रिया-वरुण की फिल्म ‘जलेबी’, जानिए कैसी है, देखिये ट्रेलर

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आपने किसी समझदार इंसान के मुंह से सुना होगा कि जिस बात को अंजाम तक ले जाना मुमकिन न हो, उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ दो! निर्माता महेश भट्ट की ‘जलेबी‘ भी एक ऐसी ही लवस्टोरी है, जो प्यार के सफर पर एक अलग अंजाम तक पहुंचती है। फिल्म की शुरुआत में एक तलाकशुदा राइटर आयशा (रिया चक्रवर्ती) मुंबई से दिल्ली ट्रेन से जा रही है।

इत्तेफाक से ट्रेन में उसके केबिन में ही उसका एक्स हज्बंड देव (वरुण चक्रवर्ती) भी अपनी पत्नी अनु (दिगांगना सूर्यवंशी) और बेटी दिशा के साथ सफर कर रहा था। उन्हें देख कर आयशा की आंखों के सामने उसका बीता हुआ कल और देव के साथ बिताया हुआ खूबसूरत वक्त फ्लैशबैक में घूम जाता है। साथ ही उसके मन में यह सवाल भी आता है कि क्या देव वाकई में उसे प्यार करता था? कहीं उसने उसे धोखा तो नहीं दिया? इन सब सवालों का जवाब आपको भी सिनेमाघर जाकर ही मिलेगा।

जलेबी 2016 में आई बांग्ला फिल्म ‘प्रकटन’ की रीमेक है, जिसका मतलब पिछला है। इस फिल्म में डायरेक्टर पुष्पदीप भारद्वाज ने एक लवस्टोरी के माध्यम से लव ऐट फर्स्ट साइट में यकीन करने वाली युवा पीढ़ी को एक संदेश भी दिया है कि न तो पिंजरे का पंछी आसमान में उड़ पाता है और न ही आसमान का पंछी पिंजरे में रह पाता है!

‘जलेबी’ के सुबह के शो में भले ही लड़के-लड़कियां इसके हॉट पोस्टर को देखकर पहुंचे थे, लेकिन डायरेक्टर ने उन्हें बेहद खूबसूरती से जिंदगी के एक अलग मायने भी समझा दिए कि उनसे मोहब्बत कमाल की होती है, जिनका मिलना किस्मत में नहीं होता! अपनी पहली ही फिल्म में वरुण मित्रा ने अच्छी ऐक्टिंग की है, तो रिया चक्रवर्ती भी अपने रोल में खूब जमी हैं।

वहीं छोटे से रोल में दिगांगना ने भी प्रभाव छोड़ा है। फिल्म बेहद दिलचस्प तरीके से आपको युवा प्रेमियों की जिंदगी दिखाती है, जो बिना सोचे-समझे फैसले ले लेते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का इल्म कतई नहीं होता कि उन्हें निभाना कितना मुश्किल है। लव मैरिज के बाद लड़कियां जहां सपनीली दुनिया का ख्वाब आंखों में लेकर आती हैं, वहीं लड़का उसमें एक आदर्श बहू तलाशता है और दोनों के बीच परेशानियां शुरू हो जाती हैं।

फिल्म के संवाद भी अच्छे बन पड़े हैं। मसलन एक सीन में लड़का कहता है कि ये तंग गलियां नहीं मेरा घर है। जहां दिल होता है, वहीं घर होता है। अगर मैंने ये फैमिली, ये घर छोड़ दिया, तो मैं तुम्हारा कभी हो ही नहीं पाऊंगा, क्योंकि मैं तब मैं, मैं नहीं रहूंगा!

वहीं ट्रेन में इन लोगों के साथ सफर कर रहे नव विवाहित कपल से लेकर एक सिंगर और ओल्ड ऐज कपल तक की कहानी फिल्म में खूबसूरती से पिरोई हुई है, जो आपको जिंदगी की सच्चाइयों से रूबरू कराती हैं। दिल्ली की खूबसूरत लोकेशन भी फिल्म का एक महत्वपूर्ण किरदार है। दो घंटे से भी कम टाइम की फिल्म आपको लगातार बांधे रखती है।फिल्म का तेरे नाम से ही रोशन गाना पहले से ही हिट है। बाकी गाने भी अच्छे बन पड़े हैं। देखिये ट्रेलर-