PNB घोटाला: राजस्थान में छोटे ज्वैलर्स की मुश्किलें बढ़ीं, कारोबार घटा

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जयपुर। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में मेहुल चौकसी तथा नीरव मोदी के शामिल होने से छोटे ज्वैलर्स की भी मुश्किलें बढ़ गई है। ज्वैलर्स को दो तरफा मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा। बैंकों व बाजार से पैसा मिलने में मिलने में परेशानी हो रही है, वहीं ग्राहकों का विश्वास डगमगाने से प्रदेश के ज्वैलरी कारोबार में 50 फीसदी तक की कमी आई है।

काबिलेगौर है कि भारत में गोल्ड ज्वैलरी का कारोबार करीब 3 लाख करोड़ रुपए का है। इसमें प्रदेश की हिस्सेदारी पांच फीसदी की है।  ज्वैलर्स का कहना है कि पीएनबी घोटाला खुलने के बाद उनके लिए बैंकों व वित्तीय संस्थानों से लोन लेना मुश्किल हो गया है। फाइनेंसर्स पैसा देने में आनाकानी कर रहे हैं।

इसके चलते छोटे ज्वैलर्स का रोटेशन गड़बड़ाया है। कई छोटे कारखानों में पिछले कुछ दिनों से उत्पादन ठप है। सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी जयपुर के अध्यक्ष कैलाश मित्तल का कहना है कि बजट के बाद ज्वैलरी कारोबार में सुधार की उम्मीद थी।

लेकिन फरवरी में सामने आए नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के घोटाले की वजह से पिछले एक महीने में ज्वैलरी कारोबार आधे से कम रह गया है। ऐसी खबरें भी आई कि गीतांजलि ग्रुप असली हीरों की जगह सिंथेटिक हीरे बेच रहा था। इससे ग्राहकों का विश्वास डगमगाया है।

बुलियन डीलर और कमेटी के उपाध्यक्ष मनीष खूंटेटा का कहना है कि पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद सोना-चांदी के कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ा है। कुछ छोटे व्यापारियों का भी पैसा फंसा होने की आशंका है।

कारखानों में खाली बैठे है कई कारीगर
प्रदेश में करीब पांच लाख लोग ज्वैलरी कारोबार से जुड़े हैं। अकेले जयपुर में ही दो लाख लोग इस कारोबार में है। इनमें करीब 50,000 कारीगर शामिल है। कारीगरों में से अधिकांश दिहाड़ी पर काम करते हैं।

इसके मद्देनजर काम कम होने से कई ज्वैलरी कारखानों में कारीगर ताश खेलकर टाइम पास कर रहे हैं। दिहाड़ी पर काम करने वाले कारीगरों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।

हालमार्किंग अनिवार्यता से कारोबार में सुधार संभव
ज्वैलर्स संगठनों का मानना है कि सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई तो हीरे जड़े और प्लेन गोल्ड ज्वैलरी की मांग में सुधार की संभावना है। सरकार ने जनवरी से हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के संकेत दिए थे, लेकिन अब तक नियम-कायदे तय नहीं हो सके। इसलिए इसमें देरी हो रही है।