राजस्थान / कड़ाके के सर्दी से जन जीवन के साथ फसलें भी प्रभावित

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जयपुर/सीकर। राजस्थान में सर्दी लोगों को जमकर टॉर्चर कर रही है। कड़ाके के सर्दी से जन जीवन के साथ फसलें भी प्रभावित हो रही हैं। कई जगह पाला पड़ने से जीरा, धनिया और टमाटर की फसल नष्ट हो गई है। फतेहपुर कृषि अनुसंधान केन्द्र पर तीसरे दिन न्यूनतम पारा और नीचे चला गया।

दो दिन से तापमान जहां माइनस तीन डिग्री था। वहीं शनिवार को एक डिग्री और लुढकऱ माइनस 4 डिग्री पर पहुंच गया। हिमाचल में हुई बर्फबारी के बाद चल रही उत्तरी हवाओं ने विंड स्ट्रॉम की स्थिति बना दी। हवा में नमी की मात्रा शत प्रतिशत तक पहुंच गई।

बीती मध्यरात्रि से तडक़े तक ठंड तो इतनी ज्यादा थी कि जमीन पर पाला जमना शुरू हो गया। उजाला होने तक खेतों में फसलों पर पाला जम चुका था। घास फूस, खेतों की मेढ़ आदि पर बर्फ की सफेदी नजर आई। कड़ाके की सर्दी से बचने के तमाम उपाय बौने साबित हो रहे हैं।

दो दिन में फसलों में काफी नुकसान
जिले में लगातार दूसरे दिन तक खेतों में बर्फ जमने से सब्जियों में नुकसान का स्तर और बढ़ गया है। कृषि विभाग के मोटे आंकलन के कारण कई जगह अगेती फसलों में नुकसान का प्रतिशत सात से 50 प्रतिशत तक आंका जा रहा है। गेंहू और जौ को छोडकऱ सभी फसलों की गुणवत्ता प्रभावित हो गई है। रबी की फसलों की जल्द बुवाई हुई थी। इस कारण अगेती फसलों का बुवाई क्षेत्र ज्यादा है। हालांकि नुकसान का सही आंकड़ा मौसम खुलने के बाद ही लगाया जा सकेगा।

और गिरेगा तापमान
मौसम विभाग के मुताबिक पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बर्फबारी से मैदानी इलाकों में तापमान में और गिरावट होगी। विभाग के अनुसार आगामी दो दिन में प्रदेश के कई इलाकों में शीतलहर तेज होगी।

पाला पड़ने से फसलें बर्बाद
किसान शिशुपाल सिंह का कहना है कि रबी की बुवाई के बाद नवम्बर और दिसम्बर मावठ होने के बाद इस बार फसलों का उत्पादन बढऩे की उम्मीद जागी थी लेकिन दो दिन से लगातार जमे पाले ने रबी की फसलों की सूरत ही बिगाड़ दी।

बारानी अगेती सरसों में जो फलियां बनी चुकी थी, उनमें बन रहे दाने का पानी हो गया है। जो दो चार दिन में सूखकर काला हो जाएगा। इसी प्रकार चने की फसल भी काली पड़ गई है। अगर पाला एक दो दिन और पड़ गया तो फसल बर्बाद ही हो जाएगी। सबसे ज्यादा नुकसान मटर में हुआ है।