कोटा एयरपोर्ट के मामले में गुमराह कर रही सरकार: शांति धारीवाल

0
34

कांग्रेस की पिछली सरकार के शासनकाल में जब कोटा उत्तर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक शांति धारीवाल नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री थे, तब उनके विभाग के सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण निर्णय किये गये थे, जिनमें कोटा में प्रस्तावित ग्रीनफ़ील्ड एयरपोर्ट के लिए भूमि आवंटन का मामला भी एक है। शांति धारीवाल का आरोप है कि इस मसले पर राजस्थान सरकार जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है कि वह प्रस्तावित ग्रीनफ़ील्ड एयरपोर्ट के लिए भूमि आवंटित करने जा रही है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि इस बारे में ज्यादातर औपचारिकतायें कांग्रेस सरकार के शासनकाल में ही पूरी कर ली गई थी।

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।
राजस्थान के पूर्व नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री एवं कोटा उत्तर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक शांति धारीवाल ने कोटा में प्रस्तावित ग्रीनफ़ील्ड़ एयरपोर्ट के लिए भूमि आवंटन के मामले में राज्य सरकार और भाजपा के अन्य जनप्रतिनिधियों पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता पिछली कांग्रेस सरकार की उपलब्धियोें को अपने खाते में दर्ज करवाने की कोशिश कर रही है।

शांति धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अब यह कहा जा रहा है कि वह कोटा में नए हवाईअड्डे के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करवायेगी जबकि तथ्यात्मक सच्चाई यह है कि पिछली कांग्रेस सरकार के शासनकाल में ही कोटा में नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए जमीन आवंटित कर दी गई थी।

शांति धारीवाल ने यह भी दावा किया कि वन विभाग से भूमि ड़ायवर्जन के लिए कांग्रेस सरकार के शासनकाल में ही तात्कालिक कोटा नगर विकास न्यास पैसा जमा करवा चुका है जिसका श्रेय भी भाजपा सरकार और उसके जनप्रतिनिधि लेने की कोशिश कर रहे हैं।

शांति धारीवाल ने कहा कि ऐसी ओर भी बहुत सी योजनाएं है जो कांग्रेस के कार्यकाल में बनी जिनका राज्य सरकार नाम बदलकर या नये सिरे से तैयार कर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है।

शांति धारीवाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने 12 जुलाई को एक आदेश जारी कर आवाप्त भूमि के बदले विकसित भूमि देने की नीति बनाने की घोषणा की है, जबकि कांग्रेस सरकार ने एक जून 2022 को यह नीति बना कर जारी कर दी थी जिसमें बाद में कांग्रेस सरकार के शासनकाल में ही कुछ संशोधन भी किये गये।

इसी नीति को अब बिना किसी फ़ेरबदल के पूर्ववत ही जारी करके मौजूदा सरकार वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार के शासनकाल में बनी नीति को ही बिना किसी फ़ेरबदल के लागू करना था तो इस पर इतने समय काम क्यों रोका गया?

श्री धारीवाल का आरोप है कि पिछले सात माह के कार्यकाल में मौजूदा सरकार की एक भी ऐसी उपलब्धि नहीं है, जिसे वह अपनी बता कर उपलब्धि का श्रेय ले सके। इस दौरान सरकार ने या तो कांग्रेस सरकार के शासनकाल में बनी जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद किया है या फिर उनका नाम बदलकर अपने खाते में दर्ज करवाने की कोशिश कर श्रेय लेने की कोशिश की है।

नगरीय विकास एवं स्वायत्त विभाग का उदाहरण देते हुए पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पिछले सात माह के शासनकाल में मौजूदा सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे नगरीय निकायों की आय बढ़े और वे आर्थिक रूप से सक्षम बने। बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति होने के कारण सामान्य रूप से कामकाज नहीं हो पा रहा है।