राजस्थान का अंधियारा दूर करेगा कोटा, 700 मेगावाट का बिजली घर तैयार

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रावतभाटा। पावर की दुनिया में रावतभाटा (कोटा) एक और उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। यहां प्रदेश की पहली और देश की दूसरी 700 मेगावाट क्षमता की परमाणु बिजलीघर परियोजना की 7वीं इकाई का सिविल कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वहीं, 8वीं इकाई का अभी सिविल वर्क भी 80% पूरा हो चुका है। रिएक्टर के डोम में कंक्रीट का कार्य अगले 1 सप्ताह में शुरू हो जाएगा।

उसके बाद हाइड्रोटेस्ट और हॉट कंडिशनिंग का कार्य पूरा होगा। फिर यूरेनियम फ्यूल बंडल भरा जाएगा। इस परियोजना की पहली इकाई का कार्य समय पर पूरा हो, इसके लिए परमाणु बिजलीघरों से कर्मचारी, अधिकारियों 24 घंटे युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। रावतभाटा स्थित राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना की 7वीं एवं 8वीं इकाई 2011 से निर्माणाधीन है।

इनमें 1,15,248 किलो यूरेनियम फ्यूल और 392 कुलेंट चैनलों में भरे जाएंगे। दिसंबर 2021 तक 7वीं इकाई में उत्पादन शुरू हो जाएगा। लगभग 17000 करोड़ की इस परियोजना से 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। प्रत्येक में 700 मेगावाट। परियोजना पूरी होने के बाद 1000 लोगों को राेजगार मिलेगा।

वर्तमान में 5000 इंजीनियर, सुपरवाइजर और श्रमिक कार्यरत हैं। कोरोनाकाल में भी इस परियोजना का निर्माण कार्य जारी रहा। इस केंद्रीय विद्युत परियोजना में राजस्थान को 50% बिजली मिलेगी। परमाणु बिजलीघर की 700-700 मेगावाट की दोनों इकाईयाें का डोम 570 टन वजन का है। जो कि मिसाइल हमले से भी सुरक्षित रहेगा।

दो और इकाइयां लगेंगी, 2022 के बाद होंगी शुरू
रावतभाटा में परमाणु विद्युत परियोजना की 9वीं और 10वीं इकाई लगाने की भी तैयारी की जा रही है। 7वीं 8वीं इकाई का निर्माण पूरा होने पर 2022 के बाद इनके निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।

  • एक नजर
  • 2.5 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट लगेगा दोनों इकाइयों में
  • 570 टन वजन के डोम लगे हैं परमाणु बिजलीघर की दोनों इकाइयों में
  • 1.15 लाख किलो फ्यूल भरा, उत्पादन होने पर रोज 294 किलो भरेंगे
  • 50 हजार 3 बीएचके मकान बन सकते हैं इनमें लगे कंक्रीट से