आर्थिक वृद्धि के अनुमान में कटौती के बीच सेंसेक्स 286 अंक टूटा

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मुंबई। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बुधवार को 286 अंक टूटकर 36,690.50 अंक पर बंद हुआ। रिजर्व बैंक के नीतिगत ब्याज दर में कटौती के बावजूद शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गयी। हालांकि केंद्रीय बैंक ने मांग और निवेश में नरमी के बीच चालू वित्त वर्ष के लिये वृद्धि अनुमान को भी कम किया है। तीस प्रमुख शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 286.35 अंक यानी 0.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,690.50 अंक पर बंद हुआ।

कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 37,104.79 तथा नीचे में 36,610.57 अंक तक गया। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 92.75 अंक यानी 0.85 प्रतिशत टूटकर 10,855.50 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 10,835.90 से 10,975.65 अंक के दायरे में रहा। इससे पहले, दिन में भारतीय रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये नीतिगत दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती।

इस कटौती के बाद रेपो दर नौ साल के न्यूनतम स्तर 5.40 प्रतिशत पर आ गयी। यह लगातार चौथा मौका है जब नीतिगत दर में कटौती की गयी है। इसके साथ आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिये वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले, जून में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। ब्याज दर से जुड़े ज्यादातर शेयर नुकसान में रहे।

बीएसई वाहन, बैंक सूचकांक, वित्त और रीयल्टी सूचकांकों में 2.10 प्रतिशत की गिरावट आयी। सेंसेक्स में नुकसान में रहने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, एसबीआई, वेदांता, एक्सिस बैंक, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति, एल एंड टी, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी और कोटक बैंक शामिल हैं। इनमें 5.62 प्रतिशत की गिरावट आयी। वहीं दूसरी तरफ एचयूएल, येस बैंक, हीरो मोटो कार्प, इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, टेक महिंद्रा और इन्फोसिस में 1.95 प्रतिशत तक की तेजी आयी।

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टाक ब्रोकर्स के बुनियादी शोध प्रमुख (निवेश सेवा) और एवीपी इक्विटी रिसर्च नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि आरबीआई के 2019-20 के लिये जीडीपी वृद्धि दर अनुमान कम किये जाने तथा वैश्विक वृद्धि नरमी की आशंका से बाजार में गिरावट आयी। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्की नुकसान में रहे। वहीं हांगकांग का हैंग सेंग में तेजी रही। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी दर्ज की गयी।