नई दिल्ली। प्याज की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है। सरकार की ओर से बफर स्टॉक से खुले बाजार में प्याज, दालों और खाद्य तेल की बिक्री के ऐलान और जमाखोरों पर कार्रवाई के आदेश के बावजूद दाम लगातार बढ़ रहे हैं। प्याज और अदरक के दामों में लगातार बढ़ोतरी ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। स्थानीय सब्जी मंडियों में प्याज 40 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है। वहीं अदरक 150 से 180 रुपये किलो तक लोग खरीद रहे हैं। उत्पादक राज्य कर्नाटक में भी प्याज की कीमतें एक सप्ताह में दोगुनी हो गई हैं।
आजादपुर मंडी के आढ़तियों की मानें तो कीमत में उछाल आने का कारण बारिश और बाढ़ है। कई राज्यों में लगातार बारिश से प्याज और अदरक की फसलें बर्बाद हो गई हैं। ऐसे में आवक में कमी होने के कारण इनकी कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है।
ओनियन ट्रेडर्स एसोसिएशन (आजादपुर) के सेक्रेटरी श्रीकांत मिश्रा ने बताया कि अदरक और प्याज की अधिकतर आवक महाराष्ट्र, कर्नाटक, नासिक के अलावा कई अन्य राज्यों से है। जहां लगातार बारिश के कारण फसलें खराब हो गई है। वहीं प्याज और अदरक के कीमतों में उछाल आने का एक कारण जमाखोरी और मुनाफाखोरी भी है। हलांकि केंद्र सरकार इनके खिलाफ ऐक्शन ले रही है।
जानकारों की मानें तो अभी प्याज और अदरक की कीमतों में और अधिक बढ़ोतरी की संभावना है। जुलाई में होने वाली प्याज की फसल के बाद किसान और व्यापारी इसे स्टॉक कर लेते हैं। किसान और व्यापारी कीमत बढ़ने का इंतजार करते हैं। कीमत बढ़ने पर धीरे-धीरे स्टॉक निकालते हैं।
इस पर सरकार को नकेल कसने की जरूरत है। आजादपुर एपीएमसी के अनुसार, शुक्रवार को मंडी में 1,619.8 टन प्याज की आवक थी। जिसमें राजस्थान से 672.2 टन, एमपी से 649.3 टन, महाराष्ट्र से 298.3 टन की आवक रही। एक्सपर्ट की राय जानने के लिए देखिए वीडियो-
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में प्याज, दालों और खाद्य तेल की बिक्री करेगी। साथ ही कृत्रिम संकट पैदा करने वाले जमाखोरों पर तत्काल कार्रवाई करेगी। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने पिछले दिनों ट्वीट किया कि पिछले कुछ दिन से सरकार की दालों और खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि पर नजर है। इसकी वजह जमाखोरों द्वारा पैदा की गई कृत्रिम कमी है। सरकार उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेगी।