मुंबई। देश के प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े लेंडर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने फ्रेशर्स की भर्ती की स्ट्रैटजी में बड़ा बदलाव किया है। बैंक ने डिजिटल दौर में कौशल की बदलती जरूरतों के मद्देनजर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स के साथ समझौता किया है, जहां ग्रेजुएट्स को भर्ती से पहले एक साल का खास कोर्स करना होगा।
बैंक ने बुधवार को मणिपाल ग्लोबल एकेडमी ऑफ बीएफएसआई के साथ एक समझौते का ऐलान किया, जिसका उद्देश्य अगले तीन साल में 5 हजार भर्तियां करना है। इसके लिए उन्हें इंस्टीट्यूट में एक साल तक ट्रेनिंग लेनी होगी। बैंक ने एक बयान में कहा कि नौकरी पाने के इच्छुक लोगों को इस कोर्स के लिए 3.30 लाख और जरूरी करों का भुगतान करना होगा और पहले साल सैलरी के रूप में 4 लाख रुपए मिलेंगे।
इस समझौते के तहत होंगी फ्रेशर्स की भर्तियां
बैंक के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा, ‘डिजिटलाइजेशन के साथ कौशल की जरूरतें बदल रही हैं और पर्सनल बैंकिंग के लिए हमें ऐसे कैंडीडेट्स की जरूरत होती है, जो कस्टमर्स के साथ संवाद के लिए तैयार हों। इस अवधि के दौरान हम अपने यहां फ्रेशर्स की भर्तियां इन समझौतों के माध्यम से ही करेंगे।’फ्रेशर्स हायरिंग का बैंक की कुल हायरिंग में फिलहाल 68 फीसदी योगदान है। बैंक ने वित्त वर्ष 19 में लगभग 10 हजार भर्तियां की थीं, जिससे उसका कुल बेस 98 हजार कर्मचारियों का हो गया है।