कोरोना की दवा को लेकर झूठे दावे करने पर ग्लेनमार्क की खिंचाई

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नई दिल्‍ली। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मुंबई की दवा कंपनी ग्लेनमार्क की खिंचाई की है। उनका कहना है कि कंपनी ने कोविड-19 के इलाज में इस्‍तेमाल की जा रही जेनरिक दवा FabiFlu के बारे में गलत दावे किए हैं और साथ की वह इसकी ज्यादा कीमत वसूल रही है। DCGI वी जी सोमानी ने 17 जुलाई को कंपनी को एक पत्र लिखकर इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने कोरोना के इलाज के लिए जून में ग्लेनमार्क की दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।

एक सांसद की शिकायत पर DCGI ने कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है। सांसद चाहते हैं कि कंपनी FabiFlu 200 एमजी की कीमत की समीक्षा करें ताकि आम लोग भी इसका इस्तेमाल कर सकें। सांसद का आरोप है कि कंपनी लोगों को गुमराह कर रही है। सोमानी ने सांसद की शिकायत के हवाले से पत्र में कहा कि ग्‍लेनमार्क ने दावा किया था कि फैबीफ्लू कोविड-19 के साथ ही तनाव, डायबिटीज जैसी बीमारियों में भी कारगर है, जबकि इस दवा के ट्रायल में ऐसी किसी बीमारी को शामिल ही नहीं किया गया था।

कितनी है दवा की कीमत
सोमानी ने कहा कि ग्‍लेनमार्क की ओर से फैबीफ्लू की प्रस्‍तावित कीमत देश के गरीब, निम्‍न मध्‍य वर्ग और मध्‍य वर्ग के लिहाज से उचित नहीं थी। लॉन्चिंग के समय ग्‍लेनमार्क ने एंटीवायरल फैबिपिरावीर (Favipiravir) की जेनरिक दवा फैबीफ्लू की 200 mg की एक टैबलेट की कीमत 103 रुपये रखी थी। कोविड-19 के दो हफ्ते के इलाज में 122 टैबलेट दी जाती हैं। ऐसे में इसके पूरे कोर्स में 12,500 रुपये का खर्चा होता है।

ग्‍लेनमार्क ने पिछले सप्‍ताह फैबीफ्लू की कीमत 27 फीसदी घटाकर एक टैबलेट की कीमत 75 रुपये कर दी थी। इससे 122 टैबलेट के पूरे कोर्स का खर्चा घटकर 9,150 रुपये हो गया। इससे पहले 156 मरीजों पर दवा का परीक्षण किया गया था। फैबीफ्लू के परीक्षण का डेटा डाटा अभी तक जारी नहीं किया गया है। हालांकि, सरकारी आंकड़े के मुताबिक दवा का कोविड-19 के हल्‍के लक्षण वाले मरीजों पर परीक्षण किया गया था। परीक्षण में शामिल मरीजों में सांस की तकलीफ से जुड़े मामूली लक्षण थे और उन्‍हें तत्‍काल आपात चिकित्‍सा सुविधा की जरूरत नहीं थी।