प्रवासी भारतीय कम भेज रहे पैसे, 3 साल में 55 हजार करोड़ की गिरावट

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नई दिल्‍ली। ग्लोबल इकोनॉमी में दबाव का असर अब विदेश में रहने वाले भारतीयों पर भी दिखने लगा है। दरअसल, प्रवासी भारतीयों द्वारा देश में भेजे जाने वाले धन (रीमिटेंस) में 8.53 बिलियन डॉलर यानी करीब 55 हजार करोड़ रुपए की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को सरकार की ओर से संसद में यह जानकारी दी गर्इ।

तीन सालों में 8.53 बिलियन डॉलर की गिरावट
एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए विदेश राज्‍य मंत्री जनरल वीके सिंह ने बताया 2014 – 15 में प्रवासी भारतीयों ने देश में 69.82 बिलियन डॉलर भेजे। गिरावट का यह दौर अब भी जारी है। उन्‍होंने बताया कि 2015-16 में रीमिटेंस के आंकड़े गिरकर 65.59 बिलियन डॉलर पर आ गए थे। वहीं 2016-17 में यह आंकड़ा 61.29 बिलियन डॉलर पर आ गया।

3 करोड़ से ज्‍यादा भारतीय विदेश में
जनरल वीके सिंह ने बताया कि बीते साल अप्रैल से सितंबर के बीच 33.47 बिलियन डॉलर रीमिटेंस देश में आए। इसके आगे उन्‍होंने कहा कि 3 करोड़ से ज्‍यादा भारतीय विदेशों में रह रहे हैं। इनमें सबसे अधिक अमेरिका, सउदी अरब, कनाडा और ऑस्‍ट्रेलिया जैसे देशों में हैं।

क्‍या होता है रीमिटेंस
रीमिटेंस का मतलब उस पैसे से है जो विदेशों में रहकर काम कर रहे लोग अपने देश में अपने परिवारों को बचत या गुजारे के लिए भेजते रहते हैं। बता दें कि भारत फॉरेन एक्सचेंज फंड की जरूरत के लिए रीमिटेंस पर निर्भर नहीं है।

विदेश जाने वालों में आई कमी
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में वर्ल्‍ड बैंक की रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि विदेश जाने वाले भारतीयों में संख्‍या में गिरावट आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में सउदी अरब में 306,000 भारतीय वर्कर्स रजिस्‍टर्ड थे, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 162,000 पर पहुंच गया।

वहीं पाकिस्‍तान के सउदी अरब में रजिस्‍टर्ड माइग्रेट वर्कर की संख्‍या में भी गिरावट आ रही है। 2015 में जहां 522,750 माइग्रेट वर्कर थे वहीं 2016 में यह संख्‍या 462,598 पर पहुंच गई। जुलाई 2016 तक सिर्फ 89,624 पाकिस्‍तानी वर्कर्स सउदी अरब में रजिस्‍टर्ड किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह हैरान करने वाली गिरावट है।