Gold Bond का छठा चरण कल खुलेगा, 10 ग्राम सोने का यह होगा दाम

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) उस दिन गोल्ड बांड स्कीम का छठा चरण लांच कर रहा है, जिसमें चार सितंबर तक निवेश किया जा सकेगा। इसके लिए RBI ने 5,117 रुपये प्रति 10 ग्राम का भाव रखा है। सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचे स्तर से करीब पांच हजार रुपये गिरने के साथ इसमें निवेश का एक और मौका 31 अगस्त से मिल रहा है। नई सीरीज के गोल्ड बांड आठ सितंबर को इश्यू कर दिए जाएंगे। इस स्कीम के तहत सबसे छोटा बांड एक ग्राम के सोने के बराबर होगा।

कोई भी निवेशक एक वित्त वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम के बराबर गोल्ड बांड खरीद सकता है। डिजिटल माध्यम से आवेदन और भुगतान करने पर 50 रुपये प्रति 10 ग्राम की छूट भी दी जाएगी। ऐसे निवेशकों के लिए बांड के तहत प्रभावी भाव 5,067 रुपये प्रति 10 ग्राम होगा। कुल मिलाकर व्यक्तिगत तौर पर बांड खरीदने की सीमा चार किलोग्राम है। ट्रस्ट या संगठन के मामले में यह सीमा 20 किलोग्राम तय की गई है।

यह है निवेश की पात्रता
इसमें भारतीय नागरिक, हिन्दू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल इंस्टीट्यूट्स ही ये बॉन्ड खरीद सकते हैं। मालूम हो कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आठ साल के लिए जारी किया जाता है। पांचवें साल के बाद आपको इस बॉन्ड स्कीम से एक्जिट करने का ऑप्शन मिलता है।

ऐसे करें इस योजना में इन्‍वेस्‍ट
यह कमर्शियल बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन, डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE द्वारा बेचा जाता है।

सोने की खरीदी की यह है लिमिट
इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति न्यूनतम एक ग्राम का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। कोई भी व्यक्ति एक वित्त वर्ष में अधिकतम चार किलोग्राम, अविभाजित हिन्दू परिवार भी अधिकतम चार किलोग्राम और ट्रस्ट 20 किलोग्राम तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है।

बॉन्‍ड्स की बिक्री के ये हैं नियम

  1. इन बॉन्‍ड्स की बिक्री चैरिटेबल ट्रस्‍ट, यूनिवर्सिटी, ट्रस्‍ट, अविभाजित हिंदू परिवारों यानी HUF तक ही सीमित होगी।
  2. निवेश के लिए सबसे कम सीमा 1 ग्राम सोने की रहेगी, जबकि 4 किलोग्राम प्रति व्‍यक्ति अधिकतम सीमा तय की गई है।
  3. हिंदू अनडिवाडेड फैमिली HUF के लिए निवेश की शर्तें अलग होंगी। इनके लिए 4 किलो एवं ट्रस्‍टों के लिए 20 किलो निवेश की अनुमति रहेगी।

जानकारों का कहना है
विशेषज्ञों के मुताबिक फिजिकल गोल्ड कई लिहाज से फायदेमंद है। सबसे पहले तो आपको फिजिकल गोल्ड की तरह गोल्ड बॉन्ड की सुरक्षा और गुणवत्ता की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। दूसरी बात आपको गोल्ड बॉन्ड को रखने के लिए लॉकर लेने और उसपर अलग से खर्च करने की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा आपको 2.5 फीसद सालाना की दर से ब्याज भी मिलता है।