जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में अचल संपत्ति नीति 2005 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक प्रदेश की मंडी प्रांगणों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए 30% व निशक्तजनों के लिए 4% दुकानों को आरक्षित करने की मंजूरी दी है। वहीं, संशोधित नीति में किसान वर्ग के लिए भूखंड आवंटन में निर्धारित आरक्षित दर 10 % व एससी तथा एसटी के लिए 25% छूट का प्रावधान किया गया है।
नीति में संशोधन के प्रस्ताव के अनुसार अब पंजीकृत किसान उत्पादन या कंपनी को आवंटन योग्य रिक्त दुकानों या भूखंडों में 5% भूखंड आवंटित किए जा सकेंगे। साथ ही व्यापारिक संघों के राज्य स्तरीय शीर्ष संगठन को राज्य की राजधानी या उनके मुख्यालय पर 1500 वर्ग मीटर तक एक भूखंड आवंटित करने का प्रावधान भी किया है। कृषि विभाग की ओर से भेजे गए इस प्रस्ताव को सीएम ने पिछले माह ही मंजूरी दी है।
मंडियों में विशेष भंडार गृह, वेयर हाउस
नए प्रावधानों के अनुसार मंडी प्रांगणों में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, ग्रेडिंग एवं स्टैंडर्डाइजेशन लैब एवं गुणवत्ता परीक्षण लैब के लिए भूखंड भी आवंटित किए जा सकेंगे। इसके अलावा मंडियों में विशेष भंडार गृह, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज के लिए भी भूखंड आवंटित किए जाएंगे। आवंटन में पारदर्शिता के लिए मंडियों में वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी। इसके अलावा अगर कोई कारोबारी मंडी से अपना कारोबार स्थानांतरित करना चाहता है तो उसके लिए भी नियमों शिथिलता दी जाएगी।
60% भूमि आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए
मंडी प्रांगण में निशुल्क भूमि समर्पित करने पर समर्पित भूमि में से 10% विकसित वाणिज्यिक भूमि भूधारकों को आवंटित करने तथा मंडी प्रांगण में आवंटित भूखंड के प्रथम तल पर भूखंड के क्षेत्रफल का 50% निर्माण अनुज्ञेय है। अनिर्मित शेष 50% भाग में निर्माण के लिए डीएलसी दर का 5% बैटरमेंट लेवी वसूल करने के बाद स्वीकृति जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके अलावा मंडी प्रांगण में आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए 60% भूमि आरक्षित करने का प्रावधान भी किया गया है।