फरवरी में पांच गुना बढ़ा भारत का सोया खली का निर्यात

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इंदौर। प्रतिस्पर्धी कीमतों के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोया खली की मांग में तेजी का रुझान कायम है। नतीजतन फरवरी के दौरान देश का सोया खली निर्यात पांच गुना उछाल के साथ 3.60 लाख टन पर पहुंच गया। पिछले साल फरवरी में देश से महज 70,000 टन सोया खली का निर्यात गया था। प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के एक आला अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

सोपा के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने बताया, अलग-अलग कारणों से सोया खली के भावों में दुनिया भर में इजाफा हुआ है। भारत को तेजी के इस रुझान का फायदा मिला है और हमारी सोया खली के भाव अमेरिका, ब्राजील और अर्जेन्टीना के इस उत्पाद के मुकाबले प्रतिस्पर्धी दायरे में बने हुए हैं।”उन्होंने कहा, “प्रतिस्पर्धी कीमतों के कारण भारत का सोया खली निर्यात लगातार बढ़ रहा है।”

पाठक ने यह भी बताया कि फरवरी में वियतनाम (73,200 टन) और फ्रांस (60,445 टन) भारतीय सोया खली के सबसे बड़े आयातकों में शामिल रहे।प्रसंस्करण संयंत्रों में सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचने वाले उत्पाद को सोया खली कहते हैं। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।