नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने आंदोलनकारी किसान संगठनों पर सख्ती बढ़ा दी है। यूपी सरकार ने गाजीपुर बॉर्डर समेत प्रदेश में हर जगह किसान आंदोलन खत्म कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं, दिल्ली पुलिस ने लालकिला हिंसा के मामले में देशद्रोह और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत विभिन्न धाराओं में अब तक 33 एफआईआर दर्ज की है, जिसमें से नौ एफआईआर की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है। वहीं, 44 किसान नेताओं के खिलाफ देश न छोड़ने के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। दोषियों की पहचान के लिए नौ टीमें बनाई गई हैं।
इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर किसान यूनियनों की बिजली-पानी की सुविधा बंद कर दी गई और उन्हें बॉर्डर छोड़ने का आदेश दिया गया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत को धरने से हटने के लिए कहा गया। राकेश टिकैत ने रोते हुए कहा, सरकार कानून वापस ले, वर्ना मैं यहीं फांसी लगा लूंगा। उन्होंने आंदोलन खत्म करने से इनकार किया। हालांकि, उनके ही संगठन के मुखिया नरेश टिकैत ने आंदोलन खत्म करने का एलान किया। उन्होंने कहा, जब सब सुविधाएं खत्म कर दी है, बिजली-पानी काट दी है। पुलिस किसानों की पिटाई करें, इससे अच्छा है कि धरना खत्म कर दें। किसान नेता अपने साथ मौजूद लोगों को समझाएं और हट जाएं।
20 किसान नेताओं से तीन दिन में मांगा जवाब
गणतंत्र दिवस के दिन शर्तें तोड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस थमाया है। जिन लोगों को नोटिस दिया गया है, उनमें योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, राकेश टिकैत और बलबीर सिंह राजेवाल शामिल है। नोटिस में किसान नेताओं से तीन दिन के भीतर अपना जवाब देने को कहा गया है और यह पूछा गया है कि ट्रैक्टर परेड के लिए शर्तों का पालन नहीं करने पर क्यों नहीं आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं, राकेश टिकैत के टेंट पर चिपकाए गए नोटिस में यह भी कहा गया है कि आपको निर्देश दिया जाता है कि आपके संगठन से जुडे़ जिन साजिशकर्ताओं ने हिंसा फैलाई, उनका नाम भी बताएं। माना जा रहा है कि पुलिस एक नंबर जारी कर लोगों से 26 जनवरी को हुई हिंसा का मोबाइल वीडियो भेजने को भी कहेगी, जिसे सुबूत के तौर पर माना जाएगा।