भी पोस्ट की है।
इससे पहले नए रेल एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके आवास पर जाकर मिले। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने रेल मंत्री वैष्णव को नए दायित्व की बधाई देते हुए रेलवे को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए शुभकामनाएं दीं।
दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार से पहले IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि नए IT कानून को लेकर रविशंकर प्रसाद सोशल मीडिया कंपनियों के सामने देश की साख बचाने में नाकाम रहे और इसी वजह से उनकी मंत्रालय से विदाई हुई।
नए IT कानूनों पर माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब पेश किया। ट्विटर ने कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया। इसमें कंपनी ने बताया कि भारत में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति में 8 हफ्ते का वक्त लग सकता है। कंपनी ने बताया कि भारत में एक ऑफिस बनाने की प्रॉसेस जारी है, जो इस मसले पर कोऑर्डिनेशन का काम करेगा। यहीं नए IT नियमों के तहत सभी काम किए जाएंगे। हाईकोर्ट में ट्विटर ने बताया कि नए IT नियमों के तहत 11 जुलाई तक पहली कम्प्लायंस रिपोर्ट सब्मिट कर दी जाएगी।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को ट्विटर को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आप कानून नहीं लागू करते हैं तो हम आपको किसी तरह की सुरक्षा नहीं दे सकते। जस्टिस रेखा पिल्लई ने कहा था कि आप साफ जवाब के साथ आइए, वर्ना मुश्किल में पड़ जाएंगे। उन्होंने ट्विटर को 8 जुलाई तक का समय दिया था।
अंतरिम ऑफिसर की नियुक्ति नियमों के मुताबिक नहीं
ट्विटर के अंतरिम निवासी शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने 21 जून को अपना पद छोड़ दिया था। जिसके बाद ट्विटर ने कैलिफोर्निया स्थित जेरेमी केसल को भारत के लिए नया शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था। हालांकि केसल की नियुक्ति नए IT नियमों के अनुरूप नहीं थी, क्योंकि इन नियमों में कहा गया है कि शिकायत निवारण अधिकारी सहित सभी नोडल अधिकारी भारत में होने चाहिए।
28 मई को दायर हुई याचिका
ट्विटर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में 28 मई को एडवोकेट अमित आचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी। याचिका में कहा गया है कि ट्विटर एक अहम सोशल मीडिया मीडिएटर है। इसलिए नए नियमों के प्रावधानों द्वारा उस पर लगाए गए वैधानिक कर्तव्यों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।
ट्विटर ने लीगल शील्ड खोई
इससे पहले ट्विटर ने नए IT कानूनों का पालन नहीं करने की वजह से थर्ड पार्टी कंटेंट के लिए लीगल शील्ड को खो दी थी। यानी सरकार की तरफ से उसे कंटेंट को लेकर किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी। आसान शब्दों में कहा जाए तो अब ट्विटर के ऊपर IPC की धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस स्थिति के लिए ट्विटर खुद ही जिम्मेदार है।