नई दिल्ली। उद्योग जगत के संगठन पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (पीएचडीसीसीआइ) ने देश की आर्थिक विकास दर को गति देने के लिए 10 सूत्रीय रणनीति पेश की है। संगठन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट-पूर्व चर्चा में शनिवार को ऊंची आíथक वृद्धि दर के लिए यह रणनीति सुझाई। पीएचडीसीसीआइ के प्रेसिडेंट संजय अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि रणनीति के तहत खपत और मांग बढ़ाने तथा निजी निवेश को प्रोत्साहित किए जाने पर जोर दिया गया है।
एक बयान में अग्रवाल का कहना था अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जो खपत और मांग बढ़ाने में मददगार साबित हों। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को मजबूत करने का सुझाव भी है। पीएचडीसीसीआइ ने कारोबार की लागत घटाने, निर्यात सुगमता, टैक्स संग्रह बढ़ाने और कृषि व ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान देने संबंधी उपायों को भी प्रमुखता से अपनाने का आग्रह किया है।
उद्योग संगठन ने वित्त मंत्री से स्पष्ट आग्रह किया कि अगले वर्ष अप्रैल से शुरू होने वाला वित्त वर्ष पूरी तरह से मांग और उपभोग पर जोर देने वाला होना चाहिए। इसी से उत्पादन, पूंजी विस्तार, निजी निवेश और रोजगार सृजन पर दूरगामी सकारात्मक असर दिखेंगे।
संगठन का कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश बढ़ाने से भी अर्थव्यवस्था में सकल मांग तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी इस वक्त अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। ऐसे में सरकार को विदेश से कर्ज लेने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी।