क्या सरकार कोरोना सेस लगा सकती है, जानिए सच्चाई

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नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 71 लाख के पार पहुंच चुकी है। भारत और दुनिया में कई कंपनियां इसकी वैक्सीन विकसित करने में जुटी है। भारत की आबादी को देखते हुए वैक्सीन खरीदने और इसके वितरण पर सरकार पर बहुत ज्यादा वित्तीय बोझ पड़ेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि इतना पैसा कहां से आएगा। लेकिन सरकार ने साफ किया है कि इस बोझ से निपटने के लिए उसकी कोविड सेस लगाने की कोई योजना नहीं है।

अधिकारियों ने कहा कि वैक्सीन खरीदने के लिए सरकार के पास पर्याप्त फंड है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से फंड की जरूरत होगी। ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन के बाजार में आने पर सरकार इसकी कीमत 1 डॉलर प्रति डोज कर सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें अपफ्रंट में कोई पैसा नहीं चाहिए। जैसे-जैसे टीकाकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे फंड की जरूरत पड़ेगी। इसलिए सेस लगाने का सवाल ही नहीं उठता।’

ऐसे कम होगी कीमत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने कुछ दिन पहले कहा था कि जुलाई 2021 तक 25 करोड़ लोगों को कोविड-19 का टीका लग चुका होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री राजेश भूषण ने कहा कि इस तरह की खरीद के लिए सरकार के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की सुरक्षा और कारगरता साबित होने के बाद ही कीमत का पता चल पाएगा। जैसे-जैसे वैक्सीन बाजार में आती जाएंगी, वैसे-वैसे उसकी कीमत कम होती जाएगी।

वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव अडार पूनावाला ने हाल में देश में वैक्सीन के उत्पादन और वितरण की चुनौतियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि सभी देशवासियों को वैक्सीन लगाने के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। क्या सरकार के पास इतना फंड है? सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह सही कैलकुलेशन नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘एक बार हमारे पास पर्याप्त वैक्सीन होने के बाद इसकी कीमत में गिरावट आएगी। रेमडेसिविर के मामले में भी ऐसा ही हुआ।’