दो लाख से ज्यादा भारतीय अमेरिका में ग्रीन कार्ड के इंतजार में

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नई दिल्ली। भारत के 2,27,000 से ज्यादा लोग अमेरिका में परिवार प्रायोजित ग्रीन कार्ड या वैध स्थायी निवास की अनुमति मिलने की कतार में हैं। नये जारी हुए आधिकारिक आंकड़े में यह जानकारी सामने आई है। फिलहाल, परिवार प्रायोजित ग्रीन कार्ड के लिए करीब 40 लाख लोग प्रतीक्षा सूची में हैं जबकि कांग्रेस ने हर साल महज 2,26,000 ऐसे कार्ड जारी करने की अनुमति दी हुई है।

प्रतीक्षा सूची में शामिल सबसे ज्यादा 15 लाख लोग अमेरिका के दक्षिण में स्थित पड़ोसी देश मेक्सिको से हैं। दूसरे नंबर पर भारत है जिसके 2,27,000 से ज्यादा लोग कतार में हैं। वहीं चीन इस मामले में तीसरे नंबर पर है जिसके 1,80,000 लोग परिवार प्रायोजित ग्रीन कार्ड पाने की होड़ में हैं।

यह कार्ड पाने के इच्छुक ज्यादातर प्रतीक्षा सूची वाले लोग अमेरिकी नागरिकों के भाई-बहन हैं। मौजूदा कानून के तहत अमेरिकी नागरिक ग्रीन कार्ड या स्थायी वैध निवास के लिए अपने परिवार के सदस्यों और रक्त संबंधियों को प्रायोजित कर सकते हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ऐसे प्रावधान के खिलाफ हैं और वह इसे सिलसिलेवार ढंग से चलने वाला आव्रजन कहते हैं जिसे वह खत्म करना चाहते हैं। वहीं विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी परिवार प्रायोजित आव्रजन व्यवस्था को खत्म किए जाने का जोरदार ढंग से विरोध कर रही है।

परिवार प्रायोजित ग्रीन कार्ड के 40 लाख आवेदकों के अलावा अन्य 8,27,000 लोग स्थायी वैध निवास की स्वीकृति की प्रतीक्षा सूची में हैं। इनमें भी भारत के लोग बड़ी संख्या में शामिल हैं। भारत के आईटी पेशेवरों के लिए रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड का इंतजार 10 वर्षों से अधिक समय का है।

डीएचएस के अनुसार परिवार आधारित ग्रीन कार्ड का इंतजार करने वाले अधिकतर भारतीय अमेरिकी नागरिकों के भाई-बहन है। उनकी संख्या 181,000 से अधिक है। इसके बाद इंतजार करने वालों में अमेरिकी नागरिकों के 42,000 विवाहित बच्चे तथा स्थाई निवासियों के 2,500 पति अथवा पत्नी तथा नाबालिग बच्चे हैं।

ब्रिटेन में भारतीयों को रिकाॅर्ड 30 हजार से ज्यादा वीजा
ब्रिटेन के विश्वविद्लयों में पढ़ाई के लिए बीते एक साल में भारतीय छात्रों को रिकार्ड 30,550 वीजा मिले। इससे पहले साल में 18,730 वीजा मिले थे। इस लिहाज से भारतीय प्रतिभाओं को आकर्षित करने की नीति के तहत ब्रिटिश सरकार ने महज एक साल में भारतीय छात्रों को वीजा देने की संख्या में 65 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि की।