नई दिल्ली। देश के कई राज्यों से वैक्सीन की बर्बादी के कई मामले लगातार सामने आते रहते हैं। इसको लेकर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपना सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने शुक्रवार को देश में कोरोना और वैक्सीन की स्थिति को लेकर हाई लेवल मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को वैक्सीन की बर्बादी रोकने के सख्त आदेश दिए।
पीएम मोदी ने मीटिंग में कहा कि महामारी के इस दौर में हर एक वैक्सीन मायने रखती है। जितनी बर्बादी होगी, उसका मतलब होगा कि उतने लोगों ने अपना डोज गंवा दिया। यही कारण है कि हमें हर एक बर्बादी को रोकना होगा।
वैक्सीन उत्पादन का रोडमैप
मीटिंग में राजनाथ सिंह, अमित शाह, डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर समेत कई बड़े मंत्री और अधिकारी शामिल रहे। इन सभी ने पीएम मोदी को वैक्सीन उत्पादन का रोडमैप और देश में वैक्सीनेशन की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया। मोदी को बताया गया कि सरकार वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के साथ मिलकर काम कर रही है। उत्पादन ईकाइयों को कच्चा माल और आर्थिक सहायता समेत सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
वैक्सीन बर्बादी में झारखंड-छत्तीसगढ़ सबसे आगे
वैक्सीन की बर्बादी कई तरीकों से हो रही है। इसमें एक यह भी है कि ट्रांसपोर्टेशन के समय भी वैक्सीन की कई शीशी टूट जाती हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने भी एक डाटा जारी करते हुए कहा था कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा वैक्सीन की बर्बादी की जा रही है। केंद्र सरकार ने झारखंड में 37.3% और छत्तीसगढ़ में 30.2% वैक्सीन बर्बादी की बात कही थी।
राजस्थान का औसत बेहतर: अशोक गहलोत
हाल ही में केंद्र सरकार ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर वैक्सीन के 11.5 लाख डोज बर्बाद करने का आरोप लगाया था। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया था कि कोविन के मुताबिक राजस्थान में 26 मई तक 1.63 करोड़ वैक्सीन की डोज लगी, जबकि 3.38 लाख डोज खराब हुए हैं। यह कुल वैक्सीनेशन के 2%, वैक्सीन वेस्टेज के राष्ट्रीय औसत के 6% और भारत सरकार द्वारा निर्धारित 10% के औसत से काफी कम है