16 उपवास करने वाले 1, 10 उपवास करने वाले 80 और प्रतिभाओं को किया गया पुरस्कृत
कोटा। क्षमावाणी का पर्व मन को मोड़ने का पर्व है और दूसरों से जोड़ने का पर्व है। मन के सभी कषाय समाप्त कर दिल से अपने कृत्यों, जाने-अनजाने कामों से दूसरों को पहुंचे कष्ट की माफी मांगने का पर्व है। यह बात विशुद्धसागर जी महाराज के शिष्य आदित्यसागर मुनिराज ने सकल समाज के कुन्हाड़ी में आयोजित सामूहिक क्षमावाणी पर्व पर कही।
उन्होंने दशलक्षण पर्व की समाप्ति के उपरांत क्षमावाणी पर्व 11वें दिन ही आयोजित करने के लिए कहा। उन्होंने जैन को परिभाषित करते हुए कहा कि जो जिनेन्द्र भगवान की संतान है, उनके दिखाए मार्ग पर चलता है वही जैन है। हमें पंथ व सम्प्रदाय में नहीं बंटना है। कोई परिचय पूछे तो कहना है, ‘हम जैन हैं।’ उन्होंने कहा कि क्षमावाणी का अर्थ तब है जब हम दूसरों की भूलों को भूलना सीखें। उन्होंने बताया कि क्षमा करने से न केवल दूसरों को, बल्कि स्वयं को भी मानसिक शांति मिलती है। क्षमा मांगने वाला व क्षमा करने वाला दोनों ही वीर हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, विधायक संदीप शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश जैन मड़िया, राजमल पाटौदी, सकल दिगंबर जैन समाज समिति के अध्यक्ष विमल चंद जैन नांता, कार्याध्यक्ष जेके जैन व प्रकाश बज, महामंत्री विनोद जैन टोरड़ी, प्रवक्ता मनोज जैन आदिनाथ, वरि. उपा. नरेश जैन वैद, महिला अध्यक्ष निशा जैन वैद, चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम चंद पाटनी, मंत्री पारस बज, कोषाध्यक्ष निर्मल अजमेरा, ऋद्धि-सिद्धि जैन मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा, सचिव पंकज खटोड़, कोषाध्यक्ष ताराचंद बड़ला, पारस कासलीवाल, पारस लुहाड़िया, संजय लुहाड़िया, कपिल जैन, विजय दुगेरिया, गुलाबचंद चुनेवाला आदि जैन समाज के प्रबुद्ध लोग सामूहिक सभा स्थल रजत सिटी के सामने, महाराणा प्रताप सर्किल के पास ऋद्धि सिद्धि नगर कुन्हाड़ी में उपस्थित रहे।
शिखर जैन पाटौदी व संजय लुहाड़िया ने अपने भजनों की सरिता भी बहाई। इससे पूर्व जैन मंदिर ऋद्धि-सिद्धि नगर कुन्हाड़ी द्वारा मंगलाचरण किया गया। प्रतिभा सम्मान के उपरांत, सकल जैन समाज के पदाधिकारियों ने गुरूदेव को श्रीफल चढ़ाया। अंत में इंद्र ने भगवान श्री जी का अभिषेक किया। कार्यक्रम का संचालन संजय सांवला व अनिकेत सबदरा ने किया।
भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी राजस्थान अंचल में सकल कार्याध्यक्ष जे के जैन को विशिष्ठ उपाध्यक्ष व एडवोकेट संदीप जैन को उपाध्यक्ष नियुक्त करने पर सम्मानित किया गया। महेन्द्र बगड़ा (मौसम त्रिपाल) को दान श्रीमणि रत्न से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में आदित्यसागर मुनिराज की रचित 3 पुस्तकें धम्मं—सदगं, पंचम राष्ट्रीय प्राकृत शिक्षण शिविर, व्यसन त्याग रहस्य का विमोचन किया गया। गुरुदेव आदित्य सागर के पाद प्रक्षालन का अवसर सकल दिगंबर जैन समाज युवा प्रकोष्ठ को प्राप्त हुआ।
मांगी उत्तम क्षमा, किया पुरस्कृत
