मार्क जुकरबर्ग के 2 घंटे में डूब गए 1.15 लाख करोड़

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नई दि‍ल्‍ली। आखि‍रकार सोशल मीडि‍या प्‍लेटफॉर्म फेसबुक के स्‍कैंडल का असल कंपनी की ग्रोथ को नुकसान पहुंचाने लगा है। बुधवार को फेसबुक के दूसरे क्‍वार्टर की सेल्‍स और यूजर ग्रोथ एनालि‍स्‍ट के अनुमानों से कम रही और कंपनी ने वॉल स्‍ट्रीट को बताया कि‍ इस साल इन आंकडों में कि‍सी प्रकार का सुधार नहीं होगा। फेसबुक के चीफ फाइनेंशि‍यल ऑफि‍सर डेवि‍ड वेहनर ने कहा कि‍ रेवेन्‍यू ग्रोथ रेट तीसरे और चौथे तिमाही में गि‍रेगी। इस बयान के बाद कंपनी के शेयर्स 24 फीसदी तक गि‍र गए।

वहीं, ब्‍लूमबर्ग बि‍लि‍नि‍यर्स इंडेक्‍स पर फेसबुक के को-फाउंडर Mark Zuckerberg की नेट वर्थ मात्र दो घंटे में 16.8 अरब डॉलर (करीब 1.15 लाख करोड़ रुपए) तक कम हो गई। इतना ही नहीं, एक दि‍न में फेसबुक की मार्केट वैल्‍यू को 151 अरब डॉलर (करीब 10 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान हो गया। ब्‍लूमबर्ग के मुताबि‍क, इतनी नेट वर्थ में बि‍लि‍नि‍यर्स इंडेक्‍स के 87 फीसदी अरबपति‍ लि‍स्‍ट से बाहर हो सकते हैं।

तीसरे से छठे सबसे अमीर हो गए मार्क
मार्क जुकरबर्ग को इस साल 13.7 अरब डॉलर का फायदा हुआ था जोकि‍ पूरा खत्‍म हो गया। जुकरबर्ग की नेट वर्थ 70 अरब डॉलर से कम रह गई है और वह ब्‍लूमबर्ग बि‍लि‍नि‍यर्स इंडेक्‍स में तीसरे से छठे नंबर पर पहुंच गए हैं।

फेसबुक को कई साल से उनके कंटेट पॉलि‍सीज, प्राइवेट डाटा को बचाने में वि‍फल होना और एडवर्टाइजर्स के लि‍ए अपने नि‍यमों को बदलने की वजह से आलोचना का सामना करना पड़ रहा था। अब तब यह परेशानि‍यां बि‍जनेस की सफलता पर असर नहीं डाल रही थीं।

कई अरबपति‍यों की पूरी दौलत के बराबर का नुकसान
रि‍पोर्ट के मुताबि‍क, मार्क जुकरबर्ग का नुकसान कि‍तना बड़ा है कि‍ इसमें कई अरबपति‍यों के पास एक पैसा भी नहीं बचता। इसमें कुछ नाम इस प्रकार हैं: दुनि‍या की दूसरी सबसे बड़ी ब्रेवर Heineken NV की सबसे बड़ी शेयरहोल्‍डर चार्लेन डी कारवाहो हेनि‍कन की नेट वर्थ करीब 16.7 अरब डॉलर है।

दूसरे नामों में चि‍ले की सबसे अमीर फैमि‍ली Iris Fontbona एंड फैमि‍ली जो दुनि‍या के सबसे बड़ी कॉपर प्रोडक्‍युसर कंपनी Antofagasta Plc को चलाते हैं। इसके अलावा, टेनसेंट होल्‍डिंग लि‍. के को-फाउंडर जैग जि‍डोंग की नेट वर्थ 16.2 अरब डॉलर है। इसके अलावा, दुनि‍या के कई अमीर हैं जो इस लि‍स्‍ट में आते हैं।

इससे पहले 2015 में फेसबुक का रेवेन्‍यू रहा था अनुमान से कम
साल 2015 के पहले क्‍वार्टर में कंपनी ने अपने रेवेन्‍यू टारगेट को हासि‍ल नहीं कि‍या था। लेकिन डाटा प्राइवेसी मामले में कड़ी स्‍क्रूटनी का सामना करना पड़ा और मार्क जुकरबर्ग को अमेरि‍की कांग्रेस के सामने कई घंटों तक गवाही देनी पड़ी।

कई देशों में हुए सख्‍त कानूनों से नुकसान
मौजूदा क्‍वार्टर में यूरोप की ओर से नए सख्‍त डाटा कानूनों को लागू कि‍या गया जि‍सके बाद फेसबुक पर डेली वि‍जि‍टर्स कम हो गए। कंपनी को म्‍यांमार और श्रीलंका जैसे देशों में लोगों की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। इन देशों में गलत जानकारी से हिंसा भी हुई। इसके अलावा, 2016 के अमेरिकी राष्‍ट्रपति‍ चुनाव के दौरान रूसी धोखेबाजी में कंपनी को जांच का सामना भी करना पड़ा।

कम हो रहे हैं यूजर्स और रेवेन्‍यू
इन सब परेशानि‍यों का असर फेसबुक के 2.23 अरब एक्‍टि‍व मंथली यूजर्स पर पड़ा, जोकि‍ हमेशा नहीं बढ़ सकते हैं। एक एनालि‍स्‍ट ने कहा कि‍ कोर फेसबुक प्‍लेटफॉर्म गि‍र रहा है। ब्‍लूमबर्ग के मुताबि‍क, जून में फेसबुक ने कहा कि‍ उनके पास 1.47 अरब डेली एक्‍टि‍व यूजर्स हैं जबकि‍ अनुमान 1.48 अरब का था। अमेरि‍का और कनाड़ा में यूजर्स की संख्‍या कम हुई है, यूरोप में 1 फीसदी यूजर्स घट गए हैं। टोटल औसत डेली यूजर्स सालाना आधार पर 11 फीसदी ही बढ़े हैं।