नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए यूनिटेक ग्रुप की 150 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया है। ईडी ने कहा कि जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी इस कंपनी की संपत्ति को कुर्क किया गया है। इन संपत्तियों में एक दर्जन से अधिक भूखंड शामिल हैं। कुल 48.56 एकड़ के ये भूखंड दिल्ली के समीप गुड़गांव में हैं।
ईडी के अनुसार कि इन भूखंडों का पंजीकृत मूल्य 152.48 करोड़ रुपये के करीब है और ये यूनिटेक समूह के प्रवर्तकों के हैं। उन्होंने ये संपत्ति दूसरे के नाम पर अथवा ब्राउन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, कोर कम्युनिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जोशु गुड़गांव सेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी बेनामी इकाइयों के नाम पर ली हुई थी।
जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि ये तीन इकाइयां त्रिकार ग्रुप/कोर ग्रुप का हिस्सा है जो यूनिटेक समूह के चंद्रा परिवार का बेनामी निवेश है। यूनिटेक ग्रुप और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ मौजूदा आपराधिक मामला मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है। उन पर आरोप हैं कि संजय चंद्रा और अजय चंद्रा ने अवैध तरीके से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक साइप्रस और केमैन आईलैंड को हस्तांतरित किए।
एजेंसी ने हाल ही में मामले में अपनी जांच के संदर्भ में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली और मुंबई में 35 परिसरों की तलाशी ली थी। ईडी के दावे के अनुसार जांच में पाया गया कि इन संपत्तियों की खरीद के लिए कोष का हस्तांतरण जोशु पीटीई लिमिटेड, त्रिकार रेजिडेंशियल डेवलपर्स पीटीई लिमिटेड और त्रिकार प्रोपर्टी आपुर्चुनिटीज पीटीई लिमिटेड जैसी सिंगापुर की कंपनियों के जरिये 2015-2020 के दौरान किए गए।
जांच एजेंसी ने कहा कि इन कंपनियों के धन का स्रोत केमैन आईलैंड स्थित इकाई त्रिकार फंड लिमिटेड (एसपीसी) थी जिसका नियंत्रण चंद्रा परिवार के पास था। चंद्रा परिवार इसका नियंत्रण केमैन स्थित इकाई त्रिकार एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड एसपीसी के जरिये कर रहा था।