मुंबई। मुंबई पुलिस ने बुधवार को नीचता के हदें उस समय पार कर दी, जब रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी ने को उसके घर से एक अपराधी की तरह हिरासत में लिया। इतना ही नहीं पुलिस ने परिवार के साथ भी बदसलूकी की।
टीवी एंकर ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। बताया गया है कि मुंबई पुलिस आज सुबह ही अर्णब को हिरासत में लेने के लिए उनके घर पहुंच गई थी। रिपब्लिक टीवी ने इस पूरी घटना के विजुअल टेलिकास्ट किए। इसमें पुलिस अर्णब गोस्वामी से उलझती दिखाई गई है।
रिपब्लिक टीवी की एडिटर सम्याब्रत रे गोस्वामी ने इस पूरी घटना का ब्योरा देते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों ने अर्णब के बाल पकड़ कर उन्हें उठाया और पुलिस वैन में बिठाकर साथ ले गए। चैनल की एक टीम पुलिस वैन के साथ ही चलती रही। इस दौरान एक मौके पर अर्णब गाड़ी से सिर निकालकर अपने साथ हुई घटना की जानकारी देते हैं।
बता दें कि अर्णब पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ टीवी डिबेट के दौरान भड़काऊ शब्द इस्तेमाल करने का आरोप है। इस मामले में उनके खिलाफ दो केस भी दर्ज हैं। जहां पालघर मॉब लिंचिंग केस में सोनिया गांधी पर हमला करने के लिए उन पर एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में केस दर्ज है, वहीं बांद्रा रेलवे स्टेशन में भीड़ जुटने के मुद्दे पर उनके खिलाफ पायधोनी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज है।
30 जून को ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोस्वामी के खिलाफ इन दो एफआईआर पर स्टे लगा दिया था। महाराष्ट्र सरकार इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। हालांकि, 26 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई को दो हफ्ते के लिए टाल दिया था।
रायगढ़ पुलिस के अनुसार अर्नब पर 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां को 2018 में आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है। इस केस में अर्णब के साथ जिन दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनमें एक फिरोज शेख जबकि दूसरे नितेश सारदा हैं। गोस्वामी को वर्ली जबकि फिरोज को कांदिवली और नितेश को जोगेश्वरी से गिरफ्तार किया गया है।
अर्णब की गिरफ्तारी रायगढ़ पुलिस और मुंबई पुलिस के संयुक्त अभियान में हुई है। एपीआई सचिन वाजे की टीम ने अर्णब को उनके घर से गिरफ्तार किया। आरोप के मुताबिक, रिपब्लिक टीवी पर आर्टिकेक्ट फर्म कॉन्कॉर्ड डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड के एमडी अन्वय नाइक का 83 लाख रुपया बकाया था।
नाइक ने रिपब्लिक टीवी का स्टूडियो तैयार किया था। दो अन्य कंपनियां- आईकास्टएक्स/स्काइमीडिया और स्मार्टवर्क्स भी अपना-अपना बकाया चुकाने में नाकाम रहीं। पुलिस के मुताबिक, तीनों कंपनियों पर कुल 5.40 करोड़ रुपये का बकाया था।
अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा
ज्ञातव्य है कि अर्नब गोस्वामी ने पालकर में साधुओं की हत्या, सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने के मामले को अपने चैनल पर प्रमुखता से दिखाया था। तब से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र की सरकार उसे परेशान कर रही थी। जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ राजस्थान मुंबई पुलिस के इस शर्मनाक रवैये की निंदा करती है। साथ ही महाराष्ट सरकार से ट्वीट कर रिहाई की मांग की है।