नई दिल्ली। हैकर्स ने ऑनलाइन डिजिटल पेमेंट एप मोबिक्विक (Payment app mobikwik) के 9.9 करोड़ भारतीय ग्राहकों का बैकिंग डाटा लीक करने का दावा किया है। हैकर्स की तरफ से जारी डाटा में ग्राहकों के मोबाइल नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक खाता संख्या से लेकर ईमेल तक शामिल हैं। हालांकि मोबिक्विक ने अपने डाटा में किसी भी तरह की सेंध लगने से इनकार करते हुए हैकर्स के दावे को खारिज किया है।
इस डाटा लीक का खुलासा साइबर सिक्योरिटी एनालिस्टस राजशेखर राजहरिया ने किया है। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल, पीसीआई स्टैंडर्ड्स और पेमेंट टेकभनोलॉजी कंपनियों को भी इस बारे में पत्र लिखा है।
दरअसल जॉर्डनहैवन नाम के एक हैकर समूह ने एक भारतीय समाचार एजेंसी को एक डाटाबेस का लिंक ईमेल के जरिये भेजा है। साथ ही लिखा है कि उनका कंपनी से पैसा लेने के अलावा इस डाटा का कोई और उपयोग करने का इरादा नहीं है और वे इसे अपनी तरफ से हटा रहे हैं। जॉर्डनहैवन ने मोबिक्विक के संस्थापक बिपिनप्रीत सिंह और सीईओ उपासना टाकू का भी बैंकिंग डाटा भी शेयर किया। साथ ही उन्होंने मोबिक्विक के क्यूआर कोड के साथ बहुत सारी अपलोड की गई तस्वीरें और ‘नो यॉर कस्टमर’ के तहत लिए गए आधार व पैन कार्ड जैसे दस्तावेजों की तस्वीरें भी शेयर कीं।
हालांकि मोबिक्विक ने इस दावे को खारिज कर दिया। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि एक व्यवस्थित इकाई होने के चलते वे डाटा सुरक्षा को बेहद गंभीरता से लेते हैं और डाटा सुरक्षा कानूनाें का पूरी तरह पालन करते हैं। प्रवक्ता ने कहा, कंपनी अपने पीसीआई-डीएसएस और आईएसओ सर्टिफिकेटों के तहत बेहद कड़े अनुपालन उपाय लागू करती है, जिनमें वार्षिक सुरक्षा ऑडिट और हर तिमाही में नेटवर्क पर आक्रमण का टेस्ट करना शामिल है।
फोरेंसिक डाटा सिक्योरिटी ऑडिट कराएगी कंपनी
मोबिक्विक प्रवक्ता ने कहा कि डाटा लीक के दावे का पता चलते ही कंपनी ने बाहरी सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी थी और डाटा में किसी भी तरह की सेंध नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि कंपनी इस मुद्दे पर संबंधित प्राधिकारों के साथ मिलकर काम कर रही है और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए थर्ड पार्टी फोरेंसिक डाटा सिक्योरिटी ऑडिट भी कराएगी। फिलहाल कंपनी अपने ग्राहकों से कहना चाहती है कि उनके सभी खाते और ब्योरा पूरी तरह सुरक्षित है। भले ही मोबिक्विक की तरफ से हैकर्स के दावे का खंडन किया जा रहा है, लेकिन पिछले महीने स्टॉक एक्सचेंज से 72 लाख डॉलर की फंडिंग जुटाने वाली इस पेमेंट कंपनी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
तत्काल बदल लें अपना पासवर्ड
साइबर विशेषज्ञ राजहरिया के मुताबिक, हर किसी को अपने बैंक खातों और क्रेडिट कार्डों के पासवर्ड तत्काल बदल लेने चाहिए ताकि उनका पैसा सुरक्षित रहे सके। उन्होंने इसे बहुत बड़ा घोटाला बताते हुए सरकारी एजेंसियों से इसकी जांच करने की अपील भी की। बता दें कि राजहरिया ने पिछले साल दिसंबर में भी करीब 70 लाख भारतीयों की निजी जानकारियां डार्क वेब पर बिक्री के लिए अपलोड किए जाने की जानकारी दी थी।