मनी लांड्रिंग केस में कार्रवाई से बचने को अनिल देशमुख सुप्रीम कोर्ट की शरण में

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख ने मनी लांड्रिंग केस में किसी तरह की कार्रवाई से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को इस मामले में देशमुख को पांच जुलाई को पेश होने के लिए नया समन जारी किया था। ईडी ने अभी तक देशमुख को तीन नोटिस जारी किए हैं। एजेंसी ने उनसे दक्षिण मुंबई स्थित अपने कार्यालय में आकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। मीडिया को जारी एक वीडियो संदेश में मुंबई के एक वकील इंदरपाल बी. सिंह ने बताया कि 72 वर्षीय देशमुख ने किसी भी तरह की कार्रवाई से संरक्षण की मांग करते हुए शीर्ष अदालत की शरण ली है।

ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ चल रहे मनी लांड्रिंग मामले की जांच के तहत ताजा समन जारी किया है। जांच एजेंसी ने देशमुख को पांच जुलाई को अपने समक्ष पेश होने को कहा है।अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि राकांपा नेता को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए तीसरा नोटिस जारी किया गया है। देशमुख से दक्षिण मुंबई में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया है। प्रेट्र के अनुसार, जांच एजेंसी ने अनिल देशमुख के बेटे हृषिकेश देशमुख को भी छह जुलाई को पूछताछ के लिए तलब किया है। देशमुख को इससे पहले भी दो समन जारी किए जा चुके हैं, लेकिन वह कोरोना वारयस संक्रमण के खतरे का हवाला देकर पेश नहीं हुए।

उन्होंने ईडी के समक्ष वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अपना बयान दर्ज कराने का आग्रह किया।देशमुख को कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने एवं जबरन वसूली करने वाले रैकेट से जुड़े मनी लांड्रिंग के एक मामले में ईडी ने समन जारी किया है। देशमुख ने इन आरोपों के कारण महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस साल अप्रैल में इस्तीफा दे दिया था।ईडी ने पिछले महीने मुंबई और नागपुर में देशमुख, उनके सहयोगियों और अन्य लोगों के परिसरों पर छापे मारे थे। इसके बाद निदेशालय ने पहला समन जारी किया था। बाद में एजेंसी ने उनके दो सहयोगियों-निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार कर लिया था। वे छह जुलाई तक ईडी की हिरासत में हैं।