क्षमावाणी के पर्व पर सकल दिगंबर जैन समाज के द्वारा आयोजित सामूहिक क्षमावाणी पर्व पर लोगों ने कर बद्ध होकर एक दूसरे के सम्मुख सिर झुकाकर उत्तम क्षमा मांगी और जाने-अनजाने हुई गलतियों की क्षमा मांगी। इस अवसर पर समाज की ओर से दशलक्षण धर्म पर्व में 16 उपवास करने वाले दादाबाड़ी निवासी महावीर जैन, 10 दिनों तक उपवास करने वाले 80 पुरुष व महिलाओं को माला, शॉल व प्रशस्ति पत्र समाज अध्यक्ष विमल जैन नांता, कार्याध्यक्ष जेके जैन व प्रकाश बज, उपाध्यक्ष राजमल पाटोदी, टीकम पाटनी, राजेन्द्र गोधा, पारस बज, निर्मल अजमेर, पंकज खटोड़, कोषाध्यक्ष ताराचंद बड़ला, पारस लुहाड़िया ने भेंट किया। इस मौके पर समाज की प्रतिभाओं को भी पुरस्कृत किया गया। इस वर्ष एमबीबीएस व सी ए की डिग्री प्राप्त करने वाले, खेल की दुनिया में राष्ट्रीय व राज्य व जिला स्तर पर पदक प्राप्त करने वाले, शैक्षणिक प्रतिभाओं तथा विभिन्न मंदिर समितियों के पदाधिकारियों व कार्यक्रम सहयोगियों को मंच पर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय पर्व बने क्षमावाणी
अध्यक्ष विमल जैन नांता ने अपने उद्बोधन में क्षमावाणी पर्व को राष्ट्रीय क्षमावाणी दिवस मनाने की मांग ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के समक्ष रखी और केन्द्र तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयास किया जाए जब एक साथ सामूहिक रूप से समस्त भारत में सामूहिक क्षमा पर्व घोषित हो। उन्होंने क्षमा की शुरुआत घर से प्रारंभ करने की बात कही और कहा कि पहली क्षमा घर के सदस्यों व साथी सहयोगियों से मांगे। मंत्री हीरालाल नागर ने जैन दर्शन व धर्म की विशेषताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत व उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं, जैन दर्शन एक इंद्रिय जीव की रक्षा की बात करती है। हर व्यक्ति जैन दर्शन से अहिंसा व मानवता की सीख ले सकता है। पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि यदि संतोष व सुख जीवन में चाहिए तो भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चलकर ही संभव है। उन्होंने भी क्षमावाणी पर्व को अंतरराष्ट्रीय पर्व बनाने की अपील की। विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि मन के अहंकार का अंत कर, कषायों को दूर कर, मन वचन कर्म से उत्तम क्षमा का पर्व क्षमावाणी एक दूसरे से जोड़ने का पर्व है। क्षमा ऐसा भाव है जो सभी धर्मों को एक जगह खड़ा करता है। हर धर्म में क्षमा के महत्व को बताया गया है। क्षमा से क्षय का नाश होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में आधी परेशानियां व कलह को क्षमा स्वतः ही समाप्त कर देती है।
शोभायात्रा में निकले श्री जी
मुनि आदित्य सागर, मुनि अप्रमित सागर एवं मुनि सहज सागर महाराज ससंघ के पावन सान्निध्य में जिनेंद्र भगवान की भव्य शोभायात्रा ऋद्धि -सिद्धि नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर से प्रारंभ हुई। शोभायात्रा में इंद्र व समाज बंधु सम्मिलित रहे। मंदिर समिति अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा व चातुर्मास समिति अध्यक्ष टीकम पाटनी ने बताया कि रथ पर जिनेंद्र भगवान एवं जिनवाणी के साथ मुनि संघ के जयकारों के साथ हजारों श्रावक पैदल चलते हुए सभा स्थल पर पहुंचे। पुरुषों ने सफेद रंग के कुर्ते पजामे व महिलाएं लाल चुनरी में शोभायात्रा में नजर आईं। हजारों श्रद्धालु बैंड बाजे के साथ हाथों में ध्वजा लेते हुए जयकारों के साथ समारोह स्थल तक पहुंचे। इस अवसर पर चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम चंद पाटनी, मंत्री पारस बज, कोषाध्यक्ष निर्मल अजमेरा, ऋद्धि-सिद्धि जैन मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा, सचिव पंकज खटोड़, कोषाध्यक्ष ताराचंद बडला, पारस कासलीवाल, पारस लुहाड़िया, दीपक नांता, पीयूष बज सहित कई शहरों के श्रावक शोभायात्रा में शामिल रहे।