जयपुर। राजस्थान खेल परिषद की महत्वपूर्ण बैठक जयपुर में आयोजित की गई, जिसमें राज्य में खेलों के विकास, गुणवत्ता और सुविधाओं को बेहतर बनाने को लेकर कई अहम फैसले लिए गए।
बैठक की अध्यक्षता युवा मामले एवं खेल विभाग के शासन सचिव एवं क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष डॉ. नीरज के पवन ने की। बैठक में 32 खेल संघों के अध्यक्ष और सचिवों के अलावा क्रीड़ा परिषद के सचिव राजेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में खेलों के विकास को बढ़ावा देना, खिलाड़ियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना और नई नीतियों को लागू करना था। बैठक में ओलंपिक संघ राजस्थान के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एवं जिमनास्टिक संघ राजस्थान के अध्यक्ष चैन सिंह राठौड़ ने भी भाग लिया और खेलों की बढ़ोतरी एवं विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
गांव एवं ढाणियों में खेलों के विस्तार पर जोर
चैन सिंह राठौड़ ने बैठक में गांव और ढाणियों में खेलों के विकास को लेकर विशेष सुझाव प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि राज्य के उन मुख्यालयों में जहां जिमनास्टिक के लिए खेल उपकरण उपलब्ध नहीं हैं, वहां तत्काल उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं और जिन स्थानों पर उपकरण पहले से मौजूद हैं, वहां ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों और स्थानीय स्कूलों के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाए।
कोच नियुक्ति एवं प्रशिक्षण को लेकर बड़ा फैसला
बैठक में खेलों के विस्तार के लिए प्रशिक्षित कोचों की नियुक्ति को लेकर भी चर्चा की गई। कोटा, पाली, जैसलमेर, उदयपुर और अजमेर में तुरंत कोच नियुक्त करने की मांग पर सहमति व्यक्त की गई।
खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि एवं भत्तों के भुगतान पर निर्णय
राठौड़ ने बैठक में सुझाव दिया कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को यात्रा भत्ता (टीए) एवं दैनिक भत्ता (डीए) शीघ्रातिशीघ्र उनके बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाए। इस मांग पर भी सकारात्मक चर्चा हुई और जल्द कार्यान्वयन का आश्वासन दिया गया।
राजस्थान में खेलों को मिलेगा नया आयाम
बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों से राज्य में खेलों के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी और खिलाड़ियों को उनकी आवश्यक सुविधाएं जल्द प्राप्त होंगी। क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष डॉ. नीरज के पवन ने कहा कि सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।