कोटा/जयुपर। Love Your Eyes Kids: विश्वभर में प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के दूसरे गुरूवार को विश्व दृष्टि दिवस (वर्ल्ड साईट डे) का आयोजन किया जाता है। 10 अक्टूबर को विश्वभर मे मनाये जाने वाले विश्व दृष्टि दिवस की थीम है ‘लव योवर आईज किड्स’ (love your eyes kids)।
आज की डिजिटल दुनिया में, जहाँ स्क्रीन हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गई हैं, आँखों की देखभाल पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। दिनांक 10 अक्टूबर, 2024 को विश्व दृष्टि दिवस के उपलक्ष्य में विश्व दृष्टि दिवस की थीम के तहत जागरूकता पोस्टर का विमोचन जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल जयपुर में किया गया।
पोस्टर विमोचन का उद्देश्य बच्चों में तेजी से बढ़ती मायोपिया (निकट दृष्टिदोष) एवं स्मार्ट फोन के बढ़ते उपयोग के कारण होने वाली डिजिटल विज़न सिन्ड्रोम की समस्या से निदान पाने के लिए स्कूलों एवं बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच जागरूकता बढ़ाना है।
नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय ने बताया कि वर्ष 2024 में लगभग 2.6 बिलियन लोग दुनियाभर में मायोपिया नामक दृष्टि दोष से ग्रसित हैं और 2050 तक यह संख्या 5 बिलियन तक पहुँचने की आशंका है। बच्चों में माइनस के चश्में का नम्बर बहुत तेजी से बढ़ने की समस्या भारत एवं विश्वभर में बहुत तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण बच्चों का डिजिटल स्क्रीन पर बहुत अधिक समय बिताना और बाहर खेलने में कमी आना है।
कोविड-19 के बाद भी चलने वाली ऑनलाइन शिक्षा एवं पेपरलेस डिजिटल स्मार्ट स्कूल के ट्रैंड ने बच्चों का स्क्रीन टाइम और बढ़ा दिया, जिससे मायोपिया की समस्या और गंभीर हो गई है। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि बच्चों के लंबे समय तक स्क्रीन देखने से उनकी आँखों पर दबाव बढ़ता है, जिससे डिजिटल आई स्ट्रेन की समस्या हो जाती है। इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि बच्चे स्क्रीन से ब्रेक लें और रोज़ अथवा सप्ताह में एक बार कुछ घंटे डिजिटल उपवास अपनाते हुए प्राकृतिक रोशनी में बिताएं।
डॉ. जयश्री पेरीवाल ने बताया कि स्मार्ट फोन एडिक्शन की समस्या बच्चों में बहुत तेजी से बढ़ रही है। स्मार्ट फोन के अत्यधिक उपयोग से जहां एक ओर बच्चों में तनाव, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता की कमी, अनिद्रा आदि समस्याऐं आ रही है वहीं दूसरी ओर ऐसे बच्चों का सामाजिक मेलजोल भी बहुत कम होता जा रहा है।
आयुष पेरीवाल ने बताया कि जयश्री पेरीवाल स्कूल समूह के बच्चों को डिजिटल डिटॉक्स और डिजिटल डिवाईसेज से ब्रेक लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। स्कूलों में खेलकूद और एक्स्ट्राकरिकुलर गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाती है ताकि बच्चों के व्यक्त्वि का सर्वांगीण विकास हो सके एवं बच्चों की आँखों की सेहत बरकरार रहें।
डॉ. सुरेश पाण्डेय ने बच्चों की आँखों की देखभाल के लिए 20-20-20 नियम अपनाने की सलाह दी इसके अनुसार हर 20 मिनट के स्क्रीन टाइम के बाद 20 फीट दूर किसी चीज को 20 सेकंड तक देखें। इसके साथ ही, उन्होंने सही पोषण और वर्ष में एक बार नियमित आँखों की जांच की भी सलाह दी, ताकि बच्चों की आँखों की रोशनी लम्बे समय तक स्वस्थ बनी रहे।