सिर्फ पैसे से मंदिर निर्माण नहीं होता, इसके लिए श्रद्धा भी जरूरी: आदित्य सागर महाराज

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कुंदकुंद नगर नांता में ऋषभदेव मंदिर का शिलान्यास

कोटा। परिष्कृत आत्मा ही परमात्मा है। जिनालय की स्थापना ही जिन शासन की स्थापना है। भारत में पहले बहुत अधिक धर्म प्रभावना थी, जैसे राजा संप्रति ने सवा लाख जिन मंदिरों की स्थापना करवाई थी। आचार्य आदित्य सागर महाराज ने यह बात कुंदकुंद नगर नांता में भगवान श्री ऋषभदेव मंदिर के शिलान्यास समारोह में कही।

उन्होंने जोर देकर कहा कि जिनालय की स्थापना सम्यक्त्व वर्धनी क्रिया है जो पुण्य देती है। उन्होंने लोगों को प्रोत्साहित किया कि वे अधिक से अधिक जिनालय स्थापित करें। उन्होंने कहा कि जब गली-गली में पाप के साधन बन रहे हैं, तो गली-गली में पुण्य के साधन भी होने चाहिएं। उन्होंने लोगों को आलोचनाओं की परवाह न करने और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखने की सलाह दी।

मुनि आदित्य सागर ने अपने नीति प्रवचन में मुख्यतः मंदिर स्थापना और आत्म शोधन की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ के पपौरा क्षेत्र में 108 मंदिरों की स्थापना एक-एक परिवार ने की है और मंदिरों के निर्माण में एकता और सहयोग का महत्व दिखता है। उन्होंने एक ऐसे मंदिर का उल्लेख किया, जिसे सास-बहू ने मिलकर अपने पैसे जोड़कर बनवाया था और उस मंदिर का नाम सास-बहू का मंदिर रखा गया है।

मंदिर निर्माण सिर्फ पैसे से नहीं होता, इसके लिए श्रद्धा और जुड़ाव आवश्यक हैं। वह कहते हैं कि आज भी कई मंदिर ऐसे हैं जो बन नहीं पा रहे, जबकि पैसा और व्यवस्थापक दोनों ही उपलब्ध हैं। इसलिए मंदिर निर्माण के समय लोगों को पुण्य की कामना के साथ अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि आत्मशोधन की प्रक्रिया में तप, त्याग, संयम, स्वाध्याय और ध्यान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन साधनों को अपनाकर ही व्यक्ति आत्मा को परमात्मा में परिवर्तित कर सकता है।

चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकमचंद पाटनी एवं महामंत्री पारस बज आदित्य ने बताया कि आदित्य सागर महाराज ससंघ ने दिगंबर जैन मंदिर, ऋषभ दिगंबर जैन मंदिर, कुंदकुंद नगर नांता एवं अतिशयकारी नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में शिलान्यास किया। इस अवसर पर अप्रमित सागर, मुनि सहज सागर महाराज, क्षुल्लक श्रेय सागर महाराज की पावन उपस्थिति भी रही।

राजेंद्र गोधा ने बताया कि कुंदकुंद नगर नांता में भगवान श्री ऋषभदेव मंदिर का शिलान्यास गुरुदेव के सान्निध्य में बाबरिया परिवार द्वारा किया गया। माइलस्टोन स्टोन टाउनशिप में शिलान्यास कर्ता परिवार प्रवीणचंद्र राजेंद्रकुमार अरिहंत बाकलीवाल परिवार खजुरी वाले रहे।

इस अवसर पर सकल समाज के संरक्षक राजमल पाटौदी, अध्यक्ष विमल जैन नांता, कार्याध्यक्ष जेके जैन, पारस जैन, चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकमचंद पाटनी, मंत्री पारस बज, कोषाध्यक्ष निर्मल अजमेरा, ऋद्धि-सिद्धि जैन मंदिर अध्यक्ष राजेंद्र गोधा, सचिव पंकज खटोड़, कोषाध्यक्ष ताराचंद बड़ला, पारस कासलीवाल, पारस लुहाड़िया, दीपक नांता, पीयूष बज, दीपांशु जैन, राजकुमार बाकलीवाल, जंबू बज, महेंद्र गोधा, पदम बाकलीवाल, अशोक पापड़ीवाल सहित कई शहरों के श्रावक उपस्थित रहे।