चिंता नहीं चिंतन करें युवा: श्रीश्री रविशंकर

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ऑनलाइन मोटिवेशनल सेशन ‘उत्साह’ का आयोजन

कोटा। कोविड-19 (Covid -19) कोरोना वायरस संक्रमण से जनजीवन प्रभावित है। स्टूडेंट्स भी इससे प्रभावित हैं। इसे देखते हुए आर्ट ऑफ़ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर की पहल पर ऑनलाइन मोटिवेशनल सेशन उत्साह का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यक्रम में देशभर के प्रमुख शिक्षण व कोचिंग संस्थानों के संचालकों से श्रीश्री ने संवाद किया और विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन किया।

कोटा से एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी इस संवाद में शामिल हुए और कोटा व कोचिंग स्टूडेंट्स का प्रतिनिधित्व करते हुए जिज्ञासा श्रीश्री के समक्ष रखी। श्रीश्री ने स्टूडेंट्स को डर व चिंता से निपटने एवं बेहतर जीवन जीने के उपाय बताए।

कार्यक्रम की शुरुआत में निदेशक गोविन्द माहेश्वरी ने श्रीश्री का अभिवादन किया। माहेश्वरी ने वर्तमान परिस्थितियों में स्टूडेंट्स की मनोदशा को देखते हुए पूछा कि ‘कोरोना की वजह से हर कोई भयभीत है। विशेषकर स्टूडेंट्स अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। ऐसे माहौल में स्टूडेंटस कैसे खुद को पाॅजिटिव रख सकते हैं ?

इस पर श्रीश्री ने कहा कि युवाओं के बीच जोश और उत्साह होना चाहिए। हर परिस्थिति के मुकाबले के लिए तत्पर रहते हुए, आगे बढ़ने का हौसला होना चाहिए। स्वयं को नकारात्मकता से दूर रखना चाहिए। चिंता युवाओं को शोभा नहीं देती, चिंतन उनके लिए रत्न बनती है। इसलिए युवा चिंता नहीं चिंतन करें।अपने बारे में, परिवार के लिए, समाज और देश के लिए अच्छा सोचें। आगे बढ़ने का प्रयास करें।

न्यूट्रिशियन पर ध्यान दें
श्रीश्री ने कहा कि आजकल बच्चों में प्रोटीन की कमी रहती है। नियमित आलू व चावल के सेवन से शरीर में कार्बोहाइड्रेट का स्तर बढ़ा हुआ रहता है जोकि नुकसानदेह रहता है। विद्यार्थियों को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें। पेरेन्ट्स बच्चों के न्यूट्रिशियन पर ध्यान दें, क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य के लिए शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी है। ऐसे समय में विद्यार्थियों को मेडिटेशन एवं प्राणायाम करना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें शांति महसूस होगी और ये उन्हें पाॅजिटिव एनर्जी देगा।