कोविशील्ड वैक्सीन को एक्सपर्ट पैनल ने दी भारत में इमरजेंसी में इस्तेमाल की मंजूरी

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नई दिल्ली। कोरोना के कहर से टेंशन में जी रहे भारतीयों को नए साल पर खुशखबरी मिली है। विशेषज्ञों की समिति ने सीरम इंस्टिट्यूट की बनाई जा रही कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश कर दी है। इमर्जेंसी यूज की इजाजत पाने वाली यह देश की पहली कोरोना वैक्सीन होगी। एक्सपर्ट पैनल की इस सिफारिश को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) वी. जी. सोमानी के पास भेजा जाएगा। अंतिम मंजूरी का फैसला DCGI  करेंगे।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की कोविड-19 पर विशेषज्ञों की समिति ने शुक्रवार को एक अहम बैठक के बाद ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन (Oxford COVID-19 vaccine Covishield) को अनुमति देने का फैसला किया। अब इस वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज का रास्ता तकरीबन साफ हो गया है। DCGI से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो सकेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन पर फैसले का अभी भी इंतजार किया जा रहा है।

पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है और इसने कोविशील्ड के उत्पादन के लिए AstraZeneca के साथ करार किया है। ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तथा एस्ट्रेजेनेका द्वारा निर्मित टीके को बुधवार को मंजूरी प्रदान की थी।

सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने बुधवार को टीके के आपात उपयोग की मंजूरी देने के एसआईआई के आवेदन पर विचार किया था और इस मामले में शुक्रवार को एक बार फिर समीक्षा की। सीडीएससीओ ने एसआईआई से पहले अतिरिक्त सुरक्षा और प्रतिरक्षा संबंधी जानकारी मांगी थी। सूत्रों ने बताया कि SII के आवेदन के बाद समिति ने भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी देने की उसकी अर्जी पर विचार करना भी शुरू किया है लेकिन इस मामले में अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

आपात उपयोग की मंजूरी के आवेदन पर एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह के हस्ताक्षर हैं जिसमें कहा गया है, ‘सुरक्षा के लिहाज से देखें तो कोविशील्ड ने अपेक्षित प्रतिकूल स्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया। अधिकतर अपेक्षित प्रतिक्रियाएं गंभीरता के लिहाज से बहुत मामूली थीं और उन्हें सुलझा लिया गया तथा कोई अन्य लक्षण नहीं दिखाई दिए।’

आवेदन के अनुसार, ‘इसलिए कोविशील्ड सुरक्षित है और लक्षित जनसंख्या पर कोविड-19 की रोकथाम के लिए इसका प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।’ एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड के टीके के आपात उपयोग की मंजूरी के लिए 6 दिसंबर को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को आवेदन किया था, वहीं हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने सात दिसंबर को आपने स्वदेश विकसित कोवैक्सीन टीके की मंजूरी के लिए अर्जी दाखिल की थी। फाइजर कंपनी ने अपने टीके को नियामक मंजूरी देने के लिए चार दिसंबर को आवेदन किया था।

कोविशील्ड की 5 करोड़ खुराक तैयार
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया अब तक ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ की करीब 4-5 करोड़ खुराक का उत्पादन कर चुकी है। कंपनी ने हाल में बताया था कि उसका लक्ष्य अगले साल मार्च तक 10 करोड़ खुराक के उत्पादन का है। कंपनी ने कहा है कि कोविड-19 के टीके का उत्पादन सरकार की ओर से आने वाली कुल मांग पर निर्भर करेगा।