नई दिल्ली। प्रमुख शेयर बाजार बीएसई और एनएसई 27 अक्टूबर को दिवाली के मौके पर एक घंटे का विशेष मुहूर्त कारोबारी सत्र संचालित करेंगे। इस दौरान वास्तविक ट्रेडिंग होगा। एनएसई ने कहा है कि दिवाली मुहूर्त कारोबार में किए गए सभी ट्रेड का निपटान होगा।
दिवाली के दिन नए संवत की भी शुरुआत होती है। संवत एक हिंदू कैलेंडर वर्ष है। इस दिवाली के साथ संवत 2076 की शुरुआत होगी। माना जाता है कि मूहूर्त कारोबार करना पूरे वर्ष समृद्धि और संपत्ति के लिहाज से शुभ होता है। इसके अगले दिन 28 अक्टूबर को दिवाली बलिप्रतिपदा के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेंगे।
कब शुरू हुई मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा
मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत बीएसई पर 1957 से हुई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर इसकी शुरुआत 1992 से हुई। इस दिन अधिकतर निवेशक शेयर बेचने के बजाय खरीदने को प्राथमिकता देते हैं।
इसलिए आम तौर पर इस सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी बढ़त के साथ बंद होते हैं। इस सत्र का समय शुभ घड़ी को ध्यान में रखकर तय किया जाता है। पहले कारोबारी खुद शेयर बाजार जाकर मुहूर्त ट्रेडिंग किया करते थे, लेकिन ऑनलाइन सुविधा शुरू होने से अब कारोबारी अपने घर पर ही अपने कंप्यूटर पर ऑनलाइन ट्रेड कर सकते हैं।
पिछले साल मुहूर्त ट्रेडिंग का प्रदर्शन
पिछले साल बुधवार सात नवंबर को दिवाली थी। उस दिन शाम पांच बजे से 6.40 बजे तक मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र का संचालन हुआ था। गत साल मुहूर्त कारोबार में बीएसई का सेंसेक्स 245.77 अंक चढ़कर 35,183.17 पर बंद हुआ था। एनएसई का निफ्टी 68.40 अंक चढ़कर 10,598.40 पर बंद हुआ था।
मुहूर्त ट्रेडिंग में अधिकतर बाजार तेजी में हुआ है बंद
इस दिन प्रमुख सूचकांक अधिकतर साल तेजी के दायरे में बंद हुए हैं। हालांकि इस दिन ट्रेडिंग का वॉल्यूम कम होता है और शेयरों में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव नहीं होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गत 14 मुहूर्त ट्रेडिंग सत्रों में से 11 मौकों पर मुख्य सूचकांक तेजी के दायरे में बंद हुए हैं। 28 अक्टूबर 2008 को दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग में सेंसेक्स में 5.86 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया था और यह 9,008 पर बंद हुआ था।