नई दिल्ली। Unified-Pension-Scheme: पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने गुरुवार को एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लेकर अधिसूचना जारी कर दी। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीने में मिले औसत वेतन के 50 फीसदी के बराबर पेंशन मिलेगी। यह अधिसूचना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा 24 जनवरी 2025 को जारी यूपीएस अधिसूचना के बाद आई है।
पीएफआरडीए ने कहा कि नए नियम एक अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इसके तहत एक अप्रैल 2025 तक सेवा में कार्यरत केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, जो एनपीएस के अंतर्गत आते हैं और केंद्रीय सरकारी सेवाओं में नए भर्ती हुए कर्मचारी, जो अप्रैल, 2025 को या उसके बाद सेवा में शामिल होते हैं, सहित केंद्रीय सरकारी कर्मचारी नामांकन कर सकेंगे। कर्मचारियों के लिए इन सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फॉर्म एक अप्रैल, 2025 से वेबसाइट https://npscra.nsdl.co.in पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इसके अलावा कर्मचारी भौतिक रूप से भी फार्म जमा कर सकेंगे।
अधिसूचना में कहा गया है कि कर्मचारी के सेवा से हटाए जाने या बर्खास्त किए जाने या त्यागपत्र दिए जाने की स्थिति में यूपीएस या अन्य भुगतान नहीं किया जाएगा। पूर्ण भुगतान की दर 25 साल की न्यूनतम सेवा के अधीन और सेवानिवृत्ति से ठीक पहले 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत होगी। अधिसूचना से 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने का विकल्प मिलेगा, जो 1 जनवरी 2004 को लागू हुआ था। 24 अगस्त 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूपीएस को मंजूरी दी थी।
जनवरी 2004 से पहले प्रभावी पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। पुरानी पेंशन योजना के विपरीत यूपीएस अंशदायी है। इसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा। हालांकि, अंतिम भुगतान उस कोष पर बाजार रिटर्न पर निर्भर करेगा। इसे सरकारी ऋण में निवेश किया जाता है।